Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    काम की दौड़ में जिंदगी न छूट जाए पीछे! सिर्फ जॉब ही नहीं, स्टार्टअप में भी जरूरी है Work-Life Balance

    सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म लिंक्डइन के सह-संस्थापक रीड हॉफमैन ने कभी कर्मचारियों से कहा था- “घर जाओ फैमिली के साथ डिनर करो... और फिर लैपटॉप खोलकर दोबारा काम पर लग जाओ।” शायद आप भी सोचते हों कि ज्यादा काम करने से ही तरक्की मिलेगी। ऐसे में आइए जानते हैं कितना सही है जीने का यह तरीका।

    By Nikhil Pawar Edited By: Nikhil Pawar Updated: Sat, 14 Jun 2025 04:18 PM (IST)
    Hero Image
    क्यों हर किसी के लिए जरूरी है वर्क लाइफ बैलेंस? (Image Source: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आज की तेज रफ्तार जिंदगी में एक सवाल अक्सर हमारे सामने खड़ा होता है- क्या हम अपने काम और पर्सनल लाइफ के बीच सही बैलेंस (Work-Life Balance) बना पा रहे हैं? बता दें, बड़ी-बड़ी कंपनियों में काम करने वाले प्रोफेशनल्स से लेकर स्टार्टअप्स में जुटे युवा तक, सब इस उलझन से जूझ रहे हैं। काम में सफलता पाने की दौड़ में कहीं हम अपने परिवार, सेहत और मानसिक शांति को तो नहीं खो रहे? आइए, इस आर्टिकल में विस्तार से जानते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जब घर तक आने लगे ऑफिस का काम…

    आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में अक्सर हम काम में इतने उलझ जाते हैं कि अपना ख्याल रखना ही भूल जाते हैं। सुबह की मीटिंग से लेकर देर रात के ईमेल तक, ऐसा लगता है मानो पूरी लाइफ सिर्फ ऑफिस के इर्द-गिर्द घूम रही है।

    लिंक्डइन के सह-संस्थापक रीड हॉफमैन ने लिंक्डइन के शुरुआती दिनों को याद करते हुए बताया कि उन्होंने कर्मचारियों से कहा था कि वे रात का खाना परिवार के साथ खाने के बाद लैपटॉप खोलें और फिर से काम पर लग जाएं। दरअसल, यह सोच उस दौर की है जब कंपनी खड़ी की जा रही थी और हर मिनट कीमती था। इस विचार का मूल भाव था कि काम में पूरी तरह डूब जाना ही सफलता की कुंजी है, लेकिन सवाल यह है कि क्या हमेशा ऐसी सोच सही होती है?

    बहुत से लोगों का मानना है कि अगर आप कोई कंपनी शुरू कर रहे हैं या किसी बड़े प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं, तो आपको पर्सनल लाइफ छोड़ देनी चाहिए, लेकिन सच्चाई यह है कि थके हुए दिमाग से कभी भी बड़ी सोच नहीं निकलती। जो लोग सही समय पर ब्रेक लेना जानते हैं, वही लंबे समय तक टिकते हैं।

    काम के साथ जिंदगी भी है जरूरी

    कोई भी सपना, कोई भी करियर तभी सफल होता है जब आप खुद मेंटली और फिजिकली हेल्दी हों और इसके लिए जरूरी है कि आप काम से अलग भी कुछ समय निकालें- अपने परिवार, दोस्तों और खुद के लिए।

    कई बार हम सोचते हैं कि थोड़ा और काम कर लें, तो प्रमोशन जल्दी मिलेगा या कंपनी तेजी से बढ़ेगी, लेकिन अगर इस चक्कर में हम अपनों के साथ बिताने वाला समय खो दें, तो क्या वो तरक्की सच में खुशी लाएगी?

    यह भी पढ़ें- घर और काम के बीच बैलेंस बनाने में हो रही है मुश्किल, तो Work Life Balance के लिए फॉलो करें ये टिप्स

    क्या है एक्सपर्ट की राय?

    तुलसी हेल्थकेयर के सीईओ और सीनियर साइकेट्रिस्ट डॉ. गौरव गुप्ता का कहना है कि लगातार काम में लगे रहने से आपकी फिजिकल और मेंटल हेल्थ को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है। डॉक्टर का मानना है कि लंबे समय तक बिना ब्रेक के बैठे रहने से आपका पोश्चर बिगड़ सकती है, जिससे पीठ और गर्दन में दर्द हो सकता है। इतना ही नहीं, इससे आंखों पर भी दबाव पड़ सकता है। ज्यादा काम के कारण पर्याप्त नींद न लेने से हाई बीपी, हार्ट डिजीज और डायबिटीज का खतरा भी बढ़ जाता है।

    परिवार ही है हमारी असली ताकत

    जब हम थके होते हैं, परेशान होते हैं या किसी उलझन में होते हैं, तो सबसे पहले हमें सहारा कौन देता है? जवाब है- हमारा परिवार। मां-बाप, लाइफ पार्टनर और बच्चे... जी हां, ये वो लोग हैं जो बिना किसी स्वार्थ के हमारे साथ खड़े रहते हैं। इसलिए जरूरी है कि हम उनके साथ भी उतना ही वक्त बिताएं, जितना हम अपनी नौकरी या बिजनेस को देते हैं।

    घर में साथ बैठकर खाना खाना, बच्चों के साथ खेलना, बुजुर्गों की बातें सुनना- ये सब छोटी चीजें लगती हैं, लेकिन यही लम्हें हमें सुकून और एनर्जी देते हैं।

    क्यों जरूरी है वर्क-लाइफ बैलेंस?

    • मेंटल हेल्थ के लिए: लगातार काम करने से स्ट्रेस बढ़ता है, जो मानसिक थकावट और डिप्रेशन का कारण बन सकता है।
    • रिश्तों की मजबूती के लिए: जब आप अपनों के साथ वक्त बिताते हैं, तो रिश्ते मजबूत होते हैं और इमोशनल सपोर्ट मिलता है।
    • प्रोडक्टिविटी में सुधार के लिए: जब आप फ्रेश माइंड के साथ काम पर लौटते हैं, तो बेहतर आइडियाज और एनर्जी के साथ काम करते हैं।
    • सेहत बनाए रखने के लिए: समय पर खाना, नींद और थोड़ी एक्सरसाइज- ये सब तभी संभव हैं जब आप काम से कुछ वक्त निकालें।

    बैलेंस बनाना ही है असली आर्ट

    वर्क-लाइफ बैलेंस का मतलब यह नहीं कि आप बड़े-बड़े सपने देखना बंद कर दें या मेहनत करना छोड़ दें, बल्कि इसका मतलब है कि आप समझदारी से समय का बंटवारा करें- कब आपको पूरी एनर्जी से काम करना है और कब खुद को और अपनों को समय देना है।

    आज कई कंपनियां भी इस दिशा में सोचने लगी हैं- फ्लेक्सी टाइम, वर्क फ्रॉम होम, मेंटल हेल्थ डे जैसी पहलें इसका उदाहरण हैं, लेकिन आखिरकार, यह जिम्मेदारी हमारी अपनी है कि हम अपनी लाइफ को बैलेंस रखें।

    यह भी पढ़ें- सिर्फ काम नहीं, नींद और एंटरटेनमेंट का भी पूरा ख्याल रखता है Work-Life Balance का 8-8-8 फॉर्मूला