आपकी भी धुंधली हो गई है नजर? मोतियाबिंद का है शुरुआती संकेत, जानें क्या कहते हैं डॉक्टर
आंखें हमारे शरीर के सबसे नाजुक अंगों में से एक हैं। लेकिन खराब लाइफस्टाइल के कारण आंखों को भी गंभीर नुकसान पहुंच रहा है। मोतियाबिंद यानी कि Cataract आंखों की एक गंभीर बीमारी है। जिसमें लेंस पर धुंधला हिस्सा बन जाता है। ये बीमारी हाेने पर आंखों में कुछ लक्षण नजर आते हैं। इन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आंखें हमारे शरीर का जरूरी अंग हैं। इन्हीं से हम इस खूबसूरत दुनिया को देख पाते हैं। लेकिन हमारी खराब लाइफस्टाइल के कारण हमारी आंखों को भी गंभीर रूप से नुकसान हाे रहा है। मोतियाबिंद (Cataract) भी उन्हीं बीमारी में से एक है। अगर समय रहते इनके लक्षणाें को पहचान लिया जाए तो इलाज में आसानी हाे सकती है।
इस बीमारी के बारे में जानने के लिए हमने डॉ. तरुण कपूर (डायरेक्टर एंड हेड ऑफ डिपार्टमेंट, ऑपथैल्मोलॉजी, मैक्स मल्टी स्पेशलिटी सेंटर, पंचशील पार्क) से बात की। उन्होंने इस बीमारी के बारे में विस्तार से जानकारी दी है।
क्या है मोतियाबिंद?
डॉक्टर ने बताया कि मोतियाबिंद (Cataract) आंख के लेंस पर बनने वाला धुंधला हिस्सा होता है। ज्यादातर मामलों में ये उम्र बढ़ने के साथ होता है। इसके लक्षणों में धुंधला दिखना और रोशनी के चारों ओर चमक या धुंधलापन दिखना शामिल है। जब ये समस्या रोजाना के कामों में रुकावट डालने लगे, तो डॉक्टर सर्जरी की सलाह देते हैं। इस सर्जरी में धुंधला लेंस हटाकर एक साफ आर्टिफिशियल लेंस लगाया जाता है।
कई तरह का होता है माेतियाबिंंद
उन्होंने बताया कि मोतियाबिंद कई तरह का हो सकता है। जैसे बढ़ती उम्र में होने वाला सेनाइल कैटेरेक्ट, चोट लगने के बाद बनने वाला ट्रॉमेटिक कैटेरेक्ट, आंख की कुछ बीमारियों जैसे यूवाइटिस से होने वाला कॉम्प्लीकेटेड कैटेरेक्ट, या फिर लंबे समय तक स्टेरॉयड दवाओं के इस्तेमाल से बनने वाला ड्रग-इंड्यूस्ड कैटेरेक्ट।
मोतियाबिंद होने का कारण
मोतियाबिंद का सबसे बड़ा कारण है आंख के लेंस में मौजूद प्रोटीन का धीरे-धीरे टूट जाना। हालांकि, कुछ मामलों में ये जेनेटिक भी होता है। इस वजह से कुछ लोगों में कम उम्र में ही मोतियाबिंद हो सकता है।
क्या हैं इसके लक्षण?
डॉ. तरुण ने बताया कि जब आंखों में मोतियाबिंद शुरू होता है, तो कुछ शुरुआती संकेत दिखाई देते हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
- धुंधला दिखाई देना: आपकी नजरों के सामने धुआं-धुआं सा लग सकता है।
- रंगों में बदलाव: आपको रंग पहले की तरह चमकीले और साफ नहीं नजर आते हैं।
- तेज रोशनी से परेशानी: सूरज की तेज रोशनी, गाड़ी की हेडलाइट्स या लैंप से आंखें चौंधिया सकती हैं।
- रोशनी के चारों ओर घेरे: आपको रोशनी के चारों ओर गोल घेरे (halos) या लकीरें (streaks) दिख सकती हैं।
- रात में देखने में दिक्कत: रात के समय देखने में बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
- नंबर का बढ़ना: आपके चश्मे का नंबर, खासकर पास की नजर (near-sightedness) का नंबर तेजी से बढ़ सकता है।
- पढ़ने में दिक्कत: कोई भी काम, जैसे पढ़ने के लिए, आपको पहले से ज्यादा तेज रोशनी की जरूरत पड़ती है।
- एक चीज का दो-दो दिखना: आपको एक ही चीज दो बार दिख सकती है, इसे डबल विजन (double vision) या मोनोक्युलर डिप्लोपिया कहते हैं।
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