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    कहीं आप भी Vitamin-B12 से जुड़ी इन गलतफहमियों के शिकार तो नहीं? जानिए सच्चाई

    आजकल सेहत और खानपान को लेकर कई तरह की बातें सुनने को मिलती हैं। इनमें से कुछ सच होती हैं तो कुछ महज अफवाहें। विटामिन-B12 भी ऐसा ही एक पोषक तत्व है जिसके बारे में कई गलतफहमियां (Vitamin B12 Misconceptions) फैली हुई हैं। क्या आप भी इनमें से किसी गलतफहमी के शिकार हैं? आइए जानते हैं विटामिन-B12 से जुड़ी कुछ आम गलतफहमियों की सच्चाई।

    By Nikhil Pawar Edited By: Nikhil Pawar Updated: Mon, 12 May 2025 01:06 PM (IST)
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    Vitamin B12 Misconceptions: सफेद झूठ हैं विटामिन-बी12 से जुड़ी 5 बातें (Image Source: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अपनी सेहत को लेकर पहले से ज्यादा जागरूक जरूर हो गए हैं, लेकिन इसी सजगता के बीच कई बार हम कुछ ऐसी बातों को भी सच मान लेते हैं, जो सिर्फ गलतफहमियां होती हैं। ऐसा ही एक जरूरी पोषक तत्व है Vitamin-B12, जिसके बारे में कई तरह की अफवाहें और भ्रम (Vitamin B12 Misconceptions) फैले हुए हैं। आइए इस आर्टिकल में जानते हैं विटामिन-बी12 से जुड़ी उन गलत धारणाओं (Vitamin B12 Deficiency Myths) के बारे में, जिनकी सच्चाई जानना और इन्हें समझना बेहद जरूरी है।

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    पहली गलतफहमी: सिर्फ वेजिटेरियन्स में ही होती है विटामिन-B12 की कमी

    यह सबसे आम धारणा है, लेकिन पूरी तरह सही नहीं है। बता दें, Vitamin B12 मुख्य रूप से जानवरों से प्राप्त फूड आइटम्स में पाया जाता है, जैसे दूध, दही, अंडा, मांस, आदि। इस वजह से शाकाहारी लोगों में इसकी कमी होने की संभावना ज्यादा होती है, लेकिन सिर्फ शाकाहारी ही नहीं, कई बार मांसाहारी लोगों में भी यह कमी देखी जाती है, खासकर अगर उनका पाचन तंत्र इस विटामिन को ठीक से अवशोषित नहीं कर पाता।

    दूसरी गलतफहमी: हरी सब्जियों में भी होता है Vitamin-B12

    कई लोगों को लगता है कि हरी सब्जियों में भी Vitamin B12 पाया जाता है, लेकिन यह पूरी तरह मिथक है। हरी सब्जियां विटामिन और मिनरल्स का अच्छा स्रोत जरूर हैं, लेकिन विटामिन-B12 इनमें नहीं पाया जाता। यह विटामिन सिर्फ एनिमल बेस्ड प्रोडक्ट्स या फोर्टिफाइड (विटामिन मिलाए गए) फूड्स में ही होता है।

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    तीसरी गलतफहमी: सप्लीमेंट्स लेना सेहत के लिए नुकसानदायक है

    बहुत से लोग सोचते हैं कि विटामिन की गोलियां या इन्जेक्शन लेने से शरीर पर बुरा असर पड़ सकता है, लेकिन सच्चाई ये है कि अगर डॉक्टर की सलाह से लिया जाए, तो Vitamin B12 सप्लीमेंट्स बेहद सुरक्षित होते हैं। B12 वाटर सॉल्यूबल (पानी में घुलने वाला) विटामिन है, यानी शरीर जितनी जरूरत हो, उतना ले लेता है और बाकी यूरिन के जरिए बाहर निकल जाता है।

    चौथी गलतफहमी: Vitamin B12 की कमी सिर्फ थकान से जुड़ी है

    जब बात B12 की कमी की होती है, तो लोग इसे सिर्फ थकान, कमजोरी या चक्कर आने तक सीमित मानते हैं, लेकिन हकीकत ये है कि B12 की कमी से नर्वस सिस्टम, दिमागी स्वास्थ्य और दिल की सेहत पर भी असर पड़ सकता है। यहां तक कि इसकी गंभीर कमी से डिप्रेशन, याददाश्त में कमी और हाथ-पैरों में झनझनाहट जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।

    पांचवी गलतफहमी: बच्चों को इसकी जरूरत नहीं होती

    यह भी एक बड़ी गलतफहमी है। बता दें, बच्चों को बढ़ने और दिमाग के विकास के लिए Vitamin B12 की उतनी ही जरूरत होती है जितनी बड़ों को। शिशुओं में इसकी कमी से ग्रोथ रुक सकती है, उनका मानसिक विकास प्रभावित हो सकता है और उन्हें कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली का सामना करना पड़ सकता है।

    कैसे दूर करें Vitamin B12 की कमी?

    • अगर आप वेजिटेरियन हैं तो B12 से भरपूर फोर्टिफाइड फूड्स (जैसे कि विटामिन युक्त अनाज, सोया दूध आदि) को अपनी डाइट में शामिल करें।
    • समय-समय पर ब्लड टेस्ट कराकर अपने विटामिन स्तर की जांच कराएं।
    • बिना डॉक्टर की सलाह के सप्लीमेंट्स न लें, लेकिन अगर कमी है, तो डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट लेना बेहतर है।
    • अपने डाइजेशन का ख्याल रखें, क्योंकि B12 की कमी का कारण अक्सर उसका ठीक से अवशोषण न हो पाना भी होता है।

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    Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।