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    Study: दिल का है अपना एक ‘अलग दिमाग’, अपनी मर्जी का है मालिक

    Updated: Tue, 10 Dec 2024 11:30 AM (IST)

    हाल ही में दिल के काम करने के तरीके को समझने के लिए एक स्टडी की गई जिसमें एक बेहद चौंकाने वाली बात सामने आई है। यह स्टडी कहती है कि दिल के पास अपना एक अलग छोटा दिमाग होता है (Heart Brain Connection)। यह बेहद हैरान करने वाली बात है लेकिन यह बिल्कुल सच है। आइए जानते हैं इस स्टडी में क्या बातें सामने आई हैं।

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    स्टडी में पता चला कि दिल में एक मिनी ब्रेन होता है (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Heart Has Its Own Brain: दिल हमारे शरीर के सबसे अहम अंगों में से एक है, जिसका काम है खून पंप करके शरीर के अलग-अलग हिस्सों तक पहुंचाना। हालांकि, यह ऐसा कैसे कर पाता है, इस बारे में कभी सोचा है आपने? तो चलिए आज हम आपको इससे जुड़ी एक बेहद चौंकाने वाली बात बताते हैं।

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    दिल एक बहुत कॉम्प्लेक्स बॉडी ऑर्गन है, लेकिन इसमें ताज्जुब की बात यह है कि दिल का अपना एक दिमाग भी होता है। जी हां, दिल का अपना एक अलग दिमाग (Heart Brain Works) होता है, जो उसे काम करने में मदद करता है और उसके काम को कंट्रोल भी करता है (Heart Brain Connection)। आइए इस बारे में (How The Heart Works) और विस्तार से जानते हैं। 

    दिल का अपना 'मिनी ब्रेन'

    आमतौर पर माना जाता है कि दिमाग सिग्नल्स भेजता है, जिसके कारण दिल अपना काम करता है। अगर दिमाग किसी कारण से सिग्नल भेजना बंद कर दे, तो दिल भी काम करना बंद कर देगा, लेकिन आपको बता दें कि ऐसा नहीं है। दिल में लगभग 4 हजार न्यूरॉन्स होते हैं, जो एक जटिल नेटवर्क बनाते हैं। इस नेटवर्क को दिल का न्यूरोसिस्टम या 'मिनी ब्रेन' कहा जाता है।

    यह न्यूरोसिस्टम इतना शक्तिशाली है कि यह दिल को स्वतंत्र रूप से काम करने की क्षमता देता है। ये न्यूरॉन्स दिमाग से स्वतंत्र रूप में काम करते हैं। इसका मतलब है कि दिल बिना दिमाग पर निर्भर हुए बिना अपना काम कर सकता है।

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    दिल की धड़कनों पर नहीं है दिमाग का जोर

    इस बारे में नेचर कम्यूनिकेशन्स में एक स्टडी भी पब्लिश हुई है। यह स्टडी Karolinska Institutet and Columbia University में हुई, जिसमें जेब्राफिश, जिसका दिल इंसानों के दिल से काफी हद तक मिलता जुलता है, पर परीक्षण किए गए और यह पाया गया कि दिल में पाए जाने वाले ये न्यूरॉन्स, दिल के दिमाग की तरह काम करते हैं। इनमें से कुछ न्यूरॉन्स पेसमेकर्स के गुण भी पाए जाते हैं, जो दिल की धड़कनों को कंट्रोल करने में अहम भूमिका निभाते हैं। साथ ही, यह दिल के फंक्शन को कंट्रोल करने के लिए स्वतंत्र रूप से काम करता है।

    कई कार्डियक फंक्शन करता है कंट्रोल

    इससे यह बात समझ में आती है कि दिल सिर्फ दिमाग के कंट्रोल में नहीं रहता, बल्कि इसमें मौजूद न्यूरॉन्स दिल के कई फंक्शन्स को नियंत्रित करते हैं। पेसमेकर प्रॉपर्टीज होने की वजह से ये न्यूरॉन्स कार्डियक रिदम को कंट्रोल कर सकते हैं। हार्ट एरिथमिया और अन्य कार्डियक डिजीज को समझने में यह स्टडी अहम भूमिका निभा सकती है।

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