क्या हर चीज में केचअप मिलाता है आपका बच्चा?️ अगर हां, तो चुपके से सेहत को पहुंच रहे 5 नुकसान
आजकल बाजार में मिलने वाला टोमैटो केचअप बच्चों और बड़ों दोनों की थाली में शामिल हो गया है। इसका मीठा और चटपटा स्वाद बच्चों को बहुत पसंद आता है, लेकिन इसमें असली टमाटर नहीं होता। इसमें टमाटर प्यूरी, चीनी, सिरका, नमक, आर्टिफिशियल फ्लेवर और प्रीजर्वेटिव्स होते हैं, जो बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। इसके सेवन से मोटापा, पाचन संबंधी समस्याएं और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

बच्चों के लिए केचअप: फायदे या नुकसान? (Picture Credit- Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आज के दौर में मार्केट में मिलने वाला टमाटर केचअप बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी की थाली में जगह बना चुका है। इसका मीठा, चटपटा स्वाद बच्चों को इतना भाता है कि वे हर खाने के साथ इसे मांगते हैं। पेरेंट्स भी यह सोचकर संतुष्ट हो जाते हैं कि इसमें टमाटर होता है, इसलिए यह सेहत के लिए ठीक होगा।
लेकिन सच्चाई यह है कि मार्केट में मिलने वाला केचअप असली टमाटर नहीं, बल्कि टमाटर प्यूरी, रिफाइंड शुगर, सिरका, नमक, आर्टिफिशियल फ्लेवर और प्रिजर्वेटिव्स का मिक्सचर होता है, जो सेहत के लिए बेहद हानिकारक है, खासकर बच्चों के लिए। बच्चों का शरीर विकास की अवस्था में होता है और ऐसे में केचअप जैसी चीजें उनके मानसिक और शारीरिक विकास को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती हैं। तो आइए जानते हैं कि कैसे केचअप बच्चों की सेहत पर बुरा प्रभाव डालता है
बहुत चीनी और मोटापा
केचअप में रिफाइंड शुगर और हाई फ्रक्टोज कॉर्न सिरप (HFCS) का अधिक इस्तेमाल होता है, जो बच्चों में मोटापा तेजी से बढ़ाता है। इससे भविष्य में डायबिटीज और हार्मोनल असंतुलन का खतरा भी बढ़ सकता है।
भूख पर असर और पोषण की कमी
केचअप का नियमित सेवन बच्चों की स्वाद इंद्रियों को प्रभावित करता है, जिससे उन्हें नॉर्मल न्यूट्रीशन से भरपूर भोजन उबाऊ लगने लगता है।इसका परिणाम यह होता है कि बच्चा बैलेंस्ड डाइट से दूर हो जाता है और आवश्यक विटामिन्स व मिनरल्स की कमी होने लगती है।
डाइजेस्टिव सिस्टम पर प्रभाव
बच्चों का पाचन तंत्र बेहद सेंसिटिव होता है। केचअप में मौजूद एसिडिक तत्व, सिरका और प्रीजर्वेटिव्स गैस, अपच, पेट दर्द और एसिडिटी जैसी समस्याएं पैदा कर सकते हैं।
मानसिक स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव
इसमें मिलाए गए आर्टिफीशियल कलर, स्वाद और प्रीजर्वेटिव्स बच्चों के मस्तिष्क पर बुरा असर डाल सकते हैं। इससे चिड़चिड़ापन, एकाग्रता में कमी, हाइपरएक्टिविटी और व्यवहार में बदलाव जैसी समस्याएं देखी गई हैं।
बीमारियों का खतरा
बचपन में अगर केचअप का ज्यादा सेवन हो, तो यह शरीर में धीमा जहर बनकर काम करता है। इससे बाद में हाई ब्लड प्रेशर, फैटी लिवर और मेटाबॉलिक सिंड्रोम जैसी बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।
स्वाद के लिए बच्चों को केचअप देना उनके स्वास्थ्य के साथ समझौता करना है। बेहतर होगा कि घर में बने ताजे टमाटर की चटनी, दही या मिंट डिप जैसे प्नेचुरल ऑप्शन अपनाएं, जिससे बच्चा स्वाद के साथ सेहतमंद भी बना रहे।
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Disclaimer: लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो, तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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