हार्ट अटैक का कारण बन सकती है एंग्जायटी! हैरान कर देगा इन दोनों का सीधा कनेक्शन
आजकल दिल की बीमारियों के मामले बढ़ रहे हैं जिनमें लक्षणों की अनदेखी एक मुख्य कारण है। एंग्जायटी के लक्षण हार्ट अटैक जैसे होते हैं जिससे भ्रम हो सकता है। एक स्टडी के अनुसार 30% दिल के मरीज एंग्जायटी का अनुभव करते हैं जिससे ब्लड प्रेशर और सूजन बढ़ सकती है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। इन दिनों दिल से जुड़ी बीमारियों के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। हार्ट डिजीज के बढ़ते मामलों के पीछे कई सारी वजह होती हैं, जिनमें से एक इसके लक्षणों की अनदेखी भी है। इसके लक्षण अक्सर आम होते हैं, जिन्हें लोग सामान्य समझकर इग्नोर कर देते हैं।
इसके अलावा कुछ लोग इसके लक्षण इसलिए भी इग्नोर कर देते हैं, क्योंकि यह किसी दूसरी समस्या से मिलते-जुलते लगते हैं, जिससे अक्सर इसका निदान करने में गलती हो जाती है। एंग्जायटी ऐसी ही एक समस्या है, जिसके लक्षण काफी हद तक हार्ट अटैक जैसे लगते हैं। यही वजह है कि दोनों में अंतर न कर पाने के कारण हालात अक्सर गंभीर हो जाते हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम इसी के बारे में जानेंगे कि कैसे करें एंग्जायटी और हार्ट अटैक में अंतर और कैसे एंग्जायटी बन सकती है हार्ट अटैक कारण-
क्यों खतरनाक है एंग्जायटी?
एक्सपर्ट्स की मानें, तो दोनों कंडीशन के शारीरिक लक्षण अक्सर एक-दूसरे से मिलते-जुलते होते हैं, जिससे सही पहचान करने और मदद लेने में खतरनाक देरी हो जाती है। करंट साइकियाट्री रिपोर्ट्स में प्रकाशित एक समीक्षा ने इस समस्या पर रोशनी डाली, जिसमें यह पता चला कि कैसे एंग्जायटी न सिर्फ हार्ट से जुड़ी परेशानी की तरह होती है, बल्कि हार्ट डिजीज के खतरे को भी बढ़ा सकती है।
एंग्जायटी और हार्ट डिजीज में कनेक्शन
इस स्टडी में पता चला कि एंग्जायटी और हार्ट डिजीज में एक खतरनाक संबंध बताया गया है। इसके मुताबिक 30% तक मरीज दिल से जुड़ी समस्याओं के बाद गंभीर एंग्जायटी का अनुभव करते हैं, जबकि हार्ट बीट रुकने वाले लगभग एक-तिहाई मरीज लगातार एंग्जायटी का अनुभव करते हैं। एंग्जायटी के लगातार बने रहने न सिर्फ मेंटल हेल्थ खराब होती है, बल्कि ब्लड प्रेशर भी बढ़ सकता है। साथ ही इससे सूजन बढ़ सकती है, जिससे हार्ट पर दबाव पड़ सकता है।
दिल के लिए हानिकारक एंग्जायटी
सीने में दर्द, चक्कर आना, पसीना आना और मतली, ये सभी दिल से जुड़ी बीमारियों के लक्षण हैं, जो एंग्जायटी अटैक में भी आम होते हैं। यही वजह है कि हार्ट अटैक की पहचान करना कई बार मुश्किल हो जाता है। कई बार ऐसे मामले सामने आते हैं, जिसमें व्यक्ति खुद को एंग्जायटी का शिकार मानता है, लेकिन असल में उन्हें दिल की बीमारी हो रही होती है। समीक्षा से पता चला है कि जनरलाइल्ड एंग्जायटी डिसऑर्डर (जीएडी) और पैनिक डिसऑर्डर (पीडी) उन व्यक्तियों में कहीं ज्यादा आम हैं, जो बिना किसी दिल की बीमारी के सीने में दर्द का अनुभव करते हैं।
ऐसे में लोग अक्सर बार-बार हॉस्पिटल जाते हैं और महंगी जांच करवानी पड़ती है। ऐसे में हार्ट डिजीज को लेकर लगातार बना यह डर लगातार तनाव का कारण बनता है, जिससे दिल की सेहत और भी खराब हो जाती है।
अंतर कैसे पहचानें
इन दोनों के अंतर को पहचानने के लिए मुख्य बातों पर ध्यान देना जरूरी है। लगातार परेशान रहना, बार-बार एक ही विचार का आना और जीवन के अलग-अलग क्षेत्रों में होने वाले तनाव को कंट्रोल न कर पाना एंग्जायटी के संकेत होते हैं। वहीं, दिल के दौरे के लक्षण अक्सर शारीरिक परिश्रम से शुरू होते हैं और समय के साथ बढ़ते जाते हैं। ऐसे में किसी भी व्यक्ति को बिना किसी कारण के सीने में दर्द, सांस फूलना या तेज धड़कन महसूस हो रही हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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