बच्चों की जान ले रहा कफ सिरप! डॉक्टर ने बताया कब बरतनी है सावधानी और किन बातों का रखें ख्याल
देश के कई हिस्सों में कफ सिरप से बच्चों की मौत की खबरें आ रही हैं। राजस्थान मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में डेक्सट्रोमेथॉर्फन वाली दवाई से कई बच्चों की जान गई है। विशेषज्ञ बच्चों को कफ सिरप देने से पहले डॉक्टर से सलाह लेने को कहते हैं। कफ सिरप के गलत इस्तेमाल से गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। देश के अलग-अलग हिस्सों में इन दिनों कफ सिरप से बच्चों की मौत की खबर लगातार सामने आ रही है। राजस्थान, मध्य प्रदेश जैसे कई राज्यों में डेक्सट्रोमेथॉर्फन वाली दवाई पीने से कई बच्चों की मौत हो गई। इस खबर के सामने आने के बाद से ही हड़कंप मचा हुआ है।
हमारे यहां खांसी होने पर कफ सिरप का इस्तेमाल काफी आम है। खासकर बच्चों को खांसी होने पर लोग अक्सर उन्हें दवाई पिला देते हैं, ताकि उन्हें जल्द आराम मिल सकें। हालांकि, आराम के चक्कर में कफ सिरप का इस्तेमाल बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। ऐसे में हमने फोर्टिस हॉस्पिटल, शालीमार बाग में पीडियाट्रिक्स के यूनिट हेड और सीनियर डायरेक्टर डॉ. विवेक जैन से इस दवा से जुड़े 5 सवालों के जवाबों के बारे में जाना-
डेक्सट्रोमेथॉर्फन क्या है?
डेक्सट्रोमेथॉर्फन सूखी खांसी से राहत दिलाने वाली कई आम ओवर-द-काउंटर कफ सिरप में इस्तेमाल होने वाला एक आम घटक है। यह दिमाग के उस हिस्से पर असर करता है जिसे कफ सेंटर कहते हैं और जो आपकी खांसी के लिए जिम्मेदार होता है।
डेक्सट्रोमेथॉर्फन, सही तरह से इस्तेमाल करने पर, वयस्कों के लिए सुरक्षित है। हालांकि, आमतौर पर बच्चों के लिए सही नहीं माना जाता है। इसकी ज्यादा मात्रा नकारात्मक प्रभाव (नुकसान पहुंचाने वाले) पैदा कर सकती है, इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह के डेक्सट्रोमेथॉर्फन बिल्कुल भी नहीं लेना चाहिए।
कितनी मात्रा सुरक्षित मानी जाती है?
यह आम तौर पर स्वीकार किया जाता है कि वयस्क हर 4 घंटे में 10-20 मिलीग्राम या हर 6-8 घंटे में 30 मिलीग्राम ले सकते हैं। इस तरह एक दिन में 120 मिलीग्राम से ज्यादा डोज नहीं होनी चाहिए। वहीं, बच्चों के लिए विशेषज्ञ की राय अलग-अलग होती है और उनकी उम्र और वजन पर निर्भर करता है।
कुछ विशेषज्ञ छह साल से कम उम्र के बच्चों के लिए किसी भी कफ सिरप के इस्तेमाल की सिफारिश करने के बारे में सावधानी बरतते हैं। वहीं, हाइट और वजन के मामले में, अपने बच्चे को कफ सिरप देने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
क्या बच्चों को कफ सिरप की सच में जरूरत होती है?
आमतौर पर, सर्दी-ज़ुकाम से पीड़ित बच्चों को कफ सिरप की जरूरत नहीं होती। खांसी एक नेचुरल रिस्पॉन्स है, जो एयरवेज से बलगम और कीटाणुओं को साफ करती है। कफ सिरप की बजाय, डॉक्टर आमतौर पर गर्म पानी, शहद (1 साल से बड़े बच्चों के लिए) या सेलाइन ड्रॉप (बच्चों के लिए नेसल स्प्रे) जैसे उपाय सुझाते हैं। डॉक्टर ने कहा कि अगर आप अपने बच्चे को नियमित रूप से कफ सिरप देते हैं, तो आप फायदे से ज्यादा नुकसान पहुंचा रहे होंगे।
कफ सिरप के दुष्प्रभाव
डेक्सट्रोमेथॉर्फन कफ सिरप से नींद आने, चक्कर आने, मतली और पेट खराब होने जैसे साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। दुरुपयोग या ज्यादा मात्रा में कफ सिरप के इस्तेमाल से बच्चों में गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं, जैसे सांस लेने में तकलीफ, दौरे पड़ना या मौत। लंबे समय तक कफ सिरप के इस्तेमाल से इस पर डिपेंडेंसी हो सकती है। इसलिए सही डोज के लिए डॉक्टर के निर्देशों का पालन करना सबसे अच्छा है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।