फिटनेस फ्रीक भी हो सकते हैं Heart Attack के शिकार, वजह कर देगी हैरान; डॉक्टर ने दी ये चेतावनी
एक चौंकाने वाली घटना में 29 वर्षीय रोहन जो फिट और स्वस्थ था जिम में वर्कआउट करते समय अचानक गिर गया और उसकी मृत्यु हो गई। जांच में पता चला कि उसे हायपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी (HCM) नाम की दिल की गंभीर बीमारी थी जिसके बारे में उसे पहले से कोई जानकारी नहीं थी।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हम अक्सर सोचते हैं कि फिटनेस का मतलब है रोजाना वर्कआउट करना, हेल्दी डाइट लेना, और बुरी आदतों से दूर रहना। लेकिन कई बार शरीर के अंदर छिपी ऐसी परेशानियां होती हैं, जो बाहर से नजर नहीं आती हैं। और अचानक से बड़े खतरे का कारण बन सकती हैं। हाल ही में एक डॉक्टर ने सोशल मीडिया पर ऐसा ही एक मामला शेयर किया है, जिसने सबको चौंका दिया है।
जी हां, 5 अगस्त को ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. शगुन अग्रवाल ने इंस्टाग्राम पर एक दर्दनाक पोस्ट शेयर किया। ये कहानी है रोहन की, जो मात्र 29 साल का एक युवा है। ये दिखने में पूरी तरह फिट था, लेकिन वर्कआउट के दौरान अचानक गिर पड़ा। बाद में पता चला कि उसे दिल की एक बीमारी थी, जिसके बारे में किसी को भी पता नहीं था। वर्कआउट के दौरान ही उसकी मौत हो गई। आइए हम आपको बताते हैं विस्तार से -
कैसे हुई 29 साल के रोहन की मौत?
डॉक्टर ने लिखा कि रोहन 29 साल का था, टेक सेक्टर में काम करता था। हफ्ते में 6 दिन जिम जाता, न स्मोक करता था और न ही शराब पीता था। फिटनेस फ्रीक था तो वो जंक फूड से भी बहुत दूर रहता था। एक दिन जिम में इंक्लाइन डंबल प्रेस के दौरान तीसरे सेट में ही उसके हाथ नीचे गिर गए, वजन जमीन पर गिरा और वो खुद भी गिर पड़ा। शुरुआत में लोग समझ ही नहीं पाए।
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युवक को थी HCM नाम की बीमारी
उसे CPR दिया गया, एम्बुलेंस बुलाई गई, लेकिन जब तक माता-पिता पहुंचे, उसकी सांसे रुक चुकी थीं। टेस्ट में पता चला कि उसे हायपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी (HCM) थी। इसमें दिल की मांसपेशियां असामान्य रूप से मोटी हो जाती हैं। यही वजह बनी अचानक हार्ट अरेस्ट की। साथ ही, उसके शरीर में मैग्नीशियम और पोटैशियम की कमी भी थी, वो हाई-कैफीन फैट बर्नर लेता था और उसने कभी कोई बेसिक टेस्ट नहीं करवाया था, न ECG, न इको, न इलेक्ट्रोलाइट लेवल चेक कराया था। डॉक्टर ने कहा कि आप चाहे कितने भी फिट क्यों न हों, फुल बॉडी चेकअप कराना जरूरी होता है।
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क्या है हायपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी (HCM)?
क्लीवलैंड क्लीनिक के मुताबिक, हायपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी (HCM) दिल की एक गंभीर बीमारी है, जिसमें दिल की मांसपेशियां मोटी हो जाती हैं। Hypertrophic का मतलब है किसी चीजा का सामान्य से बड़ा होना। वहीं Cardiomyopathy उन बीमारियों के समूह को कहते हैं, जो दिल की मांसपेशियों को प्रभावित करती हैं। HCM में जो मोटापा आता है, वो दिल की मांसपेशियों के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है, लेकिन ज्यादातर ये सेप्टम पर असर डालता है।
लाइफस्टाइल में करें बदलाव
यह दिल की बीच की दीवार होती है, जो दिल को दो हिस्सों में बांटती है। जब सेप्टम मोटा हो जाता है, तो दिल के बाएं हिस्से (left ventricle) में खून पंप करने की जगह कम हो जाती है। ये एक लाइफटाइम रहने वाली बीमारी है, जो समय के साथ बिगड़ सकती है और मौत का कारण बन सकती है। अच्छी बात तो ये है कि अगर समय पर पहचान हो जाए और इलाज शुरू कर दिया जाए, तो इसके खतरनाक परिणामों से बचा जा सकता है। साथ ही लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करके भी सेहत को लंबे समय तक ठीक रखा जा सकता है।
क्या हैं हायपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी के लक्षण?
- वर्कआउट के दौरान अचानक चक्कर आना
- बिना वजह सांस फूलना
- दिल की धड़कनों का तेज या अनियमित होना
- सीने में दर्द या दबाव महसूस होना
- अचानक बेहोश हो जाना
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Source-
- https://my.clevelandclinic.org/health/diseases/17116-hypertrophic-cardiomyopathy
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