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    Glioma नाम की बीमारी से जूझ रहीं थीं हॉलीवुड एक्‍ट्रेस केली मैक, जानें क्‍या हैं इसके लक्षण और कारण

    Updated: Sat, 09 Aug 2025 04:51 PM (IST)

    हॉलीवुड एक्ट्रेस केली मैक जो वेब सीरीज वॉकिंग डेड से मशहूर हुईं का 33 साल की उम्र में निधन हो गया। वह ग्लियोमा नाम की एक गंभीर बीमारी से जूझ रही थीं। ग्लियोमा एक प्रकार का ट्यूमर है जो दिमाग या रीढ़ की हड्डी में बनता है। इस बीमारी के लक्षण शरीर में पहले से नजर आने लगते हैं।

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    क्‍या होती है Glioma नाम की बीमारी? (Image Credit- Freepik/Instagram)

    लाइफस्‍टाइल डेस्‍क, नई द‍िल्‍ली। वेब सीरीज वॉकिंग डेड से पॉपुलर हुई हाॅलीवुड एक्‍ट्रेस केली मैक की हाल ही में 33 साल की उम्र में मौत हाे गई। कम उम्र में ही एक्‍ट्रेस की अचानक हुई मौत से हॉलीवुड इंडस्‍ट्री में शोक की लहर है। बताया जा रहा है क‍ि एक्‍ट्रेस एक गंभीर बीमारी से जूझ रहीं थीं। ज‍िसका नाम ग्लियोमा (Glioma) है। ये एक खतरनाक बीमारी है। लेक‍िन क्‍या आप इस बीमारी के बारे में जानते हैं?

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    जबसे एक्‍ट्रेस की मौत हुई है तबसे लाेग इस बीमारी के बारे में जानना चाह रहे हैं। आज का हमारा लेख भी इसी व‍िषय पर है। हम आपको बताएंगे क‍ि ग्‍ल‍ियोमा आख‍िर कौन सी बीमारी होती है। इसके लक्षण क्‍या हैं और इससे सबसे ज्‍यादा खतरा क‍िसे होता है। आइए जानते हैं व‍िस्‍तार से -

    क्‍या है ग्‍ल‍ियोमा (Glioma)?

    क्‍लीवलैंड क्‍लीन‍िक के मुातब‍िक, ग्लियोमा एक तरह का ट्यूमर है जो दिमाग (Brain) या रीढ़ की हड्डी (Spinal Cord) में बनता है। ये आमतौर पर तब होता है जब ग्लियल सेल्स (Glial Cells), जो हमारी नसों को सपोर्ट करते हैं और दिमाग के काम में मदद करते हैं, अनियंत्रित तरीके से बढ़ने लगते हैं। ज्यादातर ग्लियोमा दिमाग में होते हैं, लेकिन ये रीढ़ की हड्डी में भी बन सकते हैं।

    ग्लियोमा को प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर (Primary Brain Tumor) भी कहा जाता है, यानी क‍ि ये दिमाग के अंदर ही शुरू होते हैं और आमतौर पर शरीर के दूसरे हिस्सों में नहीं फैलते हैं। फिर भी, ये खतरनाक हो सकते हैं क्योंकि इन्हें सर्जरी से हटाना मुश्किल हो सकता है। ऊपर से ये दिमाग के अलग-अलग हिस्सों में फैल सकते हैं।

    ग्लियोमा के टाइप्‍स

    • एस्ट्रोसाइटोमा (Astrocytoma): ये एस्ट्रोसाइट नाम की सेल्स से बनते हैं। इनमें सबसे खतरनाक प्रकार ग्लियोब्लास्टोमा होता है, जो तेजी से बढ़ता है। ये आमतौर पर बच्चों में पाया जाता है।
    • एपेंडिमोमा (Ependymoma): ये एपेंडिमोसाइट सेल्स से बनते हैं, अक्सर दिमाग की वेंट्रिकल्स या फ‍िर रीढ़ की हड्डी में। ये सेर‍िब्रोस्‍पाइनल फ्लूइड (cerebrospinal fluid CSF) के जरिए फैल सकते हैं, लेकिन शरीर के बाहर नहीं जाते हैं।
    • ओलिगोडेंड्रोग्लियोमा (Oligodendroglioma): ये धीरे-धीरे बढ़ते हैं लेकिन समय के साथ गंभीर हो सकते हैं। ये आमतौर पर युवाओं में पाए जाते हैं।

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    क‍िन्‍हें होता है सबसे ज्‍यादा खतरा?

    • बच्चे (12 साल से कम) और बुजुर्ग (65 साल से ऊपर)
    • गोरे लोगों में
    • जिनके परिवार में ऐसे ट्यूमर का इतिहास हो
    • पुरुषों को थोड़ा ज्यादा खतरा होता है
    • लंबे समय तक रेडिएशन या कुछ जहरीले केमिकल्स के संपर्क में आने वाले लोग

    क्‍या हैं इसके लक्षण?

    • बोलने या समझने में दिक्कत होना
    • नजर धुंधली होना या खो जाना
    • सोचने-समझने में परेशानी होना
    • चलने में दिक्‍कत महसूस होना
    • चक्कर, सिरदर्द, मतली आना
    • शरीर के एक हिस्से में कमजोरी या सुन्नपन होना
    • दौरे पड़ना
    • व्यवहार में बदलाव आना

    क्‍या हैं र‍िस्‍क

    • दिमाग में खून बहना
    • दिमाग का अपनी जगह से खिसकना
    • दिमाग में पानी भरना
    • द‍िमाग में दबाव बढ़ना
    • बार-बार दौरे आना

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    Source

    • https://my.clevelandclinic.org/health/diseases/21969-glioma