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    Hormonal Changes: लाइफ की इन 5 स्टेजेस में महिलाओं की ओरल हेल्थ को प्रभावित करता है हार्मोनल बदलाव

    By Swati SharmaEdited By: Swati Sharma
    Updated: Fri, 29 Dec 2023 12:30 PM (IST)

    महिलाओं के पूरे जीवन में उनकी लाइफ में काफी बदलाव होते हैं जिसकी वजह है हार्मोन्स में बदलाव। इस कारण से महिलाओं की ओरल हेल्थ काफी प्रभावित होती है। इसलिए जरूरी है कि महिलाएं इन बदलावों को समझकर अपनी ओरल हेल्थ का ख्याल रखें। ओरल हेल्थ का ख्याल न रखने की वजह से कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। जानें कैसे रखें अपनी ओरल हेल्थ का ध्यान।

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    महिलाओं में होने वाले हार्मोनल बदलाव बन सकते हैं ओरल हेल्थ की समस्याओं की वजह

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Hormonal Changes:  महिलाओं के शरीर में बचपन से लेकर बुढ़ापे तक, ऐसे कई बदलाव आते हैं, जिनकी वजह से उनके शरीर में काफी हार्मोनल बदलाव भी आते हैं। हार्मोनल बदलाव की वजह से शरीर के नॉर्मल काम करने के तरीके में बदलाव आ सकते हैं, जो कई बार नुकसानदेह भी हो सकते हैं। हार्मोन्स में बदलाव की वजह से कई बार ओरल हेल्थ पर भी प्रभाव पड़ता है। हार्मोन्स में बदलाव की वजह से, महिलाओं की ओरल हेल्थ पर काफी प्रभाव पड़ता है। लेकिन ऐसा क्यों होता है? ओरल हेल्थ का हार्मोन्स से क्या कनेक्शन हो सकता है। आइए जानते हैं, महिलाओं में होने वाले हार्मोनल बदलाव, कैसे आपकी ओरल हेल्थ को प्रभावित करते हैं।

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    आमतौर पर, महिलाओं के जीवन में पांच स्टेज होते हैं, जब उनके शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं। ये स्टेजेस हैं, टीनेजर्स, पीरियड्स, बर्थ कंट्रोल पिल्स का इस्तेमाल, प्रेग्नेंसी और मेनोपॉज। लेकिन कई बार पीसीओडी, एंडोमेट्रिओसिस जैसी बीमारियों की वजह से भी हार्मोन्स में बदलाव हो सकते हैं। हर स्टेज में कैसे हार्मोन्स ओरल हेल्थ को प्रभावित कर सकते हैं।

    प्यूबर्टी (Puberty)

    प्यूबर्टी वह स्टेज होती है, जब लड़कियों के शरीर में कई बदलाव आते हैं। वे लड़कपन से निकलकर किशोरावस्था की ओर कदम बढ़ाती हैं। इस दौरान शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का लेवल बढ़ जाता है, जिस वजह से मसूड़ों में ब्लड फ्लो बढ़ जाता है, जिस कारण से आमतौर पर बर्श या फ्लॉस करते समय मसूड़ों से खून आने की समस्या हो सकती है।

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    पीरियड्स ( Periods)

    पीरियड्स के दौरान प्रोजेस्टेरोन का लेवल बढ़ जाता है, जिस वजह से मसूड़ों में सूजन होने की संभावना रहती है। इस कारण से कई बार पीरियड्स के समय मेंसुरेशन जिंजिवाइटिस हो सकता है, जो पीरियड्स के एक-दो दिन बाद खुद ही ठीक भी हो जाता है। इसके अलावा, स्लाइवरी ग्लैंड में सूजन, छाले आदि की समस्या भी हो सकती है।

    ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स ( Oral Contraceptive Pills)

    बर्थ कंट्रोल पिल्स में प्रोजेस्टेरोन, एस्ट्रोजन जैसे हार्मोन होते हैं, जो हमारी ओरल हेल्थ के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इस कारण से बॉडी का टॉक्सिन्स के खिलाफ रिएक्शन तेज हो जाता है और मसूड़ों में सूजन हो सकती है।

    प्रेग्नेंसी (Pregnancy)

    प्रेग्नेंसी के दौरान हार्मोनल बदलाव की वजह से प्रेग्नेंसी जिंजिवाइटिस हो सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान कई हार्मोन्स में बदलाव होते हैं, जिसे आपके बॉडी का बैक्टिरीया के खिलाफ रिएक्शन में परिवर्तन हो सकता है। इसलिए दूसरे से आठवें महीने तक जिंजिवाइटिस का खतरा काफी बढ़ जाता है।

    मेनोपॉज ( Menopause)

    मेनोपॉज के दौरान महिलाओं की ओरल हेल्थ में काफी बदलाव आते हैं। सलाइवा कम होने की वजह से मुंह सूखना, सेंसिटिविटी का बढ़ना, दांतो का कमजोर होना जैसी कई परेशानियां हो सकती हैं। यह एस्ट्रोजन लेवल कम होने की वजह से होता है।

    इनके अलावा, पीसीओस जैसी बीमारियों की वजह से भी कई ओरल हेल्थ से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए इस दौरान आपकी ओरल हेल्थ का ख्याल रखना जरूरी है।

    कैसे रखें ओरल हेल्थ का ख्याल?

    • रोज दिन में दो बार ब्रश करें।
    • खाने के बाद कुल्ला करें या माउथ वॉश का इस्तेमाल करें।
    • सॉफ्ट ब्रिसल्स वाले टूथ ब्रश का इस्तेमाल करें।
    • रोज नियमित तौर से फ्लॉस करें।
    • अधिक शुगर वाले खाने से परहेज करें।
    • हरी सब्जियां, फल आदि को अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं।
    • हर छः महीने पर डेंटिस्ट से मिलकर चेकअफ कराएं।
    • भरपूर मात्रा में पानी पीएं।

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    Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

    Picture Courtesy: Freepik

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