किडनी डैमेज कर सकता है बहुत ज्यादा प्रोटीन, इन लोगों को रहना होगा सावधान
हमारे शरीर को सही से चलाने के लिए प्रोटीन बहुत जरूरी है। यह मांसपेशियों को बनाने और शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है। आजकल लोग फिटनेस के लिए ज्यादा प्रोटीन ले रहे हैं जो किडनी के लिए हानिकारक हो सकता है। आइए जानते हैं किडनी के लिए कैसे हानिकारक है प्रोटीन है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हमारे शरीर को सही तरीके से चलाने के लिए जरूरी पोषक तत्वों की जरूरत होती है। प्रोटीन इन्हीं जरूरी पोषक तत्वों में से एक है, जो शरीर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्रोटीन मांसपेशियों के निर्माण, टिश्यूज की मरम्मत और आपकी सेहत का ख्याल रखता है।
इन दिनों लोग जरूरत से ज्यादा प्रोटीन इनटेक करने लगे हैं।
अपने फिटनेस गोल्स को हासिल करने के लिए, वेट लॉस करने के लिए या अपनी सेहत में सुधार करने के लिए, लोग कई सारी वजहों से जरूरत से ज्यादा प्रोटीन इनटेक करने लगते हैं। हालांकि, जरूरत से ज्यादा प्रोटीन इनटेक आपकी सेहत के लिए काफी हानिकारक हो सकता है। इसकी वजह से आपकी किडनी डैमेज होने का खतरा भी बढ़ सकता है। आइए आज इस आर्टिकल में आपको बताते हैं कैसे किडनी डैमेज का कारण बन सकता है प्रोटीन का ओवरडोज-
प्रोटीन को कैसे प्रोसेस करती हैं किडनी?
किडनी प्रोटीन के टूटने से निकलने वाले वेस्ट प्रोडक्ट्स को बाहर निकालने के लिए किडनी ब्लड फिल्टर करती हैं, जिन्हें फिर बाद में किडनी यूरिन में ट्रांसफर कर देती हैं। प्रोटीन के टूटने पर शरीर नाइट्रोजनयुक्त वेस्ट प्रोडक्ट्स प्रोड्यूस करता है, जिसे किडनी को बाहर निकालना होता है।
हालांकि, जब प्रोटीन का सेवन बढ़ना है, जो इससे नाइट्रोजन वेस्ट प्रोडक्शन और किडनी की फंक्शनिंग दोनों बढ़ जाता है। ऐसे में हेल्दी किडनी वाले लोग इस ओवरलोड को संभाल लेते हैं, लेकिन जो पहले से ही किडनी डिजीज से परेशान हैं, उन्हें प्रोटीन लोवरलोड से परेशानी हो सकती है।
स्टडी में हुआ खुलासा
इस बारे में कई स्टडीज भी सामने आ चुकी हैं। इन अध्ययनों में पता चला है कि हेल्दी किडनी वाले लोगों में ज्यादा प्रोटीन इनटेक से किडनी को नुकसान नहीं होता है। ऐसे लोग, जो नियमित रूप से एक्सरसाइज करते हैं और एथलीट, साथ ही वेट लॉस डाइट लेने वाले, जो लोग हाई-प्रोटीन डाइट लेते हैं, उनकी किडनी के हेल्दी रहने पर किडनी की समस्याओं के कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं।
हालांकि, जिन लोगों को क्रोनिक किडनी डिजीज (CKD) के साथ-साथ किडनी की फंक्शनिंग में कमी से जूझ रहे हैं, उन्हें कॉम्प्लिकेशन्स का ज्यादा खतरा होता है। ऐसे में लंबे समय तक हाई प्रोटीन इनटेक से किडनी डैमेज का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही इससे प्रोटीनुरिया प्रोड्यूस होता है, जो किडनी डैमेज को दर्शाता है।
एनिमल बेस्ड या प्लांट बेस्ड: क्या ज्यादा खतरनाक?
शोध बताते हैं कि मीट और डेयरी प्रोडक्ट्स में पाए जाने वाले प्रोटीन के एनिमल सोर्स, प्लांट बेस्ड प्रोटीन, जैसे बीन्स, नट्स और दालों की तुलना में किडनी डैमेज का खतरा ज्यादा बढ़ाते हैं। दरअसल, जब लोग एनिमल प्रोटीन लेते हैं, तो शरीर में एसिड का लेवल और फॉस्फेट की मात्रा बढ़ जाती है, जिसका किडनी की फंक्शनिंग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
इन लोगों को है ज्यादा खतरा?
क्रोनिक किडनी डिजीज (सीकेडी), डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर वाले लोग और जिन लोगों को किडनी की बीमारी होने का हाई रिस्क है, उन्हें प्रोटीन इनटेक के बारे में अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए। साथ ही जिन लोगों का किडनी ट्रांसप्लांट हुआ है (या जिन्होंने किडनी डोनेट की है) और बुजुर्गों को अपने प्रोटीन इनटेक पर खान ध्यान देने की जरूरत है।
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Source:
- National Library of Medicine: https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC7460905/
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