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    चीन में मिले 'Deadly Brain Virus', क्या ये बन सकते हैं महामारी की वजह? जानें स्टडी में क्या पता चला

    Updated: Thu, 26 Jun 2025 08:35 AM (IST)

    चीन के युन्नान प्रांत में चमगादड़ों में 20 नए वायरस पाए गए हैं (Deadly Brain Virus Found in China), जिनमें से दो निपाह और हेंड्रा वायरस से मिलते-जुलते हैं। ये वायरस चमगादड़ों की किडनी में मिले हैं, जिससे उनके यूरिन के जरिए फैलने की आशंका है। हालांकि अभी तक इंसानों में संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन अगर म्युटेट हुए, तो खतरनाक साबित हो सकते हैं।

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    चमगादड़ों में मिले नए खतरनाक वायरस (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना वायरस के बाद अब चीन में 20 और नए वायरस पाए गए हैं। ये वायरस चीन के युन्नान प्रांत में चमगादड़ों के अंदर पाए गए हैं। आपको बता दें कि इनमें से दो वायरस निपाह वायरस और हेंड्रा वायरस से मिलते-जुलते हैं। निपाह और हेंड्रा, दोनों ही इंसानों के लिए काफी खतरनाक होते हैं, क्योंकि इनसे मरीज के दिमाग में सूजन हो जाती है और रेस्पिरेटरी फेलियर होने का रिस्क भी रहता है।   PLOS Pathogens जर्नल में पब्लिश हुई स्टडी ने सभी के मन में सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या इन नए वायरस से इंसानों को भी खतरा है?

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    स्टडी में क्या हुआ खुलासा?   

    2017 से 2021 के बीच, रिसर्चर्स ने युन्नान प्रांत के पांच अलग-अलग जगहों से 142 चमगादड़ों के किडनी टिशू के सैंपल लिए। जीनोम सीक्वेंसिंग के बाद पता चला कि इनमें 22 अलग वायरस मौजूद थे, जिनमें से 20 बिल्कुल नए थे। इनमें दो हेनिपावायरस- युन्नान बैट हेनिपावायरस-1 और युन्नान बैट हेनिपावायरस-2 ने वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि ये निपा और हेंड्रा वायरस से 71% तक मेल खाते हैं।  

     

    निपाह और हेंड्रा वायरस कितने खतरनाक हैं?  

    निपाह वायरस का पहला प्रकोप 1998-99 में मलेशिया में हुआ था, जहां इसने 100 से ज्यादा लोगों की जान ले ली थी। यह वायरस से मृत्यु दर 75% तक हो जाता है। हेंड्रा वायरस ऑस्ट्रेलिया में पाया जाता है और यह घोड़ों के जरिए इंसानों में फैल सकता है। दोनों ही वायरस जूनोटिक (जानवरों से इंसानों में फैलने वाले) हैं और गंभीर न्यूरोलॉजिकल समस्याएं पैदा करते हैं।  


    किडनी में पाए जाने का क्या मतलब है?  

    इस स्टडी में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि ये वायरस चमगादड़ों की किडनी में पाए गए। किडनी यूरिन एक्सक्रीशन का काम करता है, जिसका मतलब है कि ये वायरस चमगादड़ों के यूरिन के जरिए फैल सकते हैं। चमगादड़ अक्सर बागों और खेतों में रहते हैं, जहां वे फलों या पानी के स्रोतों पर यूरिनेट कर सकते हैं। अगर कोई व्यक्ति दूषित फल या पानी खा लेता है, तो वायरस उसमे प्रवेश कर सकता है।  

     

    क्या ये नए वायरस इंसानों के लिए खतरा हैं?  

    फिलहाल, इन वायरसों से कोई भी संक्रमण का मामला सामने नहीं आया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हमें लापरवाही बरतनी चाहिए। वैज्ञानिकों को अभी यह पता लगाना होगा कि क्या ये वायरस इंसानों को इन्फेक्ट कर सकता है या नहीं। अगर ये वायरस म्यूटेट होकर इंसानों में फैलने की क्षमता हासिल कर लेते हैं, तो ये एक गंभीर समस्या बन सकते हैं। 


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