Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    World IVF Day 2025: आईवीएफ ट्रीटमेंट के दौरान मह‍िलाओं को नहीं करनी चाह‍िए 6 गलतियां, हो जाएगा नुकसान

    Updated: Fri, 25 Jul 2025 08:34 AM (IST)

    माता-पिता बनना हर जोड़े का सपना होता है। जब यह सपना अपने आप पूरा नहीं होता तो वे मेडिकल साइंस की मदद लेते हैं। आईवीएफ यानी इन विट्रो फर्टिलाइजेशन एक ऐसा इलाज है जिससे कई कपल्स माता-पिता बन चुके हैं। वर्ल्ड आईवीएफ डे के मौके पर हम जानेंगे कि आईवीएफ ट्रीटमेंट के दौरान कौन-सी गलतियां इसकी सफलता पर असर डाल सकती हैं।

    Hero Image
    आईवीएफ ट्रीटमेंट करवा रही महिलाएं न करें ये गलतियां (Image Credit- Freepik)

    लाइफस्‍टाइल डेस्‍क, नई द‍िल्‍ली। माता-पिता बनना हर कपल का सपना होता है। लेकिन जब किसी वजह से ये सपना अपने आप पूरा नहीं हो पाता, तो लोग मेडिकल साइंस की मदद लेते हैं। आज के समय में टेक्‍नोलाॅजी बहुत ज्‍यादा आगे बढ़ चुकी है। उसी में से एक IVF यानी इन विट्रो फर्टिलाइजेशन है जो एक ऐसा इलाज बन गया है, जिसकी मदद से कई कपल्स माता-पिता बनने का सुख पा चुके हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ये तकनीक उन लोगों के लिए एक उम्मीद है, जि‍न्‍हें लंबे समय से संतान सुख नहीं म‍िल पा रहा है। हालांकि IVF एक मॉडर्न और असरदार तरीका जरूर है, लेकिन इसके सक्‍सेस होने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है। कभी-कभी छोटी-छोटी गलतियां या लापरवाही इस ट्रीटमेंट के असर को कम कर सकती हैं। इससे कई बार पूरा इलाज भी फेल हो सकता है। ऐसे में जरूरी है कि आईवीएफ के पूरे प्रॉसेस में न सिर्फ डॉक्टर की सलाह मानी जाए, बल्कि खुद भी जागरुक रहा जाए।

    अगर आप या आपके जानने वाले इस ट्रीटमेंट से गुजर रहे हैं, तो आपको कुछ आम बातों को जानना और समझना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। आज हम आपको World IVF Day के मौके पर बताएंगे कि IVF ट्रीटमेंट के दौरान कौन-सी गलतियां इसकी सफलता पर असर डाल सकती हैं। आइए जानते हैं व‍िस्‍तार से -

    35 वर्ष की उम्र में ज्‍यादा सक्‍सेस होता है IVF

    नर्चर IVF क्‍लीन‍िक की स्‍पेशल‍िस्‍ट डॉ. अर्चना धवन बजाज ने बताया क‍ि 35 वर्ष से पहले IVF की सफलता की दर ज्यादा होती है। लेकिन 38 या 40 की उम्र के बाद ये दर तेजी से गिरती है। उम्र के ह‍िसाब से जल्दी फैसले लेना जरूरी होता है। इसके अलावा उन्‍होंने सलाह दी कि‍ स्‍मोक‍िंग, शराब, अत्यधिक कैफीन, जंक फूड और तनाव का सीधा असर फर्टिलिटी और IVF के रिजल्ट पर पड़ता है। 

    समय-समय पर जांच जरूरी

    उन्‍होंने कहा क‍ि IVF की प्रक्रिया में हार्मोनल दवाएं, समय-समय पर जांच और नियमित फॉलोअप जरूरी होता है। कई बार मरीज डॉक्टर की सलाह को नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे ट्रीटमेंट फेल हो सकता है। वहीं कुछ कपल प्रजनन संबंधी पिछली बीमारियों या आदतों को डॉक्टर से नहीं बताते, जिससे उन्हें सही ट्रीटमेंट प्लान नहीं मिल पाता।

    डॉक्‍टर ने दी जानकारी

    डॉ. आभा जैन (MD (ओबीजी), चीफ गायनेकोलॉज‍िस्‍ट, इनफर्टिल‍िटी एंड IVF कंसल्‍टेंट) ने बताया क‍ि टेस्ट ट्यूब बेबी (IVF) संतान सुख की प्राप्‍त‍ि कराने में मददगार साबित होती है। कुछ सावधानी नहीं बरतने पर सफलता की दर कम हो जाती है। जैसे की  अनहेल्‍दी लाइफस्‍टाइल, नींद की कमी, तनाव, धूम्रपान और शराब का सेवन आपके ल‍िए खतरनाक हो सकता है। वहीं खानपान में लापरवाही, मोटापा, ज्‍यादा मोबाइल चलाने से भी आपके हार्मोन पर असर डालता है। उन्‍होंने कहा क‍ि IVF को सफल बनाने के ल‍िए योग करें। अपने आप को मानसिक रूप से मजबूत बनाएं। सबसे जरूरी है क‍ि धैर्य बनाए रखें।

    ज्यादा स्‍ट्रेस लेना

    IVF ट्रीटमेंट के दौरान महिला को कई तरह की टेस्‍ट और इलाज करवाने पड़ते हैं। इससे शारीरिक थकान के साथ मानसिक तनाव भी बढ़ जाता है। लेकिन आपको बता दें क‍ि ये तनाव IVF की सफलता में रुकावट बन सकता है। इसलिए कोशिश करें कि खुद को शांत रखें और मन को रिलैक्स करें।

    गलत लाइफस्टाइल और खानपान

    अनहेल्‍दी लाइफस्‍टाइल और जंक फूड जैसी चीजें शरीर पर बुरा असर डालती हैं। IVF के दौरान हेल्दी डाइट, अच्‍छी नींद और समय पर दवा लेना बहुत जरूरी है। लापरवाही आपके ल‍िए खतरा पैदा कर सकती है।

    ट्रीटमेंट में देर करना

    जब महिला नेचुरल तरीके से कंसीव नहीं कर पाती है, तो कई बार वो देर तक दूसरे तरीकों पर निर्भर रहती है। इससे उम्र बढ़ती जाती है, जो IVF की सफलता को प्रभावित कर सकती है। सही समय पर फैसला लेना जरूरी है।

    यह भी पढ़ें: क्या है आईवीएफ? फर्टिलिटी एक्सपर्ट ने बताया Step-by-Step पूरा प्रोसेस

    गूगल पर मेडिकल जानकारी ढूंढना

    ट्रीटमेंट के दौरान शरीर में कुछ बदलाव या परेशानी महसूस होने पर कुछ लोग गूगल पर बचाव के तरीके सर्च करने लगते हैं। ऐसा करने के बजाय आपको डॉक्टर से बात करनी चाह‍िए। इंटरनेट की जानकारी हमेशा सही नहीं होती और भ्रम पैदा कर सकती है।

    बहुत ज्यादा रेस्ट करना

    ट्रीटमेंट के दौरान आराम जरूरी है, लेकिन हर समय बिस्तर पर लेटे रहना सही नहीं है। हल्की-फुल्की एक्‍ट‍िव‍िटीज करना और दूसरों से बात करते रहना आपको मेंटली स्‍ट्रॉन्‍ग बनाएगा।

    यह भी पढ़ें: क्‍या आप भी IVF से जुड़े इन 5 म‍िथकों पर करते हैं भरोसा? डॉक्‍टर ने बताया इसके पीछे का सच