HMPV और COVID-19 में हैं कुछ समानताएं तो कुछ अंतर, यहां जानें पूरी जानकारी
देश में HMPV Virus के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। चीन से फैला यह वायरस भारत में भी पैर पसारने लगा है। हालांकि इसे लेकर घबराने की कोई जरूरत नहीं है। इस बारे में खुद हेल्थ एक्सपर्ट्स भी साफ कर चुके हैं कि यह वायरस कोरोना जितना खतरनाक नहीं है। आइए जानते हैं कैसे HMPV और COVID-19 एक जैसे होकर भी अलग है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। देशभर में इन दिनों ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के मामले बढ़ते जा रहे हैं। वर्तमान में इस वायरस के अब तक 18 मामले सामने आ चुके हैं। भयानक COVID-19 महामारी (HMPV vs COVID-19 Virus) के पांच साल बाद अब लोगों में इस नए वायरस को लेकर दहशत है।
हालांकि, इससे डरने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकिय WHO समेत कई स्वास्थ्य से जुड़ी संस्थाएं और हेल्थ एक्सपर्ट्स इसे लेकर यह साफ कर चुके हैं कि यह वायरस खतरे की वजह नहीं बनेगा और इससे घबराने की जरूरत नहीं है। हालांकि, कोरोना वायरस और HMPV एक-दूसरे से अलग होते हुए भी काफी हद तक एक जैसे ही है। आइए जानते हैं दोनों में वायरस में अंतर और इनमें समानताएं-
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HMPV और COVID-19 में समानताएं-
किन्हें खतरा ज्यादा
दोनों वायरस रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट को टारगेट करते हैं, जिससे अपर और लोअर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट में इन्फेक्शन होता है। ये दोनों वायरस बुजुर्गों, छोटे बच्चों और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों के लिए सबसे ज्यादा खतरा पैदा करते हैं।
कैसे फैलता है?
दोनों वायरस में प्रमुख समानता इसके ट्रांसमिशन मोड में है। चाहे कोरोना वायरस हो या HMPV दोनों ही ज्यादातर खांसने या छींकने से निकलने वाली रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट्स, लोगों से ज्यादा निकट संपर्क और दूषित सतहों को छूने के साथ मुंह, नाक या आंखों को छूने से फैलते हैं।
लक्षणों में समानता
एचएमपीवी (HMPV Virus Symptoms) और कोरोना लक्षणों के मामले में भी काफी हद तक समान हैं। दरअसल, दोनों ही वायरस से संक्रमित होने पर सर्दी-खांसी और बुखार जैसे शुरुआती लक्षण नजर आते हैं। हालांकि, गंभीर मामलों में दोनों के इन लक्षणों में बदलाव हो सकता है।
वायरस फैलने का समय
दोनों ही वायरस के फैलने के समय में सीजनल पैटर्न दिखाई देता है। एचएमपीवी वायरस सर्दियों के अंत से वसंत की शुरुआत तक एक्टिव रहता है। वहीं, कोरोना वायरस तापमान में बदलाल के साथ ही सेंसिटिविटी दिखाता है। आमतौर पर ठंड के महीनों में इसके मामले बढ़ते हैं।
HMPV और COVID-19 में अंतर-
कब हुई वायरस की पहचान
HMPV के मामले भले ही वर्तमान में बढ़ रहे हैं, लेकिन यह कोई नया वायरस नहीं है। यह साल 2001 में भी खोजा जा चुका था। वहीं, कोरोना वायरस साल 2019 में पहली बार सामने आया था और यह खतरनाक तरीके से दुनियाभर में फैला था।
कितने दिन तक रहता है बुखार
हल्के मामलों में, HMPV का शिकार होने पर व्यक्ति कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक बीमार रह सकता है, जबकि COVID-19 के लक्षण हफ्तों या महीनों तक रह सकते हैं।
वैक्सीनेशन
वर्तमान में कोविड-19 के लिए वैक्सीनेशन मौजूद हैं, लेकिन एचएमपीवी के लिए कोई वैक्सीन नहीं है। इसके अलावा वैक्सीनेशन और एंटीवायरल थेरेपी से भी COVID-19 के इलाज में मदद मिलता है। हालांकि, एचएमपीवी के लिए फिलहाल देखभाल ही एक उपाय है।
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