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मध्य प्रदेश के इस शहर में कहर बरपा रहा Measles, 9 सवालों में समझें इस बीमारी से जुड़े सभी जवाब

मध्य प्रदेश के मैहर जिले (Maihar District) में लगातार खसरे यानी मीजल्स (Measles) के मामले सामने आ रहे हैं। यहां इस संक्रमण से दो बच्चों की मौत हो चुकी है जबकि 17 मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग इस बीमारी को फैलने से रोकने के प्रयासों में लगा हुआ है। आइए 9 सवालों से समझें इस बीमारी से जुड़ी सभी बातें-

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Published: Thu, 22 Feb 2024 06:30 AM (IST)Updated: Thu, 22 Feb 2024 07:11 AM (IST)
जानें क्या है मध्य प्रदेश में फैल रहा मीसल्स

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मैहर जिले (Maihar District) में बीते कुछ दिनों से लगातार खसरे यानी मीजल्स (Measles) के मामने सामने आ रहे हैं। जानकारी के मुताबिक यहां अभी तक 17 बच्चे इस संक्रमण से संक्रमित हो चुके हैं, जबकि दो बच्चों की इससे मौत होने की खबर है। बढ़ते मामलों के बाद अब इलाके में स्कूल तीन दिनों के लिए बंद कर दिए गए हैं। वर्तमान में, संक्रमित बच्चों में से सात की अस्पताल में देखभाल की जा रही है। साथ ही स्वास्थ्य विभाग इस बीमारी को फैलने से रोकने के प्रयासों में लगा हुआ है।

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बीते महीने यूरोप में भी इसके मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिली थी। यह एक संक्रामक बीमारी है, जो गंभीर रूप ले सकती है। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम 9 सवालों के जरिए जानेंगे मीजल्स यानी खसरे से जुड़ी सभी जरूरी बातों के बारे में-

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क्या है मीजल्स?

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के मुताबिक मीजल्स एक बेहद संक्रामक वायरल इन्फेक्शन है, जो मीजल्स वायरस (MeV) के कारण फैलता है। इस वायरस की ही वजह से इसे मीजल्स नाम से जाना जाता है। यह बीमारी मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित करती है, लेकिन यह कमजोर इम्युनिटी वाले किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है।

मीजल्स के लक्षण क्या हैं?

  • थकान और कमजोरी
  • मुंह के अंदर छोटे सफेद धब्बे
  • आंखों में रेडनेस और पानी आना
  • आंखों में सूजन (कंजंक्टिवाइटिस)
  • तेज बुखार (101°F से अधिक होना)
  • गले में खराश और निगलने में कठिनाई
  • लगातार खांसी, नाक बंद होना या बहना
  • लाल-धब्बेदार दाने, जो चेहरे पर शुरू होकर पूरे शरीर में फैल जाते हैं

कितना संक्रामक है खतरा?

मीजल्स एक वायुजनित यानी एयरबोर्न डिजीज है, जो किसी संक्रमित व्यक्ति के छींकने, खांसने या बात करने पर सांस की बूंदों से फैलता है। यह वायरस कई घंटों तक हवा में रह सकता है, जिससे यह भीड़-भाड़ वाली या कम हवा वाली जगहों पर ज्यादा संक्रामक हो जाता है।

क्या बिना लक्षण वाले व्यक्ति से फैल सकता है मीजल्स?

मीजल्स एक संक्रामक बीमारी है, जो लक्षण और बिना लक्षण वाले किसी संक्रमित व्यक्ति से दूसरे में फैल सकता है। इससे संक्रमित व्यक्ति लक्षण नजर आने से पहले ही वायरस फैला सकते हैं, जिसकी वजह से इस बीमारी की पहचान करना और इसे फैलने से रोकना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।

खसरे का इलाज कैसे किया जाता है?

इस संक्रमण के इलाज के लिए कोई विशेष एंटीवायरल ट्रीटमेंट नहीं है, इसलिए इसके इलाज के तौर पर इसके लक्षणों को कम करने और जटिलताओं को रोकने पर ध्यान केंद्रित करता है। इसमें आराम, हाइड्रेशन, बुखार कम करने वाली दवाएं और सही देखभाल शामिल हो सकती है। गंभीर मामलों में, हॉस्पिटल में भर्ती होना जरूरी हो सकता है।

संक्रमण रोकने में मीजल्स की वैक्सीन कितनी असरदार है?

मीजल्स, मंप्स और रूबेला (एमएमआर) वैक्सीन अभी भी मीजल्स को रोकने का सबसे प्रभावी तरीका है। राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के रूप में भारत में नियमित तौर पर बच्चों को यह वैक्सीन लगाई जाती है, जो उन्हें लंबे समय तक सुरक्षा देता है और ऐसी बीमारियों के प्रकोप से बचाने में मदद करता है।

अगर बचपन में एमएमआर वैक्सीन नहीं लगी, तो क्या वयस्क के रूप में इसे ले सकते हैं?

हां, वयस्कों के लिए भी मीजल्स की वैक्सीन लेना सुरक्षित है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार बिना टीकाकरण वाले वयस्कों को 28 दिनों के गैप पर टीके की दो खुराक लेनी चाहिए।

क्या यह गंभीर बीमारी या लंबी स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है?

मीजल्स निमोनिया समेत गंभीर रेस्पिरेटरी संबंधी जटिलताओं का कारण बन सकता है, जो खसरे से संबंधित मौतों का प्रमुख कारण होता है। दिमाग में सूजन इसकी एक दुर्लभ लेकिन गंभीर जटिलता है, जो करीब 1,000 मामलों में से 1 में होती है। यह छोटे बच्चों या कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों के लिए घातक हो सकता है। इसके अलावा मीजल्स के हेल्थ पर कुछ लॉन्ग टर्म इफेक्ट्स हो सकते हैं, जिसमें विजन लॉस, न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लम और खराब इम्यून फंक्शन शामिल हैं।

मीजल्स से सुरक्षा के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

अच्छी तरह से स्वच्छता का पालन करना चाहिए। खांसी और छींक हुए मुंह को ढंककर और बीमार व्यक्तियों के साथ निकट संपर्क से बचकर खसरे को फैलने से रोका जा सकता है। इसके अलावा वायरस को फैलने से रोकने के लिए संक्रमित व्यक्तियों को दूसरे से अलग आइसोलेट करें।

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Picture Courtesy: Freepik


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