युवाओं में तेजी से बढ़ रहे Cardiovascular Disease के मामले, जानें 4 लाइफस्टाइल फैक्टर जो बढ़ाते हैं इसका खतरा
इन दिनों पूरे देश में Cardiovascular Disease के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। खासकर युवाओं में इसके ज्यादा मामले देखने को मिल रहे हैं। युवाओं में तेजी से बढ़ते इसके मामलों ने सभी की चिंता बढ़ा दी है। ऐसे में जरूरी है कि अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव इसके खतरे को कम किया जाए। जानते हैं कुछ ऐसी आदतों के बारे में जो इसका खतरा बढ़ाती है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। देश में इन दिनों दिल से जुड़ी बीमारियों (Cardiovascular Disease) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। बीते कुछ समय से भारत में युवाओं में कार्डियोवेस्कुलर डिजीज (CDV) के मामलों में चिंताजनक बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। यह भारत में मृत्यु का प्रमुख कारण है, जो सभी मौतों का 26.6% है, लेकिन चिंता की बात यह है कि युवाओं में इसके मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं।
दरअसल, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा किए गए एक अध्ययन के मुताबिक, पिछले दो दशकों में 30-44 साल की उम्र वाले लोगों में सीवीडी के मामलों में 300% की वृद्धि देखने को मिली है। यही वजह है कि यह एक चिंता का विषय बन गया है। सीवीडी की वजह से व्यक्ति को दिल का दौरा, स्ट्रोक और यहां तक की समय से पहले मौत भी हो सकती है। ऐसे में आज इस आर्टिकल में बात करेंगे लाइफस्टाइल से जुड़ी कुछ ऐसी आदतों के बारे में, जो दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ाती है।
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खाने-पीने की गलत आदतें
इन दिनों कई सारे लोग गलत खानपान की आदतों का शिकार है, जिसकी से उन्हें कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। मौजूदा समय में कई लोग फास्ट फूड और ज्यादा चीनी वाले फूड आइटम्स का इस्तेमाल करने लगे हैं, जिसकी वजह से शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने लगती है। ऐसे में खान-पान की ये गलत आदतें सीवीडी को बढ़ाने में योगदान करती हैं। इससे बचने के लिए फलों, सब्जियों और साबुत अनाज से भरपूर हेल्दी डाइट को फॉलो करना चाहिए।
गतिहीन जीवनशैली
बीते कुछ समय से लोगों की लाइफस्टाइल में तेजी से बदलाव होने लगा है। काम के बढ़ते प्रेशर और बिजी शेड्यूल की वजह से लोग अक्सर शारीरिक रूप से एक्टिव नहीं रह पाते हैं। तेजी से गतिहीन होते जीवन में लोग अपना ज्यादातर समय स्क्रीन के सामने ही बिताते हैं, जिसकी वजह से वह किसी तरह की कोई एक्सरसाइज या वर्कआउट नहीं कर पाते हैं, जो सीवीडी के खतरे को काफी हद तक बढ़ा देती है।
आनुवंशिकता
कई सारी स्वास्थ्य समस्याएं ऐसी होती हैं, जो आनुवंशिक प्रवृत्ति की वजह से व्यक्ति को अपना शिकार बना लेती है। सीवीडी भी इन्हीं में से एक है। इसका जोखिम तय करने में पारिवारिक इतिहास बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ऐसे में अपने पारिवारिक इतिहास की सही जानकारी और डॉक्टर की सलाह इसके जोखिम को पहचानने और कम करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
तनाव
तेजी से बदलती लाइफस्टाइल का असर सिर्फ हमारे शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी देखने को मिलता है। वर्तमान में कई लोग विभिन्न मानसिक समस्याओं का शिकार होते जा रहे हैं। तनाव इन्हीं में से एक हैं, जिससे आजकल ज्यादातर युवा पीड़ित हैं। तनाव न सिर्फ आपके मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डालता है, बल्कि यह सीवीडी के विकास में भी अहम भूमिका निभाता है। ऐसे में जरूरी है कि दिल को हेल्दी रखने के लिए स्ट्रेस मैनेजमेंट का खास ख्याल रखा जाए।
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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
Picture Courtesy: Freepik
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