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    आयुष दवाओं की क्वालिटी टेस्टिंग के लिए 108 लैब को मंजूरी, भ्रामक विज्ञापनों पर भी कसेगी नकेल

    Updated: Mon, 29 Dec 2025 01:05 PM (IST)

    आयुर्वेद, सिद्ध और यूनानी दवाओं का इस्तेमाल करने वाले लोगों के लिए एक अच्छी खबर है। केन्‍द्रीय आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव ने जानकारी दी है कि इन दवाओं ...और पढ़ें

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    आयुर्वेद, सिद्ध और यूनानी दवाओं की गुणवत्ता जांचने के लिए 108 प्रयोगशालाओं को मिली मंजूरी (Image Source: AI-Generated) 

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। क्या आप अपनी सेहत के लिए आयुर्वेद, सिद्ध या यूनानी दवाओं पर भरोसा करते हैं? अगर हां, तो सरकार ने इन दवाओं की विश्वसनीयता और सुरक्षा बढ़ाने के लिए एक बड़ा और अहम कदम उठाया है। केन्‍द्रीय आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव ने जानकारी दी है कि इन दवाओं की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए 108 प्रयोगशालाओं को मंजूरी दे दी गई है। इसका सीधा मतलब है कि अब बाजार में मिलने वाली आयुष दवाओं की जांच और भी सख्ती से होगी।

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    (Image Source: AI-Generated) 

    लैब और इंफ्रास्ट्रक्चर को मिली मजबूती

    आयुष मंत्री के मुताबिक, ये सभी 108 लैब 'ड्रग्स रूल्स, 1945' के तहत मंजूर यानी लाइसेंस प्राप्त हैं। बता दें, सरकार ने सिर्फ नई प्रयोगशालाओं को मंजूरी ही नहीं दी है, बल्कि मौजूदा ढांचे को भी मजबूत किया है:

    • देश भर में 34 स्टेट ड्रग टेस्टिंग लैबोरेटरीज की क्षमता बढ़ाई गई है।
    • सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन आयुर्वेद साइंसेज (CCRAS) के तीन क्षेत्रीय अनुसंधान संस्थानों को भी ड्रग्स रूल्स 1945 के नियम 160E के तहत मंजूरी दी गई है।

    भ्रामक विज्ञापनों पर लगेगा लगाम

    अक्सर देखा जाता है कि दवाओं को लेकर बढ़ा-चढ़ाकर दावे किए जाते हैं। इस पर रोक लगाने के लिए सरकार ने एक खास निगरानी कार्यक्रम लागू किया है, जो कि 'आयुष औषधि गुणवत्ता एवं उत्पादन संवर्धन योजना' (AOGUSY) के तहत काम करता है।

    इसके लिए तीन स्तरों पर एक नेटवर्क तैयार किया गया है:

    • एक नेशनल फार्माकोविजिलेंस सेंटर (NPvCC)
    • पांच इंटरमीडियरी फार्माकोविजिलेंस सेंटर (IPvCs)
    • देश भर में 97 पेरिफेरल फार्माकोविजिलेंस सेंटर (PPvCs)

    इन सेंटर्स का मुख्य काम भ्रामक विज्ञापनों पर नजर रखना और उनकी रिपोर्ट राज्य के अधिकारियों को देना है, ताकि गलत दावे करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जा सके। इसके अलावा, इसका मकसद उपभोक्ताओं की सुरक्षा करना है।

    जागरूकता और सर्टिफिकेशन पर जोर

    सरकार लोगों को जागरूक करने और दवाओं की क्वालिटी सुधारने के लिए लगातार प्रयास कर रही है:

    • जागरूकता अभियान: अब तक देश भर में 3,533 जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं, जिनसे 3,18,575 लोगों को लाभ हुआ है।
    • सर्टिफिकेशन: आयुष मंत्रालय दवा निर्माताओं को प्रोत्साहित कर रहा है कि वे 'विश्व स्वास्थ्य संगठन' के दिशा-निर्देशों के अनुसार और 'क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया' से अपनी दवाओं का सर्टिफिकेशन हासिल करें।

    योजना के लिए 122 करोड़ का है बजट

    आयुष फार्मेसी और ड्रग टेस्टिंग लैब को उच्च स्तर का बनाने के लिए सरकार ने AOGUSY योजना के तहत साल 2021-22 से 2025-26 तक के पांच वर्षों के लिए 122.00 करोड़ रुपये का वित्तीय आवंटन किया है। इससे आयुष दवाओं के निर्माण और जांच की गुणवत्ता में बड़ा सुधार आने की उम्मीद जताई जा रही है।

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