जीरा पानी या सौंफ पानी: गैस, एसिडिटी और कब्ज को दूर करने में क्या है ज्यादा असरदार?
पाचन से जुड़ी परेशानियां जैसे गैस एसिडिटी और कब्ज आजकल आम हो गई हैं। ऐसे में हमारी रसोई में मौजूद कुछ खास मसाले इन समस्याओं से राहत दिलाने में कमाल का काम कर सकते हैं। जीरा और सौंफ ये दोनों ही मसाले अपने औषधीय गुणों के लिए जाने जाते हैं लेकिन सवाल यह उठता है कि इन दोनों में से कौन-सा ज्यादा असरदार है?

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। क्या आपको भी अक्सर पेट फूलने, जलन या कब्ज जैसी परेशानियां सताती हैं? क्या हर बार खाने के बाद भारीपन महसूस होता है? अगर इन सवालों के जवाब 'हां' हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है।
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और खान-पान की गलत आदतों की वजह से पेट की समस्याएं आम हो गई हैं। ऐसे में, दादी-नानी के नुस्खों में से जीरा पानी और सौंफ पानी (Jeera Water vs Saunf Water) दो ऐसे कमाल के उपाय हैं जो इन परेशानियों से छुटकारा दिलाने में सदियों से कारगर साबित हुए हैं। आइए जानें।
जीरा पानी
जीरा, जिसे भारतीय रसोई में एक आम मसाला माना जाता है, पेट की समस्याओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। जीरा पानी पाचन एंजाइम्स के स्राव को बढ़ावा देता है, जिससे भोजन को पचाने में मदद मिलती है। यह खास तौर पर गैस, ब्लोटिंग और पेट फूलने की समस्या में बहुत फायदेमंद है।
जीरा पानी के फायदे
- गैस और ब्लोटिंग से राहत: जीरा में ऐसे गुण होते हैं जो पेट की गैस को कम करते हैं और पेट फूलने की समस्या में आराम देते हैं। यह गैस्ट्रिक गैस को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है।
- एसिडिटी और अपच में मददगार: जीरा पानी एक प्राकृतिक एंटी-एसिड के रूप में काम करता है, जो पेट की जलन और एसिडिटी को शांत करता है।
- कब्ज दूर करने में मददगार: जीरा फाइबर का अच्छा सोर्स है, जो मल त्याग को आसान बनाता है। यह गट सफाई करने और शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में भी मदद करता है।
- मेटाबॉलिज्म बूस्ट करता है: जीरा पानी पीने से मेटाबॉलिज्म तेज होता है, जिससे भोजन का पाचन और पोषक तत्वों का अवशोषण बेहतर होता है।
कैसे बनाएं: एक चम्मच जीरे को एक गिलास पानी में उबाल लें। जब पानी आधा रह जाए तो उसे छानकर हल्का गुनगुना पी लें। आप रात भर पानी में जीरा भिगोकर सुबह भी इस पानी का सेवन कर सकते हैं।
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सौंफ पानी
सौंफ, जिसे आमतौर पर खाना खाने के बाद माउथ फ्रेशनर के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है, पाचन संबंधी समस्याओं में भी बहुत असरदार है। सौंफ की तासीर ठंडी होती है, इसलिए यह पेट की गर्मी और एसिडिटी को शांत करने में विशेष रूप से मददगार है।
सौंफ पानी के फायदे
- एसिडिटी और सीने की जलन में राहत: सौंफ में शीतल और शांतिदायक गुण होते हैं जो पित्त दोष को संतुलित करते हैं। यह एसिडिटी और सीने की जलन को कम करने में मददगार है।
- गैस और अपच का इलाज: सौंफ के पानी का सेवन गैस, ब्लोटिंग और अपच से राहत दिलाता है। इसमें मौजूद गुण पाचन एंजाइम्स को एक्टिव करते हैं।
- पेट की ऐंठन कम करे: सौंफ में एंटी-स्पास्मोडिक गुण होते हैं जो पेट की मांसपेशियों को आराम देते हैं और ऐंठन को कम करते हैं।
- कब्ज में भी फायदेमंद: सौंफ भी फाइबर से भरपूर होती है, जो कब्ज से राहत दिला सकती है।
कैसे बनाएं: एक चम्मच सौंफ को एक गिलास पानी में 5-10 मिनट तक उबालें। इसे छानकर हल्का गुनगुना पी लें। आप चाहें तो रात भर सौंफ को पानी में भिगोकर सुबह उस पानी का सेवन कर सकते हैं।
क्या है ज्यादा असरदार?
दोनों ही जीरा और सौंफ पानी अपने-अपने तरीके से फायदेमंद हैं। अगर आपको गैस और ब्लोटिंग की समस्या ज्यादा रहती है, और पेट में भारीपन महसूस होता है, तो जीरा पानी आपके लिए ज्यादा असरदार हो सकता है. यह पाचन को सक्रिय करता है और गैस को बाहर निकालने में मदद करता है।
अगर आपको एसिडिटी, सीने में जलन या पेट में गर्मी की समस्या ज्यादा है, तो सौंफ पानी आपके लिए बेहतर ऑप्शन है। यह पेट को ठंडक पहुंचाता है और एसिडिटी को शांत करता है।
कई बार, इन तीनों समस्याओं (गैस, एसिडिटी, कब्ज) के लिए जीरा, सौंफ और अजवाइन का मिश्रण भी बहुत प्रभावी होता है। आप इन तीनों को बराबर मात्रा में मिलाकर पाउडर बना सकते हैं और गुनगुने पानी के साथ इसका सेवन कर सकते हैं।
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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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