सोते समय आपका भी खुला रहता है मुंह? तो हो जाइए सतर्क! ये आदत कर सकती है सेहत का बंटाधार
रात को सोते समय चैन की नींद लेना किसे अच्छा नहीं लगता लेकिन अगर इस दौरान आपका मुंह खुला रहता है तो ये आदत (Open Mouth Sleeping) धीरे-धीरे आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है। शुरुआत में तो यह मामूली-सी बात लगती है लेकिन इसके पीछे छिपे कारण और इसके असर इतने गंभीर हो सकते हैं कि जानकर आप भी चौंक जाएंगे।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Open Mouth Sleeping: क्या आपने कभी किसी को सोते हुए मुंह खोले देखा है? या फिर सुबह उठते ही अपना गला सूखा हुआ पाया है, मुंह में अजीब-सी कड़वाहट और सांसों से बदबू महसूस की है? अगर इन सवालों के जवाब हां में है, तो सावधान हो जाइए! ये कोई मजाक नहीं, बल्कि आपकी सेहत की घंटी है जो बज रही है और आपको अभी से सुन लेना चाहिए।
सोते समय मुंह खुला रहना कोई क्यूट आदत नहीं, बल्कि आपकी सेहत के लिए धीरे-धीरे फैलता जहर हो सकता है। यह न सिर्फ आपकी नींद की क्वालिटी को बर्बाद करता है, बल्कि दांत, गले, सांस और यहां तक कि दिमाग पर भी असर डालता है (Health Risks of Open Mouth Sleeping)।
तो अगर आप भी उन लोगों में से हैं जिनका मुंह नींद में अनजाने में खुला रह जाता है, तो इस आर्टिकल को आखिर तक जरूर पढ़िए। क्या पता इसके बाद आपकी सेहत भी बदलने लगे।

सोते समय क्यों खुला रहता है मुंह?
नींद के दौरान मुंह खुला रहना आमतौर पर दो मुख्य कारणों से होता है:
- नाक से सांस लेने में दिक्कत: जब नाक बंद हो या उसमें रुकावट हो (जैसे सर्दी, एलर्जी या साइनस की समस्या), तो शरीर खुद-ब-खुद मुंह से सांस लेना शुरू कर देता है।
- सोने की गलत आदतें: पेट के बल या पीठ के बल सोना भी कभी-कभी मुंह खुला रखने की आदत को बढ़ावा देता है।
खुले मुंह से सोने के नुकसान
डिहाइड्रेशन और मुंह सूखना
मुंह से सांस लेने से लार जल्दी सूख जाती है, जिससे मुंह में सूखापन और बदबू की समस्या होती है। इससे बार-बार प्यास लगती है और नींद भी टूट सकती है।
सांस की दिक्कतें
मुंह से सांस लेना स्वाभाविक तरीका नहीं है। इससे ऑक्सीजन का अवशोषण कम होता है, जिससे शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती और यह थकावट, सुस्ती और फोकस में कमी का कारण बन सकता है।
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दांतों और मसूड़ों को नुकसान
जब लार की मात्रा कम हो जाती है, तो बैक्टीरिया का विकास बढ़ जाता है। इससे कैविटी, मसूड़ों में सूजन और सांसों की दुर्गंध हो सकती है।
नींद की गुणवत्ता में गिरावट
खुले मुंह से सोने वाले लोग अक्सर खर्राटे लेते हैं। इससे न केवल उनकी नींद डिस्टर्ब होती है, बल्कि उनके साथ सोने वालों की भी।
फेशियल स्ट्रक्चर पर असर
बच्चों में लंबे समय तक मुंह खुला रहना जबड़े और चेहरे की बनावट पर असर डाल सकता है। इससे उनका चेहरा लंबा और तंग दिख सकता है, जिसे "Long Face Syndrome" कहा जाता है।
कैसे पता चले कि आप मुंह खुला रखकर सोते हैं?
- सुबह उठते ही मुंह सूखा-सूखा लगे
- गले में खराश या दर्द हो
- सांसों से बदबू आए
- सिरदर्द हो
- पार्टनर बताए कि आप रात में मुंह खुला रखते हैं या खर्राटे लेते हैं
अगर इनमें से कोई लक्षण रोज महसूस हो रहे हैं, तो सतर्क हो जाना चाहिए।
इस आदत से छुटकारा पाने के आसान उपाय
नाक की सफाई रखें
सोने से पहले नाक की सफाई करें। स्टीम लें या नमक वाले पानी से नेजल क्लीनिंग करें, ताकि नाक खुली रहे।
सही पोजिशन में सोएं
साइड में सोना सबसे अच्छा रहता है। इससे नाक से सांस लेने में आसानी होती है और मुंह खुला नहीं रहता।
ह्यूमिडिफायर का यूज करें
अगर कमरे में हवा सूखी हो तो ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें। इससे नाक और गला नम बने रहते हैं।
मुंह बंद रखने वाली स्ट्रिप्स
आजकल बाजार में ऐसी स्ट्रिप्स मिलती हैं जिन्हें होठों पर लगाकर मुंह बंद रखा जा सकता है। लेकिन इन्हें इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
डॉक्टर से सलाह लें
अगर समस्या लगातार बनी रहती है, तो ENT विशेषज्ञ या नींद विशेषज्ञ से जांच करवाएं। कई बार यह स्लीप एपनिया जैसी गंभीर स्थिति का संकेत हो सकता है।
छोटी-सी आदत का बड़ा असर
मुंह खुला रखकर सोना एक छोटी-सी आदत लग सकती है, लेकिन इसके पीछे छिपे खतरे बड़े हो सकते हैं। सही समय पर इसे पहचानना और उपाय करना जरूरी है ताकि आपकी नींद भी बनी रहे और सेहत भी। तो अगर अगली बार कोई बोले कि “सोते समय तुम्हारा मुंह खुला रहता है”, तो इसे हल्के में न लें। हो सकता है आपकी सेहत आपको कुछ संकेत दे रही हो।

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