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    चमगादड़ के काटने से Rabies का शिकार हुई महिला की मौत, ये जानवर भी बन सकते हैं इस जानलेवा बीमारी की वजह

    Updated: Sun, 01 Dec 2024 12:02 PM (IST)

    रेबीज एक घातक बीमारी है। हालांक‍ि इसका सही समय पर इलाज कराने से बचाव क‍िया जा सकता है। आपको बता दें क‍ि Rabies केवल कुत्ते से ही नहीं बल्कि और भी कई जानवरों के काटने से हो सकता है। इसल‍िए क‍िसी भी जानवरों के काटने या खरोंचने पर तुरंत डॉक्‍टर के पास जाएं। हमने आपको इससे बचाव के ट‍िप्‍स के बारे में भी बताया है।

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    इन जानवरों से भी होता है Rabies का खतरा। (Image credit- freepik)

    लाइफस्‍टाइल डेस्‍क, नई दिल्‍ली। आमतौर माना जाता है क‍ि Rabies कुत्‍ते के काटने से होता है। लेक‍िन ये पूरी तरह से सच नहीं है। क्‍योंक‍ि California में एक ऐसा मामला सामने आया है जहां Bat यानी कि‍ चमगादड़ के काटने से 60 वर्षीय कला श‍िक्ष‍िका को रेबीज हो गया ज‍िससे उनकी मौत हो गई। बताया जा रहा है अक्‍टूबर में श‍िक्षिका ने क्‍लास में चमगादड़ देखा था। बाहर भगाते समय ही चमगादड़ ने श‍िक्ष‍िका काे काट ल‍िया था। जांच के दौरान रेबीज की पुष्‍ट‍ि हुई थी।

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    हालत ब‍िगड़ने पर श‍िक्षिका को 18 नवंबर काे अस्‍पताल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान 22 नवंबर को उनकी मृत्‍यु हो गई। आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे क‍ि कुत्‍ते के अलावा और क‍िन-कि‍न जानवरों के काटने से रेबीज हो सकता है। रेबीज होने पर क्‍या बचाव करना चाह‍िए। इस संक्रमण के लक्षण क्‍या हैं। आइए जानते हैं व‍िस्‍तार से-

    क्‍या है रेबीज

    Rabies आमतौर पर संक्रमित जानवर की लार से फैलता है। कुत्ता, चमगादड़ या लोमड़ी के काटने पर कोई भी इंसान रेबीज का शिकार हो सकता है। घाव के जरिए वायरस शरीर में प्रवेश करता है और दिमाग में चला जाता है। जहां इसके लक्षण सामने उभर कर आते हैं। कई मामलों में यह वायरस खरोंच, खुले घावों या म्यूकस मेमब्रेन के जरिए भी फैल सकता है, जो संक्रमित जानवर की लार के संपर्क में आते हैं।

    यह भी पढ़ें: तमिलनाडु में Rabies ने ली चार साल के बच्चे की जान, डॉक्टर ने बताया कैसे करें अपना बचाव

    इन जानवरों के काटने से होता है रेबीज

    • कुत्ता: रेबीज का सबसे आम स्रोत संक्रमित कुत्ते होते हैं।
    • बिल्ली: बिल्लियाें के भी संक्रमित होने पर रेबीज फैल सकता है।
    • चमगादड़: जंगली चमगादड़ के काटने से भी रेबीज हो सकता है।
    • बंदर: संक्रमित बंदरों के खरोंच या काटने से भी रेबीज बढ़ जाता है।
    • लोमड़ी: लोमड़ी भी रेबीज फैला सकती है।

    रेबीज के लक्षण

    • कुत्‍ते या क‍िसी और जानवरों के काटने पर प्रभाव‍ित जगह पर जलन होना। खुजली या दर्द भी इसके लक्षण हैं।
    • बुखार और सिरदर्द की समस्‍या होना।
    • हमेशा थकान महसूस होना।
    • बेचैनी, घबराहट और भ्रम जैसी स्‍थ‍ित‍ि उत्‍पन्‍न होना।
    • मांसपेशियों में ऐंठन और लकवा भी रेबीज के लक्षण है।
    • संक्रमण बढ़ने पर कोमा के साथ मौत का भी खतरा होता है।

    क‍िसी जानवर के काटने पर तुरंत करें ये काम

    • डॉक्‍टर से तुरंत करें संपर्क।
    • प्रभावित स्थान को साबुन से 15 मिनट तक धोएं। आप डेटॉल से भी सफाई कर सकते हैं।
    • घाव पर एंटीसेप्टिक क्रीम लगाएं।
    • घाव को गंदगी या अन्य संक्रमण से बचाने की कोशिश करें।
    • टीकाकरण कराने में देरी न करें।

    रेबीज से बचाव के उपाय

    • जानवरों से सावधान रहें।
    • बच्‍चों को जानवरों के संपर्क में आने से रोकें।
    • जंगली और आवारा जानवरों से रहें दूर।
    • पालतू जानवरों को समय पर रेबीज का वैक्सीन लगवाएं।

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