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    पेट में गड़बड़ी को न करें नजरअंदाज! भारत में तेजी से बढ़ रहे हैं गैस्ट्रिक कैंसर के मामले

    Updated: Mon, 11 Aug 2025 08:52 AM (IST)

    क्या आपको अक्सर पेट में दर्द जलन या खाना पचाने में दिक्कत होती है? अगर हां तो इसे मामूली समझकर नजरअंदाज करना बंद करें। शोध बताते हैं कि भारत में Gastric Cancer के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। चिंता की बात है कि आमतौर पर जब तक इस बीमारी का पता चलता है तब तक अक्सर बहुत देर हो चुकी होती है।

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    गैस्ट्रिक कैंसर के मामलों में दुनिया में दूसरे नंबर पर पहुंचा भारत (Image Source: Freepik)

    प्रेट्र, नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय कैंसर अनुसंधान एजेंसी के शोधकर्ताओं के अनुसार, 2008 से 2017 के बीच जन्मे 15 मिलियन से अधिक लोग जीवन में किसी न किसी समय Gastric Cancer का शिकार हो सकते हैं। इसी के साथ इससे प्रभावित होने वाले देशों में विज्ञानियों ने भारत को दूसरे स्थान पर रखा है जबकि पहले स्थान पर चीन है। इसके बाद अमेरिका और अफ्रीका का नंबर आता है।

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    क्या है गैस्ट्रिक कैंसर की मुख्य वजह?

    विज्ञानियों ने इस दौरान 185 देशों में गैस्ट्रिक कैंसर की घटनाओं के डाटा का विश्लेषण किया और संयुक्त राष्ट्र के जनसांख्यिकी डाटा से अनुमानित मृत्यु दर को शामिल किया। अध्ययन में कहा गया है कि 'हेलिकोबैक्टर पाइलोरी' एक सामान्य बैक्टीरिया है जो पेट में पाया जाता है और इसे गैस्ट्रिक कैंसर का मुख्य कारण माना जाता है जो कैंसर से होने वाली मौतों का दुनिया में पांचवां प्रमुख कारण है । लेखकों ने गैस्ट्रिक कैंसर की रोकथाम के लिए अधिक निवेश की आवश्यकता पर जोर दिया।

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    भारत-चीन पर सबसे ज्यादा असर

    वहीं, अध्ययन में अनुमान लगाया गया कि एशिया में 10.6 मिलियन नए गैस्ट्रिक कैंसर के मामले होंगे जिसमें अकेले भारत और चीन में 6.5 मिलियन मामले होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि यदि गैस्ट्रिक कैंसर को नियंत्रित करने के लिए वर्तमान उपायों में कोई बदलाव नहीं किया जाता है तो संख्या और भी बढ़ सकती है।

    इसके अलावा लेखकों ने अध्ययन के बाद अफ्रीका को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि जहां वर्तमान में गैस्ट्रिक कैंसर का बोझ अपेक्षाकृत कम है, भविष्य में 2022 के अनुमानों की तुलना में कम से कम छह गुना अधिक बोझ देख सकता है। उपायों को लेकर विज्ञानियों का मानना है कि यदि बैक्टीरियल संक्रमण की स्क्रीनिंग और उपचार की दिशा में काम किया गया तो अपेक्षित मामलों को 75 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।

    बचाव के लिए नियमित स्क्रीनिंग जरूरी

    गैस्ट्रिक कैंसर जिसे अक्सर स्टमक कैंसर कहा जाता है, पेट की लाइनिंग से शुरू होता है। इसके लक्षण (Stomach Cancer Symptoms) पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द, सूजन, भूख नहीं लगना, उल्टी, वजन में कमी और मल में खून के रूप में सामने आते हैं। शराब, धूम्रपान, एच पाइलोरी इंफेक्शन, मोटापा और इनएक्टिव लाइफस्टाइल इसके खतरे को बढ़ा सकते हैं।

    स्टमक कैंसर का समय पर पता लगने से इलाज संभव है। हालांकि इसके लिए लक्षण आने से पहले स्क्रीनिंग फायदेमंद साबित हो सकती है। बता दें, लक्षण, मेडिकेशन हिस्ट्री और पहले किए गए जांच के आधार पर तय किया जाता है कि कौन सी स्क्रीनिंग की जानी है। चूंकि पेट का कैंसर धीरे-धीरे बढ़ता है इसलिए सालों तक लक्षणों का अनुभव नहीं होता है इसलिए नियमित स्क्रीनिंग जरूरी है जिससे समय पर इलाज संभव हो सकता है।

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