हड्डियों की मजबूती और स्किन की खूबसूरती के लिए जरूरी है कॉपर, ये फूड्स करेंगे इसकी कमी दूर
कॉपर या तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी पीने के फायदों के बारे में हम अपनी दादी-नानी से सुनते आए हैं। कैसे ये मिनरल हमारे लिए फायदेमंद है और किन चीजों में पाया जाता है क्या इसकी ज्यादा मात्रा खतरनाक हो सकती है आइए इस आर्टिकल के जरिए जानते हैं।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हाल-फिलहाल आपने कॉपर के इस्तेमाल वाले फिल्टर्स के कई विज्ञापन देखे होंगे। वैसे ये मिनरल काफी सारी चीजों में नेचुरली भी पाया जाता है। इसे सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। इसकी कमी से क्या परेशानियां हो सकती हैं और इसकी कमी दूर करने के क्या तरीके हैं, आइए जानते हैं।
मिट्टी में पाया जाता है
कॉपर एक मिनरल है और यह मिट्टी में नेचुरली पाया जाता है। हमारा शरीर कॉपर नहीं बना सकता है और इंसानों को जिंदा रहने के लिए इसकी जरूरत होती है। ऐसे में खाने के जरिए हम इसकी कमी को पूरा कर सकते हैं।
कमी से हो सकता है हाइपोपिग्मेंटेशन
कॉपर स्किन के लिए जरूरी मिनरल है। इसकी कमी से मेलानिन कम हो सकता है, जो आपकी त्वचा के रंग का निर्माण करता है। इसके कम होने से हाइपोपिग्मेंटेशन या स्किन का रंग हल्का हो सकता है। कुछ साक्ष्यों से पता चलता है कि कॉपर, जिंक और आयरन, एक्ने, सोरायसिस और एग्जिमा जैसी स्किन से जुड़ी समस्याओं में बहुत ही अहम भूमिका निभा सकता है।
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एनीमिया से बचाव करता है
हीमोग्लोबिन बनाने के लिए कॉपर की जरूरत होती है, जो शरीर के टिश्यूज तक ऑक्सीजन को पहुंचाने में मदद करता है। हीमोग्लोबीन की कमी से एनीमिया होने का खतरा रहता है। वैसे आयरन और विटामिन बी12 की कमी से भी एनीमिया होने का खतरा रहता है।
इम्युनिटी के लिए जरूरी
कॉपर की कमी से व्हाइट ब्लड सेल्स का स्तर कम हो जाता है, जिसे न्यूट्रोपीनिया कहते हैं। व्हाइट ब्लड सेल्स की कमी की वजह से आपका शरीर इन्फेक्शन से लड़ नहीं पाता। अगर आपका कॉपर लेबल कम हो, तो इम्यून सिस्टम बैक्टीरिया और बीमारी पैदा करने वाली बाकी चीजों से बचा नहीं पाता।
हड्डियां भी बनती हैं मजबूत
वैसे तो हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए कैल्शियम एक जाना माना मिनरल है, लेकिन हड्डियों की मजबूती के लिए और भी पोषक तत्वों की जरूरत होती है, जिनमें कॉपर भी शामिल है। शरीर में बहुत कम मात्रा में कॉपर स्टोर होता है और जिसका दो-तिहाई हिस्सा आपकी हड्डियों और मसल्स में होता है। हड्डियों के सही विकास के लिए कॉपर बेहद जरूरी है और इसकी कमी से ऑस्टियोपोरोसिस हो सकता है।
इन्हें चाहिए ज्यादा मात्रा में कॉपर
शरीर के सभी फंक्शन अच्छी तरह पूरे हो पाएं, बस कॉपर की उतनी ही मात्रा चाहिए होती है। 9 से 13 साल के बच्चों को हर दिन 700 माइक्रोग्राम कॉपर की जरूरत होती है, वहीं 14 से 18 साल के टीन्स को 890 माइक्रोग्राम की, जबकि वयस्कों को 900 माइक्रोग्राम की। हालांकि, प्रेग्नेंट महिलाओं को रोजाना 1,000 माइक्रोग्राम कॉपर चाहिए, जबकि ब्रेस्टफीडिंग महिलाओं को 1,300 माइक्रोग्राम कॉपर की जरूरत होती है।
इनमें ज्यादा होता है कॉपर
- डार्क चॉकलेट
- आलू
- काजू
- सूरजमुखी के बीज
- टोफू
- काबुली चना
- मोटे अनाज
- एवोकाडो
- अंजीर
पानी है सबसे आसान और सस्ता तरीका
हमारा शरीर सीधे कॉपर को नहीं पचा सकता। आहार के जरिए इसे लेना ही एकमात्र स्रोत है। जब खाने के जरिए इसकी पूर्ति करने की बात आती है, तो इसके विकल्प कम हो जाते हैं। इसलिए कॉपर को शामिल करने का सबसे आसान तरीका है इसे पानी के जरिए लेना।
आप कॉपर के जग, मटके या फिर बोतल में रातभर पानी भरकर रख दें और सुबह खाली पेट 1-2 गिलास पी लें। इससे ज्यादा पानी न पीएं और न ही इसे फ्रिज में ठंडा होने के लिए रखें। दो से तीन महीने लगातार इस पानी को रोजाना पीना है और फिर कुछ महीनों का ब्रेक लेकर ही दोबारा शुरू करना है। आयुर्वेद के अनुसार इस पानी को पीने के कई फायदे हैं:
- शरीर के तीनों दोष कफ, वात, पित्त संतुलित करता है
- अंगों के सही तरीके से काम करने में मदद करता है
- पोषक तत्वों को पचाने में हेल्प करता है
- मेटाबॉलिक प्रक्रिया को बढ़ाता है
- आपके शरीर की सफाई करता है
- बॉडी डिटॉक्स में मदद करता है।
सप्लीमेंट के रूप में ना लें
ज्यादातर लोगों के कॉपर की पूर्ति खाने या पानी से हो जाती है, लेकिन सप्लीमेंट के रूप में लेने पर ओवरडोज होने का खतरा रहता है। ऐसा होने से पेट में दर्द, डायरिया, लिवर की बीमारी, मितली और उल्टी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। डॉक्टर की सलाह के बिना इसका सप्लीमेंट लेना शुरू ना करें।
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