नॉन स्मोकर्स में बढ़ रहे Lung Cancer के मामले, वजह जानकर हैरान रह जाएंगे आप
भारत की राजधानी में वायु प्रदूषण कहर बरपा रहा है। जिस वजह से उन लोगों में भी Lung Cancer की बीमारी बढ़ रही है जो नॉन स्मोकर्स हैं। इसका मुख्य कारण पैसिव स्मोकिंग रेडॉन वायु प्रदूषण और पारिवारिक इतिहास है। हमने आपको कुछ लक्षण बताएं हैं जिन्हें आपको बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। वहीं कुछ सावधानी बरतने से भी कुछ हद तक बचाव किया जा सकता है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में स्मोकिंग को लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। ताकि वे गंभीर बीमारियाें से खुद काे सुरक्षित रख सकें। वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने कभी भी स्मोक नहीं किया और वे Lung Cancer जैसी गंभीर बीमारी का शिकार हो रहे हैं। हाल ही में हुई एक स्टडी से पता चला है कि Air Pollution इसका जिम्मेदार हो सकता है। बताया जा रहा है कि स्मोक न करने वालों के लिए फिलहाल कोई स्क्रीनिंग गाइडलाइंस नहीं हैं, जिससे शुरुआती स्टेज में इस बीमारी का पता लगाया जा सके।
Lung Cancer के बढ़ते मामलों के पीछे Air Pollution जिम्मेदार माना जा रहा है। दिल्ली जैसे शहर में AQI बेहद खराब है। प्रदूषण बच्चों के लिए एक गंभीर खतरा बन गया है। पीएम 2.5 जैसे सूक्ष्म कण सांस संबंधी बीमारियों को बढ़ा देते हैं और लंबे समय तक संपर्क में रहने से फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। एक हालिया शोध से पता चला है कि भारत में फेफड़े के कैंसर के ज्यादातर रोगी धूम्रपान न करने वाले हैं। यह वायु प्रदूषण के बढ़ते संपर्क के कारण है।
ये है Lung Cancer का मुख्य कारण
आमतौर पर Lung Cancer का मुख्य कारण सिगरेट, पाइप या सिगार पीना होता है। लेकिन भारत जैसे देश में ये बीमारी स्मोक या सिगार न पीने वालों में ज्यादा देखी जा रही है। इसका मुख्य कारण पैसिव स्मोकिंग, रेडॉन, वायु प्रदूषण और पारिवारिक इतिहास है। इसके अलावा जो लोग पार्टिकुलेट मैटर के संपर्क में ज्यादा देर तक रहते हैं उनमें भी Lung के सेल्स में बदलाव देखने को मिलते हैं। जिस कारण इस कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
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वायु प्रदूषण के कारण होता है कैंसर
हालांकि इन दिनों नॉन स्मोकर्स में एडेनोकार्सिनोमा नाम का कैंसर बढ़ रहा है जो कि लंग कैंसर का ही एक प्रकार है। ये लंग के बाहरी परत से शुरू होता है और धीरे-धीरे पूरे हिस्से को प्रभावित कर देता है। ये कैंसर वायु प्रदूषण के कारण ही होता है। इसीलिए लोगों को मास्क लगाने ही सलाह दी जाती है। कहा जाता है कि वायु प्रदूषण के संपर्क में ज्यादा देर तक रहने से इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।
स्मोक करने वालों के आसपास न रहें
इसके अलावा स्मोक करने वालों के आसपास रहने से भी कैंसर का खतरा होता है। ऐसे वातावरण में रहना जहां सिगरेट का धुआं मौजूद हो, फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है। कुछ मामलों में लंग कैंसर का कारण पारविारिक इतिहास भी हो सकता है। स्मोक का असर दिल पर भी पड़ता है। दरअसल धूम्रपान के संपर्क में आने से ब्लड वेसेल्स सिकुड़ सकती हैं। खून जमने का खतरा बढ़ जाता है। ब्रोंकाइटिस और अस्थमा अटैक भी हो सकता है।
लंग कैंसर के लक्षण
- लगातार खांसी आना
- सांस फूलना
- सीने या कंधे में दर्द
- मुंह से खून आना
- थकान
- जोड़ों में दर्द
- खाना निगलने में कठिनाई
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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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