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    शरीर के अंदरूनी अंगों में खून जमने की समस्या हो सकती है जानलेवा, लक्षणों को न करें इग्नोर

    By Priyanka SinghEdited By:
    Updated: Fri, 23 Jul 2021 08:39 AM (IST)

    सांस लेने में तकलीफ छाती में दर्द दिल की धड़कन तेज होना हल्का बुखार खांसी के साथ खून आना जैसे लक्षण नजर आएं तो इसे इग्नोर करने की गलती बिल्कुल न करें क्योंकि ये हो सकती है अंदरूनी अंगों में ब्लड क्लॉटिंग की समस्या।

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    मनुष्य के शरीर में ब्लड की तस्वीर

    ब्लड क्लॉटिंग की प्रक्रिया इंसान के लिए जीवन रक्षक का काम करती है इससे तो आप वाकिफ होंगे ही, लेकिन अंदरूनी अंगों के लिए खून का जमना घातक साबित होता है। शरीर के कई हिस्से हैं जो ब्लड क्लॉटिंग की चपेट में आ सकते हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में।

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    फेफड़े

    श्वसन-तंत्र से जुड़े महत्वपूर्ण अंग फेफड़ों में भी ब्लड क्लॉट की समस्या होती है, जिसे पल्मोनरी एम्बोलिज्म कहा जाता है। फेफड़ों में ब्लड क्लॉट होने पर कई तरह की समस्याएं महसूस होने लगती है। सांस लेने में तकलीफ, छाती में दर्द, दिल की धड़कन तेज होना, हल्का बुखार, खांसी के साथ खून आना जैसे लक्षण नजर आते हैं। ऐसी स्थिति में व्यक्ति को बिना देर किए डॉक्टर से सलाह लेनी चाइिए।

    मस्तिष्क

    शरीर के किसी अन्य हिस्से से रक्त प्रवाह के जरिए खून के थक्के ब्रेन तक पहुंच जाते हैं या यहां अपने आप भी थक्के बन सकते हैं। ऐसी स्थिति में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। जिसकी वजह से तेज सिरदर्द, नॉजिया, चक्कर आना, आवाज या चाल में लड़खड़ाहट, नज़र में धुंधलापन जैसे लक्षण नजर आते हैं। शरीर का कोई एक हिस्सा लकवाग्रस्त हो सकता है, जिससे व्यक्ति चलने-फिरने में असमर्थ हो जाता है।

    दिल की धमनियां

    हृदय में मौजूद रक्तवाहिका धमनियां शरीर के सभी हिस्सों तक खून पहुंचाने का काम करती हैं। कई बार ब्लड वेसेल्स में क्लॉट बनने पर रक्त का प्रवाह पूरी तरह या आंशिक रूप से अवरूद्घ हो जाता है। इससे हृदय को ऑक्सीजन नहीं मिल पाता। ऐसे स्थिति में सीने में दर्द होता है और हार्ट अटैक की आंशका बढ़ जाती है।

    आंखों के लिए नुकसानदेह

    कई बार आंखों में भी ब्लड क्लॉटिंग हो जाती है, जिससे आंखों की रोशनी हमेशा के लिए जा सकती है। ऐसे में अचानक दिखना बंद होना या तेज दर्द की समस्या हो सकती है।

    संभावित खतरे

    अगर कोई व्यक्ति किसी गंभीर बीमारी के कारण लंबे समय से बेड रेस्ट पर हो, कुछ ही दिनों पहले कोई सर्जरी हुई हो, कैंसर का उपचार चल रहा हो, वजन बहुत ज्यादा हो या बीमारी की फैमिली हिस्ट्री रही हो तब भी उसे ब्लड क्लॉटिंग की समस्या हो सकती है।

    Pic credit- Pixabay