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    घर पर ही दिल का हाल बता देगा पोर्टेबल होम ईसीजी, जानें इससे जुड़ी जरूरी बातें

    Updated: Thu, 10 Apr 2025 12:00 PM (IST)

    इन दिनों दिल से जुड़ी बीमारियों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि अपने दिल का खास ख्याल रखा जाए। साथ ही समय-समय पर दिल से जुड़ी अपडेट्स लेते रहना भी जरूरी है। इसके लिए ईजीसी एक बढ़िया विकल्प है लेकिन बार-बार हॉस्पिटल जाना कई बार महंगा साबित होता है। इसलिए आप पोर्टेबल होम ईसीजी का इस्तेमाल कर सकते हैं।

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    पोर्टेबल होम ईसीजी के फायदे-नुकसान (Picture Credit-Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आपका दिल सही तरीके से काम कर रहा है या नहीं इसका पता हॉस्पिटल्स में रखी ईसीजी मशीनें लगाने में बड़े काम आती है। ऐसे में अगर यही तकनीक एक पोर्टेबल रूप में आपके साथ हर वक्त घर पर मौजूद हो, तो यह कितने काम का साबित हो सकता है।

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    ईसीजी क्या करती है?

    ईसीजी या इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम, हार्ट की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी को सतह रूप से दिखाती है। इससे हार्ट, उसके चैम्बर के आकार और संभावित हार्ट अटैक को रिदम, कंडक्शन के माध्यम से समझने में मदद करती है।

    हॉस्पिटल के ईसीजी मॉनिटर और पोर्टेबल होम ईसीजी में फर्क

    अस्पतालों में इस्तेमाल होने वाले पारंपरिक ईसीजी मॉनिटर और पोर्टेबल ईसीजी दोनों ही तेज और पेनलेस होते हैं, लेकिन दोनों की तकनीक में अंतर होता है। बाजार में उपलब्ध होम ईसीजी के मॉनिटर में जहां दो लीड्स का इस्तेमाल होता है, तो वहीं अस्पताल या डॉक्टर के क्लीनिक में 12 लीड्स का।। इससे हार्ट को अलग-अलग एंगल से ज्यादा विस्तृत रूप में देखने में मदद मिलती है। वैसे सभी मॉनिटर्स में ऐसी तकनीक होती है, जो हार्ट रिदम का सही तरीके से पता लगाने में काम आती है।

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    किन मरीजों को चाहिए होम ईसीजी

    ज्यादातर मरीजों को रेगुलर मॉनिटरिंग की जरूरत नहीं होती और उनके लिए होम ईसीजी मॉनिटर्स इतने जरूरी नहीं। ये उन लोगों के लिए ज्यादा कारगर हैं, जिनमें धड़कनों से जुड़ी समस्या का पता चला है और जिनकी धड़कनें सामान्य से तेज चलती हैं। इसलिए, अनियमित धड़कनों (atrial fibrillation) वाले मरीजों के लिए ये ज्यादा काम की है, खासकर जिनमें इसके लक्षण सामने आ चुके हैं।

    इस तरह की होम डिवाइस की मॉनिटरिंग मरीज खुद करते हैं और उनके लिए बीमारी के लक्षण सबसे बेहतर रास्ता दिखाते हैं। घरों में इस्तेमाल होने वाले ईसीजी मॉनिटर्स आपके हार्ट रिदम और हार्ट रेट को ट्रैक करने में मदद कर सकते हैं, लेकिन इससे ब्लड प्रेशर का भी पता लगाया जा सकता है।

    पर्सनल ईसीजी डिवाइस की कमी क्या है?

    इसकी बड़ी कमी है कि ये मेडिकल ग्रेड के मॉनिटर जितने सटीक नहीं होते। मूवमेंट, सेंसर से सही तरीके से कनेक्ट न हो पाना, गलत फिट, पसीना आने से भी इसकी सटीकता पर असर पड़ता है। कई बार मॉनिटर हार्ट रिदम को गलत तरीके से भी रीड कर लेता है- जैसे सामान्य रिदम को भी असामान्य बता देता है।

    अगर ईसीजी मॉनिटर हार्ट रेट को असामान्य बता रहा है तो क्या करें

    अगर आपका होम ईसीजी मॉनिटर असामान्य रिदम बता रहा है, तो घबराएं नहीं। इसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करें। वो आपको आगे के स्टेप में मदद कर सकते हैं। हार्ट रिदम के रिजल्ट को शेयर करने में वह आपको सही जानकारी दे सकते हैं। ज्यादातर होम ईसीजी डिवाइस आपको अपनी रिकॉर्डिंग की पीडीएफ फाइल बनाने की सुविधा देते हैं। इसे आप डाउनलोड कर सकते है या उसका प्रिंट भी निकाल सकते हैं।

    इस स्थिति में मदद लें

    ये डिवाइस हार्ट अटैक या स्ट्रोक के बारे में बताने के लिए डिजाइन नहीं किए गए हैं और जरूरत पड़ने पर तत्काल मेडिकल मदद लेने की जगह भी नहीं ले सकते। ऐसा होने पर मदद लें:

    • सीने में दर्द
    • सांस लेने में तकलीफ
    • धड़कनों का बढ़ना जो रुक न रहा हो
    • लंबे समय से चक्कर या कमजोरी महसूस होना

    क्या फायदे हैं

    • सान है: पोर्टेबल ईसीजी मशीनें छोटी और वजन में काफी हल्की होती हैं, जिन्हें यूजर अपने पॉकेट में ले जा सकता है या फिर उन्हें अपने कपड़ों पर अटैच कर सकता है। इससे बिना किसी परेशानी के रोजाना की एक्टिविटी को लगातार मॉनिटर किया जा सकता है।
    • समय पर बता देती है: पोर्टेबल ईसीजी मॉनिटर अनियमित धड़कनों के बारे में समय रहते बता देती है। इससे तुरंत इलाज मिल जाता है और आगे होने वाली परेशानियों का खतरा कम हो जाता है।
    • डेटा से निर्णय लेने में आसानी: पोर्टेबल ईसीजी मॉनिटर मरीज की हार्ट हेल्थ के बारे में महत्वपूर्ण डेटा इकट्ठा करता है। डॉक्टर्स इस डेटा का इस्तेमाल इलाज के लिए कर सकते हैं।
    • किफायती है: पोर्टेबल ईसीजी मशीन का शुरुआती खर्च ज्यादा हो सकता है, लेकिन अस्पताल में भर्ती होने या बार-बार अस्पताल जाकर ईसीजी टेस्ट कराने का खर्च काफी कम हो जाता है।

    कीमत क्या है

    भारत में भी कई कंपनियां होम ईसीजी डिवाइस बना रही हैं। डॉक्टर की सलाह के बाद ही आप इन्हें खरीदें। इसकी कीमत 3000 रुपए से 10000 रुपए तक है। इससे ज्यादा कीमत की डिवाइस भी उपलब्ध हैं।

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    Disclaimer: लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो, तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।