फ्राइड फूड है एसिड रिफ्लक्स का सबसे बड़ा कारण, नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी
एसिड रिफ्लक्स पेट का अधपचा खाना वापस मुंह में आने का लक्षण है जिससे दर्द डकार और सीने में जलन होती है। फ्राइड फूड से बचें और प्रोटीन साबुत अनाज दालें व पकी सब्जियां खाएं। थोड़ा-थोड़ा करके ज्यादा बार खाएं और खाने के तुरंत बाद न सोएं। सोडा वाले ड्रिंक से दूर रहें और एक्टिव रहें। ये उपाय एसिड रिफ्लक्स से राहत दिला सकते हैं।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। पेट का अधपचा खाना और एसिड वापस मुंह या गले में आना एसिड रिफ्लक्स का लक्षण है। इसकी वजह से पेट में दर्द, डकार, मुंह में खट्टापन, उल्टी और सीने में दर्द जैसी समस्या होती है।
इस समस्या के लगातार बने रहने पर आपके खाने की नली को नुकसान पहुंच सकता है और आपकी जिंदगी प्रभावित हो सकती है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे एसिड रिफ्लक्स की समस्या क्या होती है और इससे बचने के क्या तरीके हो सकते हैं।
कैसे पता लगाएं कि आपको किस फूड से हो रही है समस्या
काफी सारे फूड आयटम ऐसे होते हैं जिन्हें एसिड रिफ्लक्स की वजह माना जाता है। लेकिन हर किसी पर हर फूड का प्रभाव अलग-अलग होता है। इसलिए, अपने ट्रिगर की पहचान करने के लिए अपने खानपान की आदतों का ट्रैक रखें और उन्हें नोट करें।
फ्राइड चीजों से सबसे ज्यादा होती है परेशानी
तली-भुनी चीजों में फैट की मात्रा सबसे ज्यादा जाती है, जिन्हें पचाने में ज्यादा वक्त लगता है। फ्राइड फूड की वजह से पेट में ज्यादा मात्रा में एसिड बनने लगता है, जोकि एसिड रिफ्लक्स का कारण बनता है। इससे सीने और गले में जलन का एहसास होता है।
एसिड रिफ्लक्स से बचने के लिए ये चीजें खाएं
- प्रोटीन: फ्राइड फूड की जगह ऐसी चीजें खाएं, जिनमें फैट की मात्रा कम हो जैसे ग्रिल किया गया चिकन और बेक की गई मछली या फिर दालें। इनमें प्रोटीन की मात्रा अधिक और फैट की मात्रा कम होती है।
- साबुत अनाज: मैदे और हाई शुगर वाली रिफाइंड चीजें खाने की बजाय, फाइबर से भरपूर साबुत अनाज लें, जैसे ओट्स, ब्राउन राइस, किनुआ, गेहूं। फाइबर युक्त चीजें लेने से पाचन में मदद मिलती है और एसिड रिफ्लक्स का खतरा भी कम होता है। यह पेट के अतिरिक्त एसिड को भी अब्जॉर्ब कर लेता है।
- दालें और फलियां: बीन्स, दालें और काबुली चना जैसी प्रोटीन से भरपूर चीजों को अपने डाइट में शामिल करें। इनमें फैट कम होता है और रिफ्लक्स की समस्या में भी राहत मिलती है। इनमें भरपूर मात्रा में आयरन और प्रोटीन होता है जोकि आपको पेट भरे होने का एहसास कराता है और रिफ्लक्स भी कम करता है।
- पकी हुई सब्जियां: ऐसा करने से सब्जियों को पचाने में आसानी होती है और एसिडिटी की समस्या कम होती है, खासकर कच्ची सब्जियों की तुलना में। सब्जियों को पकाने से उनमें मौजूद फाइबर भी सॉफ्ट हो जाता है। इससे पेट में दर्द या ब्लोटिंग की समस्या नहीं होती।
ऐसा करना भी हो सकता है फायदेमंद
- थोड़ा-थोड़ा करके ज्यादा बार खाएं- दिन में पांच से छह बार थोड़ा-थोड़ा खाने से पेट से जुड़ी समस्याओं में राहत मिल सकती है। एक बार में ज्यादा खा लेने से सीने में जलन की समस्या हो सकती है।
- खाने के तुरंत बाद सोने या लेटने से बचें- यदि आपने पेट भर खाया है और तुरंत बाद ही लेटने चले गए तो खाना सही तरीके से पचने में परेशानी होगी।
- सोडे वाले ड्रिंक बढ़ाते हैं एसिड- इससे पेट में ज्यादा मात्रा में एसिड बनता है। इसकी जगह आप थोड़ा-थोड़ा पानी पीते रहें।
- एक्टिव रहें- एक ही जगह पर बैठे रहने से भी एसिड रिफ्लक्स की समस्या हो सकती है। इसलिए हफ्ते में कम से कम 150 मिनट की हल्की-फुलकी एक्सरसाइज करने की कोशिश करें।
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