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    इतनी गर्मी नहीं सह पा रहे हैं चमगादड़, पेड़ों में ही झुलसकर हो रही है मौत; सैकड़ों की तादात में गंवाई जान

    Updated: Thu, 30 May 2024 11:53 AM (IST)

    Hazaribagh News झुलसाती धूप और बढ़ते तापमान की वजह से न केवल इंसान परेशान हैं बल्कि परिंदे भी इससे परेशान हैं। भीषण गर्मी के कारण पदमा के सरैया पाठक टोला में सैकड़ों चमगादड़ों की मौत हो गई है। बताया जा रहा कि बीते 24 घंटे में एक हजार से अधिक चमगादड़ों की मौत हुई है। आलम यह है कि पेड़ों में ही ये झुलस जा रहे हैं।

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    भीषण गर्मी के कारण सरैया में सैकड़ों चमगादड़ों की मौत

    उपेंद्र नाथ पाठक, हजारीबाग। देशभर में गर्मी का कहर जारी है। स्थिति बेकाबू हो गई है। नौ दिनों तक सूर्य की किरणें सीधे धरती पर गिरकर आग बरसाएंगी। हजारीबाग भी नौतपा से परेशान है। यहां भी अधिकतम तापमान 43 से 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है।

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    24 घंटे में एक हजार से अधिक चमगादड़ों की मौत

    इस भीषण गर्मी के कारण पदमा के सरैया पाठक टोला में सैकड़ों चमगादड़ों की मौत हो गई है। पदमा राज के समय से ही ये चमगादड़ आशियाना बनाकर रह रहे हैं।

    बताया जा रहा कि बीते 24 घंटे में एक हजार से अधिक चमगादड़ों की मौत हो गई है। आलम यह है कि कई चमगादड़ पेड़ पर लटके अवस्था में ही मर चुके हैं। ग्रामीणों की मानें तो दो दिनों मे इनकी मौत की तादाद में काफी इजाफा हुआ है।

    हजारीबाग के पदमा के सरैया पाठक टोला में गर्मी से झुलस कर मरे बड़ी संख्या में चमगादड़

    चमगादड़ों को बचाने के लिए किया जा रहा हर संभव प्रयास

    ज्ञात हो की सरैया चट्टी पाठक टोला अवस्थित पीपल, बरागद, इमली, सेमल, आम के पेड़ो पर सौ वर्षों से अधिक समय से ये रह रहे हैं। कई लोग इनके मांस का सेवन भी करते हैं। वैसे कोरोना संक्रमण के बाद से लोग डर गए हैं। इनके शिकार में काफी कमी आई है।

    विशेषज्ञों से प्राप्त जानकारी के बाद पाठक टोला के ग्रामीण पेड़ व आसपास के क्षेत्रों में तापमान को नियंत्रित करने के लिए पानी का छिड़काव कर रहे हैं। युवकों की टोली इन चमगादड़ों को बचाने में जुटी हुई है।

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    अधिक तापमान नहीं सह पाते चमगादड़: जीव वैज्ञानिक

    जीव विज्ञानी सह पर्यावरणविद डा. मुरारी सिंह कहते हैं कि चमगादड़ों के पंख नहीं झिल्ली होती है। वे अधिक तापमान नहीं सह पाते हैं। उन स्थानों पर चमगादड़ों की मौत हो रही जहां जलस्रोत नहीं है।

    भीषण गर्मी सहन नहीं कर पा रहे हैं। झील परिसर स्थित उपायुक्त आवास में भी हजारों चमगादड़ रहते हैं, लेकिन उनकी मौत नहीं हो रही, वजह पास में ही जलस्रोत है। गर्मी दूर करने के लिए झील में गोता लगा लेते हैं। इनके शरीर का तापमान कम हो जाता है।

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