ChatGpt से सलाह लेकर युवक ने तीन महीने तक नहीं खाया नमक, फिर जो हुआ; उसने उड़ा दिए सबके होश
आज के समय में हर कोई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल कर रहा है। कई लोग ऐसे भी हैं जाे इसकी सलाह लेकर काम करते हैं। हालांकि ये कई मामलों में ...और पढ़ें

लाइफस्टारइल डेस्क, नई दिल्ली। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने भले ही हमारी लाइफ को आसान बना दिया है। लेकिन इसके कई नुकसान भी हैं। दुनिया में ऐसे कई लोग हैं जो ChatGpt या Gemini से सलाह लेकर काम करते हैं। ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि हर बार लोगों को गलत जवाब ही मिलता है, लेकिन कई मामलों में, खासकर सेहत से जुड़े मामलों में आपको डॉक्टर से ही सलाह लेनी चाहिए। हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है, जब युवक ने ChatGpt की बात मानी और खुद आईसीयू पहुंच गया।
ये मामला एनल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन क्लिनिकल केसेस (AIMCC- Annals of Internal Medicine Clinical Cases) नाम के जर्नल में प्रकाशित हुआ है। वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों का कहना है कि एक व्यक्ति ने अपना खानपान बदलने का फैसला किया। वो टेबल सॉल्ट (सोडियम क्लोराइड) से परेशान था और अपनी डाइट से पूरी तरह से क्लोराइड को हटाना चाहता था। उसने ChatGPT से सलाह ली। एआई ने जो उसे ऑप्शन दिया, वो सोडियम ब्रोमाइड था।
खाने से हटा दिया नमक
उसने नमक खाना छोड़ दिया और खाने में सोडियम ब्रोमाइड को डालना शुरू कर दिया। करीब तीन महीने के बाद उसकी हालत बिगड़ गई। वो ICU में पहुंच गया। उसे दिमागी समस्याएं होने लगीं। जैसे भ्रम और उसके व्यवहार में बदलाव आ गया। जांच में पता चला कि ये ब्रोमिज्म (Bromism) यानी ब्रोमाइड की ज्यादा मात्रा से हुई एक बीमारी है।
पानी पीने से भी डर रहा था युवक
अस्पताल में वो प्यासा था लेकिन पानी पीने से डर रहा था। फिर उसे भ्रम होने लगे और वह वार्ड से भागने की कोशिश करने लगा। इस वजह से उसे मजबूरन दिमाग के डॉक्टरों की निगरानी में रखना पड़ा और एंटीसाइकोटिक दवा के साथ-साथ पानी-इलेक्ट्रोलाइट का इलाज किया गया। धीरे-धीरे उसकी दिमागी हालत ठीक हुई और उसने बताया कि वो ChatGPT से सलाह ले रहा था।
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कई गलतियां कर सकता है AI
इसके अलावा उसमें और भी कई लक्षण नजर आ रहे थे। जैसे मुंहासे, स्किन पर रेडनेस (शायद एलर्जी), थकान, नींद न आना और लगातार प्यास लगना, ये सभी ब्रोमाइड प्वाइजन के लक्षण हैं। शोधकर्ताओं ने कहा कि ये मामला दिखाता है कि AI के इस्तेमाल से कभी-कभी रोकी जा सकने वाली गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि ChatGPT और बाकी AI टूल कई गलतियां कर सकते हैं।
क्या हाेता है ब्रोमाइड इंटाॅक्सिकेशन?
इस बारे में हमने एशियन हॉस्पिटल के एसोसिएट डायरेक्टर और हेड- इंटरनल मेडिसिन डॉ. सुनील राणा से बा की। उन्होंने बताया कि ब्रोमाइड इंटॉक्सिकेशन का मतलब है शरीर में ब्रोमाइड नाम के केमिकल की मात्रा का बहुत ज्यादा बढ़ जाना। ये एक खतरनाक स्थिति होती है, जो हमारे नर्वस सिस्टम (दिमाग और नसें) के साथ-साथ शरीर के कई दूसरे अंगों को भी नुकसान पहुंचा सकती है। पहले के समय में कुछ दवाइयों, जैसे नींद और मिर्गी की दवाओं में इसका इस्तेमाल होता था, लेकिन अब इसका इस्तेमाल बहुत कम हो गया है।
इसके मुख्य कारण क्या हैं?
ब्रोमाइड हमारे शरीर में तब जमा होता है, जब हम ज्यादा मात्रा में या लंबे समय तक ब्रोमाइड वाली दवाएं लेते हैं। इसके अलावा, ये दूषित पानी या खाने से हो सकता है। फैक्ट्रियों में काम करते समय केमिकल के संपर्क में आने से भी इसका खतरा बढ़ जाता है। डॉक्टर ने बताया कि अगर कोई व्यक्ति बिना एक्सपर्ट की सलाह के लंबे समय तक कोई भी दवा ले रहा है, तो उसे ये खतरा हो सकता है, क्योंकि कुछ आयुर्वेदिक और बिना लाइसेंस वाली दवाओं में भी ब्रोमाइड मिला हो सकता है।
क्या हैं इसके लक्षण?
थकान महसूस होना
- सिरदर्द
- चक्कर आना
- भूलने की बीमारी
- बोलने में दिक्कत
- मांसपेशियों का कांपना
- सांस लेने में परेशानी
- बेहोशी या कोमा
बचाव और इलाज कैसे करें?
- कोई भी दवा बिना डॉक्टर की सलाह के लंबे समय तक न लें।
- अगर आप किसी फैक्ट्री में काम करते हैं, तो सुरक्षा के लिए सही उपकरण पहनें।
- अगर आपको ऊपर बताए गए कोई भी लक्षण महसूस हों, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
Source-
- https://www.acpjournals.org/doi/10.7326/aimcc.2024.1260

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