क्या रेबीज की वैक्सीन लेने के बाद भी हो सकती है मौत? जानें क्या हो सकते हैं कारण और लक्षण
वैक्सीन (Rabies Vaccine) लेने के बावजूद एक 5 साल की बच्चे की रेबीज के कारण मौत हो गई। इसके बाद सवाल उठता है कि वैक्सीन लेने के बाद भी क्यों मौत हो सकती है। आइए जानें रेबीज के लक्षण बचाव के तरीके और वैक्सीन लेने के बाद भी रेबीज का इन्फेक्शन क्यों हो सकता है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। परियारम मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल, कन्नूर में 28 जून को एक 5 साल के बच्चे की रेबीज (Rabies) के कारण मौत हो गई। पिछले महीने मई में बच्चे को एक आवारा कुत्ते ने दाईं आंख और बाएं पैर पर काट लिया था, जिसके बाद बच्चे को वैक्सीन लगवाई गई थी। लेकिन लगभग एक महीने बाद ही रेबीज के कारण बच्चे की मौत हो गई। यह पहला मामला नहीं है, जिसमें रेबीज की वैक्सीन लेने के बावजूद व्यक्ति की मौत हुई है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या रेबीज की वैक्सीन लेने के बावजूद रेबीज इन्फेक्शन हो सकता है (Is Rabies Vaccination Effective)।
रेबीज क्या होता है?
रेबीज एक घातक वायरल बीमारी है, जो जानवरों के काटने या लार के कॉन्टेक्ट में आने से फैलती है। यह बीमारी मुख्य रूप से कुत्तों, बिल्लियों, बंदरों और अन्य जंगली जानवरों से फैल सकता है। यह वायरस दिमाग में पहुंचकर लक्षण दिखाना शुरू करता है। अगर वायरस दिमाग तक पहुंच जाए, फिर रेबीज से बचना नामुमकिन हो जाता है।
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रेबीज के लक्षण कैसे होते हैं?
रेबीज के लक्षण तब तक नहीं दिखते, जबतक वायरस दिमाग तक न पहुंच जाए। यह बहुत धीरे-धीरे नर्वस में मूव करता है और दिमाग तक पहुंचता है। इसलिए इसके लक्षण दिखने में कुछ हफ्तों से लेकर कुछ महीनों तक का समय लग सकता है। लेकिन अगर वायरस दिमाग तक पहुंच जाए, तो ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं-
शुरुआती लक्षण (1-3 दिन)-
- बुखार
- सिरदर्द
- थकान
- मांसपेशियों में दर्द
- काटी हुई जगह पर खुजली, दर्द या झुनझुनी
- बलगम
- गले में खराश
- मितली या उल्टी
- डायरिया
न्यूरोलॉजिकल स्टेज पर पहुंचने के बाद के लक्षण-
- बेचैनी और हैल्युसिनेशन
- हाइड्रोफोबिया (पानी से डर लगना)
- ज्यादा लार आना
- निगलने में कठिनाई
- मांसपेशियों में ऐंठन
- कन्फ्यूजन
- अग्रेसिव बिहेवियर
- कोमा में चले जाना
- पैरालिसिस
एक बार जब लक्षण दिखाई देने लगते हैं, तो रेबीज लगभग 100% जानलेवा होता है। इसलिए किसी भी आवारा जानवर के काटने पर तुरंत इलाज शुरू करना जरूरी है।
अगर कोई स्ट्रे डॉग काट ले, तो क्या करें?
घाव को तुरंत साफ करें-
- काटी हुई जगह को साबुन और पानी से कम से कम 15 मिनट तक धोएं।
- अगर घाव गहरा है, तो पानी की तेज धारा का इस्तेमाल करें।
- एंटीसेप्टिक (जैसे बेटाडाइन या अल्कोहल) लगाकर घाव को डिसइन्फेक्ट करें।
तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें-
- रेबीज की वैक्सीन और अगर जरूरी हो, तो रेबीज इम्युनोग्लोबुलिन (RIG) लगवाएं।
- डॉक्टर घाव की गंभीरता के आधार पर टिटनेस का टीका भी लगा सकते हैं।
जानवर पर नजर रखें-
- अगर कुत्ता पालतू है, तो उसे 10 दिनों तक उस पर ज्यादा निगरानी करें।
- अगर कुत्ता स्ट्रे है या भाग गया है, तो तुरंत रेबीज का टीका लगवाएं।
क्या रेबीज का वैक्सीन लेने के बाद भी रेबीज हो सकता है?
रेबीज का टीका बहुत असरदार होता है, लेकिन कुछ रेयर मामलों में टीके के बाद भी रेबीज हो सकता है, खासकर अगर-
- टीका समय पर नहीं लगा- काटे जाने के बाद टीका जितनी जल्दी लगे, उतना बेहतर है।
- इम्युनोग्लोबुलिन (RIG) नहीं लगा- गंभीर काटने पर RIG दिया जाता है, जो वायरस को तुरंत इनएक्टिव कर देता है।
- टीके की पूरी डोज नहीं ली- रेबीज वैक्सीन की 4-5 डोज लेना जरूरी है, अगर कोई डोज छूट जाए, तो असर कम हो सकती है।
- कमजोर इम्युनिटी- जिन लोगों की इम्युनिटी कमजोर होती है, उनमें वैक्सीन पूरी तरह असरदार नहीं हो सकता।
हालांकि, अगर समय पर और सही तरीके से वैक्सीन किया जाए, तो रेबीज होने का खतरा लगभग न के बराबर होता है।
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