क्या आपको भी हरदम लगती है भूख? Leptin Resistance हो सकती है इसकी वजह, 3 टेस्ट से करें पता
क्या आपने कभी सोचा है कि कुछ लोग कितना भी खा लें उन्हें फिर भी भूख क्यों लगती रहती है? या आप खुद भी ऐसे हैं जो थोड़ी देर पहले खाना खाने के बावजूद कुछ न कुछ ढूंढते रहते हैं? अगर हां तो यह सिर्फ आपकी आदत नहीं बल्कि आपके शरीर में कुछ अंदरूनी बदलावों का संकेत हो सकता है और इनमें से एक बड़ा कारण है Leptin Resistance!

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। क्या आपके साथ भी ऐसा होता है कि अभी-अभी पेट भरकर खाना खाया, लेकिन फिर भी मन कुछ और खाने का कर रहा है? या दोपहर के खाने के बाद भी शाम होते-होते ही भूख इतनी जोर से लगने लगती है कि कुछ सूझता ही नहीं? अगर हां, तो आप अकेले नहीं हैं।
जी हां, लाखों लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं और अक्सर इसे सिर्फ 'भूख' समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन रुकिए क्योंकि हो सकता है इसके पीछे कोई गहरी वजह (Why am I always hungry) हो और आपकी इस हरदम वाली भूख का कनेक्शन सीधे आपके शरीर के एक जरूरी हार्मोन से हो।
दरअसल, हम बात कर रहे हैं 'Leptin Resistance' की, जो आपकी इस समस्या की जड़ हो सकती है। आइए न्यूट्रीशनिस्ट लीमा महाजन से जानते हैं क्या है ये और कैसे आप सिर्फ 3 टेस्ट से इसका पता लगा सकते हैं।
क्या है लेप्टिन?
हमारे शरीर में लेप्टिन नाम का एक हार्मोन होता है जिसे 'संतुष्टि हार्मोन' या 'भूख कंट्रोलर' भी कहा जाता है। लेप्टिन हमारे फैट सेल्स से निकलता है और दिमाग को यह संकेत भेजता है कि हमने पर्याप्त खा लिया है और अब भूख शांत हो जानी चाहिए। यह हमें ओवरईटिंग से रोकने और हमारे वजन को कंट्रोल रखने में मदद करता है।
लेप्टिन रेजिस्टेंस क्या है?
जब आप लगातार बहुत ज्यादा, खासकर प्रोसेस्ड फूड और शुगर खाते हैं, तो आपके शरीर में लेप्टिन का स्तर बहुत बढ़ जाता है। समय के साथ, आपका दिमाग इस लगातार ऊंचे लेप्टिन के स्तर के प्रति 'बहरा' हो जाता है। इसे ही लेप्टिन रेजिस्टेंस कहते हैं। इसका मतलब है कि लेप्टिन का मैसेज ब्रेन तक ठीक से नहीं पहुंच पाता और दिमाग को लगता है कि शरीर को और खाने की जरूरत है, भले ही आपने पर्याप्त खा लिया हो। नतीजा? आपको लगातार भूख लगती रहती है, आप ज्यादा खाते हैं और आपका वजन बढ़ने लगता है।
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कैसे पहचानें आपको लेप्टिन रेजिस्टेंस है या नहीं?
अगर आपको नीचे दिए गए कुछ लक्षण महसूस होते हैं, तो यह लेप्टिन रेजिस्टेंस का संकेत हो सकता है:
- खाना खाने के तुरंत बाद भी भूख लगना
- मीठा या कार्ब्स खाने की तेज इच्छा
- वजन कम करने में परेशानी, खासकर पेट के आसपास
- रात को भूख लगना
- थकान या एनर्जी की कमी महसूस होना
- 3 टेस्ट बताएंगे सच्चाई
अच्छी बात यह है कि कुछ ब्लड टेस्ट के जरिए आप यह पता लगा सकते हैं कि कहीं आपको लेप्टिन रेजिस्टेंस तो नहीं। बता दें, ये टेस्ट आपको डॉक्टर की सलाह पर ही करवाने चाहिए:
- सीरम लेप्टिन टेस्ट (Serum Leptin Test): यह टेस्ट सीधे आपके ब्लड में लेप्टिन के स्तर को मापता है। उच्च स्तर लेप्टिन रेजिस्टेंस का संकेत हो सकता है।
- फास्टिंग इंसुलिन और ग्लूकोज टेस्ट (Fasting Insulin & Glucose Test): इंसुलिन रेजिस्टेंस और लेप्टिन रेजिस्टेंस अक्सर साथ-साथ चलते हैं। हाई फास्टिंग इंसुलिन स्तर भी लेप्टिन रेजिस्टेंस की ओर इशारा कर सकता है। ग्लूकोज टेस्ट से यह पता चलता है कि आपका शरीर शुगर को कैसे हैंडल कर रहा है।
- लिपिड प्रोफाइल (Lipid Profile): यह टेस्ट आपके कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को बताता है। लेप्टिन रेजिस्टेंस अक्सर खराब लिपिड प्रोफाइल से जुड़ा होता है, खासकर हाई ट्राइग्लिसराइड्स से।
क्या करें अगर लेप्टिन रेजिस्टेंस हो?
अगर टेस्ट में लेप्टिन रेजिस्टेंस का संकेत मिलता है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करके आप इसे ठीक कर सकते हैं:
- प्रोसेस्ड फूड और शुगर कम करें: यह सबसे जरूरी स्टेप है। शुगरी ड्रिंक्स, पैकेज्ड स्नैक्स और रिफाइंड कार्ब्स से दूर रहें।
- फाइबर और प्रोटीन बढ़ाएं: अपनी डाइट में ज्यादा फल, सब्जियां, साबुत अनाज, दालें और लीन प्रोटीन शामिल करें। ये आपको लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराएंगे।
- पर्याप्त नींद लें: नींद की कमी हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकती है, जिसमें लेप्टिन भी शामिल है।
- रेगुलर एक्सरसाइज करें: फिजिकल एक्टिविटी इंसुलिन सेंसिटिविटी और लेप्टिन फंक्शन दोनों को बेहतर बनाती है।
- स्ट्रेस कम करें: स्ट्रेस भी हार्मोनल बैलेंस को बिगाड़ सकता है। इसलिए, योग, ध्यान या अपनी पसंद की कोई भी एक्टिविटी करके तनाव कम करें।
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