समोसा-जलेबी के शौकीन हैं, तो जरूर पढ़ें यह खबर! डॉक्टर बता रहे हैं महीने में कितनी बार खाना है 'सेफ'
समोसा-जलेबी कई लोगों का पसंदीदा स्ट्रीट फूड है जिसे लोग बड़े चाव से खाते हैं। हालांकि इन्हें खाना सेहत के लिए कई तरह से हानिकारक होता है। खासकर डीप फ्राई होने की वजह से इससे कई तरह के नुकसान होते हैं। ऐसे में डॉ. करुणा चतुर्वेदी ने बताया कि कितनी मात्रा में इन्हें खाना सुरक्षित है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। बीते दिनों कई मीडियो रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया था कि समोसा, कचौरी, जलेबी जैसे फूड्स पर चेतावनी लेबल लगाया जाएगा। हालांकि, हाल ही में सरकार की तरफ से यह साफ किया गया है कि इन फूड्स पर ऐसा कोई लेवल नहीं लगाया जाएगा। पीआईबी की तरफ से एक पोस्ट जारी कर यह बताया गया कि इस फूड्स पर कोई स्वास्थ्य चेतावनी नहीं लगाई जाएगी।
ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या कि समोसा-जलेबी जैसा फूड्स सेहत के लिए हानिकारक हैं या नहीं। इसका जवाब जानने के लिए हमने मैक्स सुपर स्पेशैलिटी हॉस्पिटल, नोएडा में क्लीनिकल न्यूट्रिशन की हेड डॉ. करुणा चतुर्वेदी ने जाना कि कैसे सेहत के लिए हानिकारक होते हैं समोसा और जेलेबी और इसे कितना खाना खतरनाक नहीं है।
डॉक्टर ने बताया कि समोसा और जलेबी एक लोकप्रिय भारतीय स्नैक्स हैं, जो अपने स्वाद के लिए तो पसंद किए जाते हैं, लेकिन स्वास्थ्य पर इनके बुरे प्रभाव भी पड़ते हैं। हालांकि कभी-कभार इन्हें खाना ठीक है, लेकिन इन्हें अपने आहार का नियमित हिस्सा बनाना गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकता है। आइए जानें कि ये स्नैक्स आपके शरीर पर कैसे असर डालते हैं:-
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डीप फ्राई और ट्रांस फैट
समोसे और जलेबी दोनों को डीप फ्राई किया जाता है, जिससे इनमें ट्रांस फैट और सेचुरेटेड फैट का लेवल काफी बढ़ जाता है। ट्रांस फैट विशेष रूप से हानिकारक होते हैं क्योंकि ये खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को बढ़ाते हैं और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को कम करते हैं। शरीर के इस असंतुलन से हार्ट डिजी, आर्टरीज में रुकावट और अन्य दिल से जुड़ी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।
हाई शुगर और ग्लाइसेमिक इंडेक्स
जलेबी को चीनी की चाशनी में भिगोया जाता है, जिससे इसमें चीनी की मात्रा बहुत ज्यादा हो जाती है। इससे ब्लड शुगर का लेवल तेजी से बढ़ता है, जिससे टाइप 2 डायबिटीज और इंसुलिन रेजिस्टेंस का खतरा बढ़ जाता है। दूसरी ओर, समोसे में अक्सर मैदा और आलू होते हैं, जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज्यादा होता है और ये ब्लड शुगर के लेवल पर समान रूप से असर डाल सकते हैं।
पाचन और वजन बढ़ना
मैदा, तली हुई चीजें और चीनी - ये तीनों ही इन स्नैक्स को पचाना मुश्किल बना देते हैं। नियमित सेवन से आपका मेटाबॉलिज्म धीमा हो सकता है और चर्बी जमा हो सकती है, जिससे समय के साथ मोटापा बढ़ सकता है। इन फूड्स में न्यूट्रिशनल वैल्यू बहुत कम या न के बराबर होती है।
किन लोगों को करना चाहिए परहेज
अब आप यह तो जान ही गए होंगे कि समोसा-जलेबी जैसे फूड्स कितने हानिकारक होते हैं। हालांकि, कुछ लोगों के लिए यह ज्यादा नुकसानदेह हो सकते हैं। डायबिटीज के मरीजों को जलेबी में चीनी की ज्यादा होने के कारण इससे दूर रहना चाहिए। वहीं, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट डिजीज से पीड़ित लोगों को फैट और नमक की मात्रा के कारण इन दोनों स्नैक्स से बचना चाहिए। गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को भी इन्हें सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए।
कितना खाना सुरक्षित है?
इस सवाल के जवाब में डॉक्टर ने बताया कि अगर आप स्वस्थ हैं, तो हफ्ते में एक से ज्यादा नहीं समोसा नहीं खाना चाहिए। वहीं जलेबी महीने में एक या दो बार, थोड़ी मात्रा में खाना चाहिए। समोसे और जलेबी भले ही ललचाते हों, लेकिन इन्हें सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए। कभी-कभार स्वाद के लिए इनका आनंद लेना ठीक है, लेकिन इन्हें नियमित रूप से अपने आहार में शामिल करने से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
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