शरीर में कम हो गया है विटामिन-डी, तो सिर्फ धूप की कमी ही नहीं, ये वजहें भी हो सकती हैं जिम्मेदार
क्या आपके पैरों में या पीठ में दर्द रहता है या उदास महसूस होता है या फिर बाल ज्यादा झड़ रहे हैं? अगर हां तो ये विटामिन-डी की कमी के संकेत (Vitamin-D Deficiency Symptoms) हो सकते हैं। विटामिन-डी कम होने के पीछे सिर्फ धूप की कमी ही नहीं बल्कि और भी कई कारण हो सकते हैं। आइए जानें इनके बारे में।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। अगर आपकी हड्डियां कमजोर होने लगी हैं, इम्युनिटी कम हो गई है, डिप्रेशन या मूड स्विंग्स जैसी परेशानियां हो रही हैं, तो हो सकता है कि आपका विटामिन-डी कम (Vitamin-D Deficiency) हो गया है। अक्सर लोग सोचते हैं कि विटामिन-डी की कमी सिर्फ धूप न मिलने की वजह से होती है, लेकिन ऐसा नहीं है।
कई दूसरी वजहों से भी हैं जो शरीर में विटामिन-डी का लेवल प्रभावित हो सकता है। इसलिए अगर आपमें विटामिन-डी कम हो गया है, तो इन कारणों (Causes of Vitamin-D Deficiency) पर भी ध्यान देना जरूरी है। आइए जानें क्या हैं वो वजहें।
खानपान में विटामिन-डी की कमी
धूप के अलावा, विटामिन-डी हमें डाइट से भी मिलता होता है। अगर आपके खाने में विटामिन-डी से भरपूर फूड्स, जैसे- सालमन, टूना, अंडे की जर्दी, दूध, दही, मशरूम और फोर्टिफाइड अनाज शामिल नहीं हैं, तो शरीर में इसकी कमी हो सकती है।
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मोटापा और ज्यादा वजन
मोटापा विटामिन-डी के अब्जॉर्प्शन को प्रभावित करता है। क्योंकि विटामिन-डी एक फैट-सॉल्युबल विटामिन है, यह शरीर की फैट में जमा हो जाता है। ज्यादा वजन वाले लोगों में यह विटामिन फैट सेल्स में फंस जाता है और ब्लड में ठीक से नहीं पहुंच पाता, जिससे शरीर में इसकी कमी हो जाती है।
किडनी और लीवर की समस्याएं
विटामिन-डी को एक्टिव फॉर्म में बदलने के लिए लीवर और किडनी का स्वस्थ होना जरूरी है। अगर किडनी या लीवर ठीक से काम नहीं कर रहे हैं, तो विटामिन-डी का मेटाबॉलिज्म प्रभावित होता है। इससे शरीर में विटामिन-डी की कमी हो सकती है, फिर भले ही आप धूप ले रहे हों या विटामिन-डी से भरपूर खाना खा रहे हों।
सनस्क्रीन का ज्यादा इस्तेमाल
सनस्क्रीन लगाना त्वचा को सूरज की हानिकारक किरणों से बचाता है, लेकिन यह विटामिन-डी के प्रोडक्शन को भी रोकता है। SPF 30 या उससे ज्यादा वाले सनस्क्रीन लगाने पर त्वचा में विटामिन-डी का प्रोडक्शन 95% तक कम हो जाता है। इसलिए, कुछ समय बिना सनस्क्रीन के धूप लेना भी जरूरी है।
डार्क स्किन टोन
मेलेनिन त्वचा को सूरज की किरणों से बचाता है, लेकिन यह विटामिन-डी के प्रोडक्शन में भी बाधा डालता है। डार्क स्किन वाले लोगों को विटामिन-डी बनाने के लिए ज्यादा समय तक धूप में रहने की जरूरत होती है। अगर वे पूरी धूप नहीं लेते, तो उनमें विटामिन-डी की कमी हो सकती है।
उम्र का प्रभाव
उम्र बढ़ने के साथ त्वचा की विटामिन-डी बनाने की क्षमता कम हो जाती है। बुजुर्ग लोगों में विटामिन-डी की कमी आम है, क्योंकि उनकी त्वचा सूरज की किरणों से भरपूर विटामिन-डी नहीं बना पाती।
पाचन संबंधी समस्याएं
सीलिएक डिजीज, क्रोहन डिजीज या किसी अन्य पाचन से जुड़ी बीमारी के कारण शरीर में फैट का अब्जॉर्प्शन ठीक से नहीं हो पाता। क्योंकि विटामिन-डी फैट-सॉल्युबल है, इसलिए ये समस्याएं इसके अब्जॉर्प्शन को प्रभावित करती हैं, जिससे विटामिन-डी की कमी हो जाती है।
कुछ दवाओं का असर
कुछ दवाएं जैसे स्टेरॉयड्स, वजन घटाने की दवाएं और कोलेस्ट्रॉल-लोवरिंग ड्रग्स विटामिन-डी के अब्जॉर्प्शन को कम कर सकती हैं। अगर आप लंबे समय से ऐसी दवाएं ले रहे हैं, तो आपको विटामिन-डी के लेवल की जांच करानी चाहिए।
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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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