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    ब्‍लड कैंसर से लेकर अल्‍जाइमर तक, डॉक्‍टर ने बताया आंखें भी देती हैं इन 7 खतरनाक बीमार‍ियों का संकेत

    Updated: Mon, 23 Jun 2025 02:19 PM (IST)

    आंखों का रेटिना शरीर का एकमात्र ऐसा हिस्सा है जहां ब्‍लड वेसेल्‍स को सीधे देखा जा सकता है, जिससे आंखों की जांच केवल रोशनी के लिए ही नहीं, बल्कि शरीर की कई छिपी बीमारियों का पता लगाने का एक जरूरी तरीका बन जाती है। डॉक्‍टर ने कई बीमार‍ियों के बारे में व‍िस्‍तार से जानकरी दी है।

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    आंखें बताती हैं सेहत का हाल।(Image Credit- Freepik)

    लाइफस्‍टाइल डेस्‍क, नई द‍िल्‍ली। आंखों को हमारे शरीर का आईना कहा जाता है। इसका सबसे बड़ा कारण है आंखों के अंदर का हिस्सा, ज‍िसको हम रेटिना (Retina) कहते हैं। रेटिना हमारे शरीर का ऐसा इकलौता ऐसा हिस्सा हाेता है जहां blood vessels बिना किसी सर्जरी के सीधे देखी जा सकती हैं। इसी वजह से आंखों की जांच सिर्फ नजर के लिए नहीं, बल्कि शरीर की छिपी बीमारियों को पकड़ने का भी एक तरीका बन गई हैं।

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    इसके बारे में जानने के ल‍िए हमने डॉ. पवन गुप्ता (सीनियर कैटेरेक्ट और रेटिना सर्जन, आई 7 हॉस्‍प‍िटल, लाजपत नगर और व‍िजन आई क्‍लीन‍िक, नई दिल्ली) से जानकारी हास‍िल की। उन्‍होंने व‍िस्‍तार से बताया क‍ि कैसे रेटिना से जुड़ी बीमारियां दूसरी हेल्थ प्रॉब्लम्स का भी इशारा देती हैं। आइए जानते हैं -

    डायबिटिक रेटिनोपैथी (Diabetic Retinopathy)

    डॉक्‍टर पवन गुप्‍ता ने बताया क‍ि अगर किसी को लंबे समय से डायबिटीज की समस्‍या है और वो कंट्रोल में नहीं है, तो उसकी वजह से रेटिना के ब्‍लड वेसेल्‍स को नुकसान पहुंच सकता है। इसे डायबिटिक रेटिनोपैथी कहा जाता है। इससे ये भी पता चलता है कि शरीर के दूसरे अंगों को भी नुकसान हो रहा है।

    हाइपरटेंसिव रेटिनोपैथी (Hypertensive Retinopathy)

    अगर आप लंबे समय से हाई ब्लड प्रेशर की समस्‍या से जूझ रहे हैं तो इससे आपकी आंखों की नसों में सूजन या बदलाव आ सकते हैं। इसे आई टेस्‍ट में साफ देखा जा सकता है। हालांक‍ि कई बार मरीज को ये नहीं पता चल पाता है क‍ि उसे हाई बीपी की द‍िक्‍कत है।

    कोलेस्ट्रॉल हाई होना

    जब रेटिना की नसों में पीले धब्बे या ब्लॉकेज दिखने लगते हैं तो डॉक्टर कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने की आशंका जताते हैं। ऐसे में आपको संभलने की जरूरत होती है।

    थायरॉइड की बीमारी

    अगर आंखों की पोजिशन, मूवमेंट या आकार में बदलाव नजर आने लगे तो इसे थायरॉइड से जुड़ी समस्या का संकेत माना जाता है।

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    न्यूरोलॉजिकल बीमारियां जैसे अल्जाइमर

    आपको बता दें क‍ि कुछ रिसर्च में ये बात सामने आई है क‍ि द‍िमागी बीमारियों का संकेत भी रेटिना में दिख सकता है। खासकर अल्जाइमर जैसी बीमारियों में।

    ऑटोइम्यून बीमारियां

    लुपस (SLE) या रूमेटॉइड आर्थराइटिस जैसी बीमारियाें से आंखों में सूजन हो जाती है, ऐसे में ये रेटिना की जांच में सामने आ जाता है।

    ब्लड कैंसर

    कुछ ब्‍लड कैंसर जैसे ल्यूकेमिया में आंख की नसों में ब्लीडिंग या White Cells के जमाव दिखाई दे सकते हैं। ऐसे में आपको तुरंत डॉक्‍टर के पास जाना चाह‍िए। इससे बचने के ल‍िए आपको रेगुलर आई चेकअप कराते रहें।

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