रोजाना 6 घंटे से कम सोना शरीर के लिए कितना खतरनाक? देर रात तक जागने वाले जरूर पढ़ें यह बात
क्या आप भी उन लोगों में से हैं जो देर रात तक मोबाइल टीवी या लैपटॉप में लगे रहते हैं? क्या आपको लगता है कि सिर्फ 5-6 घंटे की नींद काफी है? अगर हां तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है। मॉर्डन लाइफस्टाइल में नींद को अक्सर सेकंड थिंग माना जाता है लेकिन यह एक ऐसी जरूरत है जिसे नजरअंदाज करने से शरीर को गंभीर नुकसान हो सकते हैं।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। क्या आप भी देर रात तक मोबाइल की दुनिया में खोए रहते हैं और सुबह अलार्म बजने से पहले ही उसे बंद कर देते हैं? क्या आपको लगता है कि सिर्फ 5-6 घंटे की नींद से काम चल जाएगा? अगर हां, तो यह आर्टिकल एक बार जरूर पढ़ लीजिए।
दरअसल, आप जाने-अनजाने में अपनी सेहत के साथ एक ऐसा समझौता कर रहे हैं, जिसका नतीजा आगे चलकर बहुत महंगा पड़ सकता है। जी हां, यह आर्टिकल सिर्फ एक चेतावनी नहीं, बल्कि उन खतरों का आईना (Sleep Deprivation Effects) है, जिन्हें हम 'कम नींद' समझकर अनदेखा कर देते हैं।
6 घंटे से कम सोने के खतरे
हेल्थ एक्सपर्ट मानते हैं कि एक वयस्क व्यक्ति को हर दिन 7-8 घंटे की गहरी नींद लेनी चाहिए। इससे कम सोने से आपके शरीर और दिमाग पर कई नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं।
दिल और दिमाग पर सीधा हमला
एक रिसर्च के अनुसार, जो लोग लगातार 6 घंटे से कम सोते हैं, उनमें दिल और दिमाग से जुड़ी बीमारियों का खतरा तीन गुना तक बढ़ जाता है। नींद की कमी से ब्लड प्रेशर बढ़ता है, जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
डायबिटीज का खतरा
कम नींद लेने से शरीर में इंसुलिन का संतुलन बिगड़ जाता है। इससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है और आप टाइप-2 डायबिटीज के शिकार हो सकते हैं।
वजन बढ़ना
नींद पूरी न होने पर भूख बढ़ाने वाला हार्मोन 'ग्रेलिन' बढ़ जाता है और भूख को नियंत्रित करने वाला हार्मोन 'लेप्टिन' कम हो जाता है। यही वजह है कि कम सोने वाले लोगों को अक्सर ज्यादा भूख लगती है और वे अनहेल्दी चीजें खाकर वजन बढ़ा लेते हैं।
कमजोर इम्यून सिस्टम
जब हम सोते हैं, तो हमारा शरीर बीमारियों से लड़ने के लिए जरूरी प्रोटीन और साइटोकिन बनाता है। नींद की कमी होने पर यह प्रक्रिया धीमी हो जाती है, जिससे आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है और आप बार-बार बीमार पड़ सकते हैं।
मेंटल हेल्थ पर असर
नींद की कमी से दिमाग पर सीधा असर होता है। इससे चिड़चिड़ापन, तनाव, एंग्जाइटी और डिप्रेशन जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। इसके अलावा, आपकी याददाश्त कमजोर हो सकती है और किसी भी काम पर ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो जाता है।
त्वचा और उम्र पर प्रभाव
कम नींद लेने से आपकी त्वचा पर बुरा असर पड़ता है। डार्क सर्कल, रूखापन और समय से पहले झुर्रियां पड़ना आम बात है। यह आपके शरीर के बुढ़ापे की प्रक्रिया को भी तेज कर देता है।
जिस तरह शरीर को भोजन और पानी की जरूरत होती है, उसी तरह अच्छी नींद भी उतनी ही जरूरी है। अगर आप हेल्दी रहना चाहते हैं, तो देर रात तक जागने की आदत को बदलें और हर दिन 7 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लें।
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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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