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    सिर्फ दांत नहीं, आपके दिल को भी बचाता है यह धागा! फ्लॉसिंग के 4 फायदे जानकर रह जाएंगे हैरान

    By Niharika PandeyEdited By: Harshita Saxena
    Updated: Tue, 16 Dec 2025 07:37 PM (IST)

    मुंह और दांतों की बेहतर सेहत के लिए डेंटिस्ट रोजाना ही फ्लॉस करने की सलाह देते हैं। इस आदत के कई चौंकाने वाले फायदे हैं। दांतों की चमक बढ़ाने और सांसो ...और पढ़ें

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    फ्लॉसिंग के 4 दमदार फायदे, दांतों के साथ पूरे शरीर को मिलेगा लाभ (Picture Credit- AI Generated)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। मुंह से जुड़ी कोई समस्या होने पर उसका प्रभाव पूरी सेहत पर ही पड़ता है। अगर आपको मूसड़ों की परेशानी, दांतों में सड़न या इन्फेक्शन है, तो इससे और भी कई समस्याएं जन्म ले सकती हैं।

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    ऐसे में पूरी सेहत बेहतर बनाए रखने के लिए सिर्फ ब्रश ही नहीं फ्लॉस करना भी अहम है। आइए, जानते हैं फ्लॉस करने के क्या-क्या फायदे हैं और कैसे आप अपने दांतों को हेल्दी रख सकते हैं।

    मसूड़े रहते हैं हेल्दी

    नियमित रूप से फ्लॉस करने से मुंह के बैक्टीरिया को कंट्रोल किया जा सकता है और मसूड़ों की बीमारियों का खतरा कम हो सकता है। यह आपके दांतों में फंसे खाने के कणों को निकाल देता है, जिससे बैक्टीरिया पनप नहीं पाते है और दांतों की सड़न से बचाव होता है। मुंह की सेहत का संबंध डायबिटीज, रूमेटॉयड आर्थराइटिस और कई बार अल्जाइमर जैसी बीमारियों से भी होता है।

    दिल रहता है हेल्दी

    नियमित रूप से फ्लॉस करने से मसूड़ों की बीमारियां और हार्ट डिजीज का खतरा कम होता है। मसूड़ों में होने वाली बीमारियों की वजह से नुकसान पहुंचाने वाले बैक्टीरिया ब्लड के जरिए पूरे शरीर में पहुंच जाता है। इससे आर्टरीज में प्लाक बनने लगता है और सूजन हो जाती है। ऐसा होने से हार्ट डिजीज का खतरा भी काफी बढ़ जाता है। 2024 की एक रिव्यू में सामने आया है कि मसूड़ों की बीमारी के तार दिल के रोगों से होने वाली मौत के खतरे से भी जुड़ा है।

    ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है

    मसूड़ों की बीमारियों और टाइप 2 डायबिटीज का आपस में गहरा संबंध है। मुंह की समस्या को डायबिटीज की छठी सबसे बड़ी परेशानी माना गया है। रिसर्च में यह बात सामने आई है कि नियमित रूप से फ्लॉस करने वालों का ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है और मसूड़ों की बीमारियों का खतरा 39% तक कम हो जाता है।

    पेट भी रहता है दुरुस्त

    अगर आपके दांत या मसूड़े सही स्थिति में नहीं होंगे तो खाना चबाना भी मुश्किल होगा। ऐसा होने से आपकी पेट की सेहत और पाचन पर भी असर पड़ सकता है। मुंह के बैक्टीरिया अगर पेट में जाते हैं तो उससे सूजन हो सकती है और गुड-बैड बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ सकता है। लगातार ऐसा होने से इंफ्लेमेट्री बाउल डिजीज जैसी परेशानी और बढ़ सकती है।

    इस तरह बनाए रखें मुंह की सेहत

    • सिर्फ फ्लॉस ही ना करें, दांत और जीभ की भी अच्छी तरह सफाई करें।
    • अगर काफी सारा डेंटल वर्क करवाया है तो वॉटर फ्लॉस भी फायदेमंद हो सकता है।
    • आड़े-तेढ़े दांत आपके मसूड़ों और दांतों की सेहत को प्रभावित कर सकते हैं। ऐसा होने पर अपने डेंटिस्ट से सलाह लें।
    • खाने के बाद शुगर फ्री च्युइंगम ले सकते हैं। इससे स्लाइवा तेजी से बनता है और यह बैक्टीरिया से लड़ने में मददगार हो सकता है।

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    Disclaimer: लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो, तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।