Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    बिना कीमो के Cancer सेल्स को नष्ट करने की जगी उम्मीद! वैज्ञानिकों ने खोजा सस्ता और सुरक्षित तरीका

    Updated: Mon, 27 Oct 2025 09:17 AM (IST)

    क्या आपने कभी सोचा है कि अगर कैंसर कोशिकाओं को बिना स्वस्थ शरीर को नुकसान पहुंचाए, सीधे निशाना बनाया जा सके तो कैसा हो? विज्ञान की दुनिया में अब यह सपना सच होने की कगार पर है! ऑस्ट्रेलिया के रॉयल मेलबर्न इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (RMIT) के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है जो कैंसर के इलाज के तरीके को बदल सकती है।  

    Hero Image

    सूक्ष्म धातु कणों में कैंसर कोशिकाओं को निशाना बनाने की क्षमता (Image Source: Freepik)

    आइएएनएस, नई दिल्ली। सूक्ष्म धातु कणों में कैंसर कोशिकाओं को लक्षित करने और नष्ट करने की क्षमता होती है, जो उन्हें कैंसर चिकित्सा के लिए एक आशाजनक क्षेत्र बनाती है। ये नैनोकण कई तरीकों से काम करते हैं, जैसे कि सीधे कैंसर कोशिकाओं पर हमला करना, कीमोथेरेपी दवाओं को सीधे ट्यूमर तक पहुंचाना और प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ाना शामिल है। इसके अतिरिक्त धातु नैनोकणों का उपयोग उन्नत इमेजिंग तकनीकों में कैंसर का जल्दी पता लगाने और निगरानी के लिए भी किया जा सकता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शोधकर्ताओं ने सूक्ष्म धातु कण विकसित किए हैं जो कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करती हैं और स्वस्थ ऊतकों को सुरक्षित रखती हैं। शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने रिपोर्ट किया कि आस्ट्रेलिया के रायल मेलबर्न इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी (आरएमआईटी) की टीम द्वारा किया गया यह अध्ययन अभी कोशिका संवर्धन के चरण में है और इसे जानवरों या मनुष्यों पर परीक्षण नहीं किया गया है। हालांकि, यह कैंसर उपचारों के डिजाइन के लिए एक नई रणनीति का सुझाव देता है जो कैंसर की अपनी कमजोरियों का लाभ उठाती है।

    Cancer Breakthrough

    दुर्लभ धातु मोलिब्डेनम पर आधारित यौगिक

    आरएमआइटी के शोधकर्ताओं द्वारा नेतृत्व किए गए अंतरराष्ट्रीय दल ने मोलिब्डेनम आक्साइड से बने सूक्ष्म कणों का निर्माण किया। यह एक दुर्लभ धातु मोलिब्डेनम पर आधारित यौगिक है, जिसका अक्सर इलेक्ट्रानिक्स और मिश्र धातुओं में उपयोग किया जाता है। विज्ञानियों ने अपने रासायनिक संघटन को संशोधित करके कणों को प्रतिक्रियाशील आक्सीजन अणुओं को छोड़ने में सक्षम बनाया। आक्सीजन के अस्थिर रूप कैंसर कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं और उनकी आत्म विनाश की प्रक्रिया को सक्रिय करते हैं।

    इस बारे में जर्नल एडवांस्ड साइंस में अध्ययन प्रकाशित किया गया। इसमें बताया गया है। अध्ययन के अनुसार, परीक्षणों में कणों ने बिना किसी प्रकाश की आवश्यकता के 24 घंटों के भीतर स्वस्थ कोशिकाओं की तुलना में तीन गुना अधिक गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर कोशिकाओं को नष्ट कर दिया, जो आक्सीडेटिव तनाव पर निर्भर तकनीकों के लिए असामान्य है।

    आरएमआईटी इंजीनियरिंग स्कूल के पहले लेखक झांग बाओयुए ने कहा, कैंसर कोशिकाएं पहले से ही स्वस्थ कोशिकाओं की तुलना में अधिक तनाव में रहती हैं। हमारे कण उस तनाव को थोड़ा और बढ़ाते हैं, जिससे कैंसर कोशिकाओं में खुद को नष्ट करने की प्रक्रिया शुरू होती है, जबकि स्वस्थ कोशिकाएं ठीक से सहन कर लेती हैं।

    सस्ता और सुरक्षित है इलाज

    अधिकांश कैंसर उपचार कैंसरग्रस्त और स्वस्थ ऊतकों दोनों को प्रभावित करते हैं, लेकिन शोधकर्ताओं ने कहा कि कैंसर कोशिकाओं को चयनात्मक रूप से तनाव में डालने वाली तकनीकें अधिक कोमल और लक्षित उपचारों को सक्षम कर सकती हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि ये कण सामान्य धातु आक्साइड से बने हैं, न कि सोने या चांदी जैसे महंगे या विषैले कीमती धातुओं से, जिससे इन्हें विकसित करना संभवतः सस्ता और सुरक्षित हो सकता है।

    यह भी पढ़ें- स्तन कैंसर में कम कीमत वाली ये दवा हो सकती है बेहद कारगर, टीएमसी की स्टडी में हुआ बड़ा खुलासा

    यह भी पढ़ें- कैंसर की पहचान अब होगी आसान! एक Blood Test से कर सकेंगे 50 तरह के कैंसर का पता