भारत में 4 हजार पार हुए COVID-19 के मामले, हेल्दी फेफड़ों के लिए रोज 10 मिनट करें 5 Breathing Exercises
कोविड-19 के बढ़ते मामलों से हर कोई चिंता में है। खुद को इसकी चपेट में आने से बचाने के लिए सावधानियों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। इसके अलावा फेफड़ों को मजबूत बनाना भी उतना ही जरूरी है। फेफड़ों को हेल्दी रखने के लिए रोजाना कुछ ब्रीदिंग एक्सरसाइज (Breathing Exercises for Lungs) करना फायदेमंद हो सकता है।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। कोविड-19 (Covid-19) महामारी को भूलना नामुमकिन है। कितने ही लोगों को यह वायरस लील गया था। फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने वाले इस वायरस के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं। इस बार एक नया वेरिएंट लोगों को अपना शिकार बना रहा है। भारत और एशिया के कई देशों में इसके मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। कोविड-19 डैशबोर्ड के मुताबिक, 3 जून तक भारत में कोविड-19 के 4,026 मामले (India COVID-19 Cases June 2025) सामने आ चुके हैं। ऐसे में जरूरी है कि हम कोविड-19 से बचाव करें (COVID-19 Spike Precautions) और साथ ही, अपनी इम्युनिटी और फेफड़ों को मजबूत (COVID Lung Care Tips) बनाएं।
फेफड़ों को मजबूत बनाने के लिए कुछ ब्रीदिंग एक्सरसाइज ( Breathing Exercises for Lungs) करना काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। दरअसल, ब्रीदिंग एक्सरसाइज फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने, ऑक्सीजन लेवल सुधारने और स्ट्रेस कम करने में काफी मदद करती हैं। आइए जानें फेफड़ों को मजबूत बनाने के लिए 5 ब्रीदिंग एक्सरसाइज।
फेफड़ों को हेल्दी बनाने के लिए 5 ब्रीदिंग एक्सरसाइज
डीप ब्रीदिंग
डीप ब्रीदिंग सबसे आसान, लेकिन असरदार लंग एक्सरसाइज है। इसे नियमित रूप से करने से फेफड़ों की काम करने की क्षमता बढ़ती है। साथ ही, इससे स्ट्रेस और एंग्जायटी भी कम होती है, जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद है।
कैसे करें?
- सीधे बैठ जाएं और एक हाथ पेट पर रखें।
- नाक से गहरी सांस लें, पेट को फूलने दें।
- कुछ सेकंड रोककर रखें, फिर धीरे-धीरे मुंह से सांस छोड़ें।
- इसे 5-10 बार दोहराएं।
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भस्त्रिका प्राणायाम
भस्त्रिका प्राणायाम एक ऐसी ब्रीदिंग एक्सरसाइज है, जो ऑक्सीजन लेवल सुधारने, फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने और फेफड़ों की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करता है।
कैसे करें?
- पद्मासन में बैठ जाएं।
- अब तेजी से नाक से सांस लें और भंवरे की तरह आवाज निकालते हुए सांस बाहर छोड़ें।
- 10 बार ऐसा करने के बाद नॉर्मल सांस लें।
अनुलोम-विलोम प्राणायाम
अनुलोम-विलोम फेफड़ों को डिटॉक्स करने में मदद करती है। इसके अलावा, यह ऑक्सीजन लेवल को भी सुधारता है। इसे सुबह के समय करने से मन को शांति भी मिलती है।
कैसे करें?
- रीढ़ की हड्डी सीधी करके बैठ जाएं।
- अब दाएं अंगूठे से दाएं नथुने को बंद करें, बाएं नथुने से सांस लें।
- फिर बाएं नथुने को अंगुली से बंद करके दाएं से सांस छोड़ें।
- इसे 5-10 मिनट तक दोहराएं।
पर्स्ड लिप ब्रीदिंग (होंठों को सिकोड़कर सांस लेना)
पर्स्ड लिप ब्रीदिंग फेफड़ों में हवा का फ्लो बेहतर बनाता है और यह सीओपीडी के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद होता है। इससे सांस फूलने की समस्या कम होती है।
कैसे करें?
- आराम से बैठें, गर्दन और कंधे रिलैक्स रखें।
- नाक से दो सेकंड तक सांस लें।
- होंठों को सिकोड़कर और धीरे-धीरे सांस छोड़ें।
- 5-10 बार इस प्रोसेस को दोहराएं।
डायाफ्रामेटिक ब्रीदिंग (पेट से सांस लेना)
डायफ्रामेटिक ब्रीदिंग से फेफड़े मजबूत बनते हैं और तनाव भी कम होता है।
कैसे करें?
- पीठ के बल लेट जाएं और घुटने मोड़ें।
- एक हाथ छाती पर और दूसरा पेट पर रखें।
- नाक से गहरी सांस लें और पेट को फुलाएं।
- होंठों को सिकोड़कर सांस छोड़ें।
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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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