आज ही खाने में इन चीजों का न करें इस्तेमाल, बढ़ रहा है लोगों में पेट संबंधित कैंसर; डॉक्टरों ने दी चेतावनी
दिल्ली में डॉक्टरों ने फास्ट फूड और प्रोसेस्ड फूड के बढ़ते इस्तेमाल को कैंसर का एक बड़ा कारण बताया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सम्मेलन में विशेषज्ञों ने कहा कि इससे पाचन तंत्र से जुड़े कैंसर बढ़ रहे हैं। गंगाराम अस्पताल के डॉ. सौमित्र रावत ने बताया कि पिछले 25 सालों में ऐसे मामले दोगुने हो गए हैं। अब खानपान की गलत आदतें भी कैंसर का खतरा बढ़ा रही हैं।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। तंबाकू व धूमपान कैंसर का एक बड़ा कारण तो पहले से ही है। अब खानपान में फास्ट फूड का अधिक इस्तेमाल और प्रसंस्कृत (प्रोसेस्ड) खाद्य वस्तुओं के बढ़ते इस्तेमाल भी कैंसर का एक बड़ा कारण बनने लगा है। इससे पाचन तंत्र व पेट से संबंधित कैंसर बढ़ रहा है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के पूर्वी दिल्ली शाखा द्वारा आयोजित एक स्वास्थ्य सम्मेलन में डाक्टरों ने यह बात कही। डॉक्टरों ने इस सम्मेलन में कैंसर की बीमारियों से बचाव के लिए लोगों में जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया।
पाचन तंत्र से संबंधित कैंसर दोगुना बढ़ गया
गंगाराम अस्पताल के सर्जिकल गैस्ट्रोइंटेरोलाजी विभाग के चेयरमैन पद्म श्री डॉ. सौमित्र रावत ने बताया कि 20 से 25 वर्ष पहले की तुलना में पाचन तंत्र से संबंधित कैंसर दोगुना बढ़ गया है। इससे मौजूदा समय में कैंसर के करीब 30 प्रतिशत मामले भोजन नली, पेट, छोटी आंत, बड़ी आंत, लिवर व पैंक्रियाज के कैंसर से जुड़े होते हैं। पहले लोग घर का बना देशी खानपान इस्तेमाल करते थे। इसलिए पाचन तंत्र से संबंधित कैंसर बहुत कम होता था।
पश्चिमी देशों की तरह अब यहां भी लोग फास्ट फूड, पैकेट व डिब्बा बंद खाद्य वस्तुओं का इस्तेमाल अधिक करने लगे हैं। प्रसंस्कृत खानपान में हानिकारक रसायन होते हैं, जो धीरे-धीरे कैंसर का कारण बनता है। मोटापा भी पेट से संबंधित कैंसर का कारण बन रहा है। इसलिए लोगों को अपने फिटनेस पर ध्यान देना चाहिए। खानपान में फल, हरी सब्जियों और पौष्टिक आहार इस्तेमाल करना चाहिए।
ज्यादातर मरीज एडवांस स्टेज में इलाज के लिए पहुंचते
उन्होंने बताया कि जागरूकता के अभाव कैंसर के ज्यादातर मरीज एडवांस स्टेज में इलाज के लिए पहुंचते हैं। यदि भोजन निगलने में परेशानी होने लगे तो यह भोजन नली के कैंसर का संकेत हो सकता है। भोजन के बाद यदि अक्सर पेट में भारीपन रहना पेट के कैंसर व शौच में खून आना कोलोरेक्टल कैंसर का लक्षण हो सकता है।
शरीर का वजन अचानक ज्यादा कम होना भी कैंसर का लक्षण होता है। यदि ऐसी कोई समस्या हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। बीमारी की जल्दी पहचान होने से इलाज ज्यादा बेहतर हो सकता है।
तंबाकू व धूमपान ओरल कैंसर का बड़ा कारण
गंगाराम अस्पताल के बोर्ड प्रबंधन के चेयरमैन डॉ. अजय स्वरूप ने कहा कि तंबाकू व धूमपान ओरल कैंसर का बड़ा कारण है। मुंह में छाले या जख्म होने पर लोग अक्सर नजरअंदाज करते हैं। मुंह में हुआ जख्म यदि एक सप्ताह में ठीक नहीं होता है तो यह कैंसर का संकेत हो सकता है। इसलिए इसका तुरंत इलाज कराना चाहिए।
कार्यक्रम में शामिल हुए विधायक और यूरोलॉजी के विशेषज्ञ डॉ. अनिल गोयल ने कहा कि पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर की समस्या भी बढ़ रही है। 40 वर्ष से अधिक उम्र के बाद सभी पुरुषों को स्क्रीनिंग करानी चाहिए। आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में सर्विकल कैंसर, ओरल कैंसर सहित कई तरह के कैंसर की स्क्रीनिंग पर जोर दिया जा रहा है। इससे मरीजों की जल्दी पहचान कर इलाज करने में मदद मिलेगी।
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