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    ब्लड शुगर चेक करते वक्त न करें ये गलतियां, वरना गलत हो जाएगी रीडिंग; डायबिटीज के मरीज रखें ध्यान

    Updated: Wed, 20 Aug 2025 01:04 PM (IST)

    ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar Level) की नियमित जांच काफी जरूरी होती है खासकर डायबिटीज के मरीजों के लिए। हालांकि कुछ गलतियां ब्लड शुगर लेवल की रीडिंग को प्रभावित कर सकती हैं जिससे रीडिंग ज्यादा या कम हो सकती है। गलत ब्लड शुगर रीडिंग काफी खतरनाक साबित हो सकती है। आइए जानें ब्लड शुगर चेक करते वक्त किन गलतियों से बचें।

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    ब्लड शुगर लेवल चेक करते वक्त इन गलतियों से बचें (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। ब्लड शुगर लेवल बढ़ना (High Blood Sugar Level) काफी खतरनाक साबित हो सकता है। शुगर लेवल बढ़ने की वजह से सेहत को कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं। इसलिए नियमित ब्लड शुगर लेवल चेक करना जरूरी होता है, खासकर डायबिटीज के मरीजों को। 

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    लेकिन क्या आप जानते हैं ब्लड शुगर लेवल चेक करते वक्त की कुछ गलतियां (Blood Sugar Testing Mistakes) आप पर भारी पड़ सकती हैं। एक गलत रीडिंग आपकी गलत दिशा में ले जा सकती है– चाहे वह गैर-जरूरी चिंता हो, दवा की गलत खुराक हो, या फिर असल खतरे को नजरअंदाज करना हो। आइए जानते हैं उन आम गलतियों के बारे में जिनसे ब्लड शुगर लेवल चेक करते वक्त बचना चाहिए।

    हाथों को ठीक से साफ न करना

    यह शायद सबसे आम और सबसे गंभीर गलती है। अगर आपके हाथों पर चीनी, फलों का रस, या कोई दूसरी चीज लगी है, तो वह आपकी रीडिंग को तुरंत प्रभावित करेगा। इसे यूं समझिए कि अगर आपने कोई फल छुआ है और बिना हाथ धोए टेस्ट कर लिया, तो रीडिंग असलियत से ज्यादा आ सकती है।

    इसलिए टेस्ट से पहले हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह धोएं और साफ तौलिए से पोंछकर सुखा लें। अल्कोहल वाइप्स का इस्तेमाल करते समय उसे पूरी तरह सूखने दें, क्योंकि अल्कोहल भी रीडिंग को प्रभावित कर सकता है।

    टेस्टिंग की टाइमिंग में गड़बड़ी

    ब्लड शुगर की रीडिंग का समय बेहद जरूरी है। फास्टिंग (खाली पेट), खाने के 2 घंटे बाद (पोस्टप्रांडियल रीडिंग), या बेडटाइम– हर रीडिंग का अपना एक अलग महत्व होता है। इन समय में उलट-फेर करने से आपको आपके ब्लड शुगर पैटर्न की सही जानकारी नहीं मिल पाएगी।

    इसलिए डॉक्टर के बताए गए समय पर ही टेस्ट करें। फास्टिंग ब्लड शुगर चेक करने का मतलब है 8-10 घंटे के फास्टिंग के बाद टेस्ट करना। वहीं, पोस्टप्रांडियल रीडिंग खाना शुरू करने के ठीक 2 घंटे बाद लेनी चाहिए।

    ब्लड की सही मात्रा न लेना

    मॉडर्न ग्लूकोमीटर बहुत कम खून की बूंद से काम कर लेते हैं, फिर भी अगर खून की मात्रा पर्याप्त नहीं है, तो रीडिंग गलत आएगी। कई बार मरीज उंगली पर दबाव बनाकर खून निकालते हैं, जिससे टिश्यू फ्लूइड खून में मिल जाता है और रीडिंग कम आ सकती है।

    इसलिए टेस्ट स्ट्रिप को ब्लड ड्रॉप से छुए बिना उसके संपर्क में आने दें। उंगली से खून निकालने के लिए उसे हल्का-सा दबाकर मसाज करें, न कि बहुत ज्यादा प्रेशर बनाएं।

    एक्सपायर्ड या खराब टेस्ट स्ट्रिप्स का इस्तेमाल

    टेस्ट स्ट्रिप्स बहुत सेंसिटिव होती हैं। अगर उनकी एक्सपायरी डेट निकल चुकी है, या वे गलत तरीके से रखी गई हैं, तो वे गलत रीडिंग देंगी।

    इसलिए हमेशा स्ट्रिप्स के डिब्बे पर मौजूद एक्सपायरी डेट चेक करें। डिब्बे का ढक्कन तुरंत बंद कर दें। स्ट्रिप्स को नमी और बहुत कम या ज्यादा तापमान से बचाकर रखें।

    ग्लूकोमीटर का रखरखाव ठीक से न करना

    ग्लूकोमीटर एक मेडिकल डिवाइस है, इसे भी साफ-सुथरा और कैलिब्रेटेड रखने की जरूरत होती है। धूल, गंदगी और नमी इसकी फंक्शन को बिगाड़ सकती है।

    इसलिए डिवाइस को संभालकर और साफ जगह पर रखें। साथ ही, कंट्रोल सॉल्यूशन की मदद से समय-समय पर इसकी एक्यूरेसी जांचते रहें।

    शारीरिक या मानसिक स्ट्रेस का असर

    तनाव, बीमारी, या कोई इन्फेक्शन होने पर शरीर स्ट्रेस हार्मोन रिलीज करता है, जो ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा सकता है। अगर आप बुखार, स्ट्रेस या एंग्जायटी की स्थिति में हैं, तो आपकी रीडिंग सामान्य से ज्यादा आ सकती है, भले ही आपने खान-पान पर पूरा कंट्रोल रखा हो।

    सही तरीका- इन स्थितियों में रीडिंग हाई आने पर घबराएं नहीं। यह एक सामान्य शारीरिक प्रतिक्रिया है। हालांकि, लगातार हाई रीडिंग आने पर डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

    डिहाइड्रेशन

    शरीर में पानी की कमी होने पर खून गाढ़ा हो जाता है, जिससे ब्लड शुगर की कॉन्संट्रेशन बढ़ी हुई नजर आ सकती है। इसलिए शरीर में पानी की कमी न होने दें।

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    Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।