इन 6 लक्षणों से कर सकते हैं ब्रेस्ट कैंसर की पहचान, बचाव के लिए जरूर फॉलो करें डॉक्टर की दी 3 सलाह
ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में होने वाले सबसे कॉमन कैंसर में से एक है। इसलिए इसके लक्षणों (Breast Cancer Signs) के बारे में जानकारी होना जरूरी है ताकि शुरुआती स्टेज पर इसका पता लगाया जा सके। ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण अगर पता हो तो इन्हें आसानी से पहचाना जा सकता है। आइए जानें कैसे होते हैं ये लक्षण।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। महिलाओं में होने वाले सबसे आम कैंसर में ब्रेस्ट कैंसर का नाम भी शामिल है। इसकी वजह से हर साल लाखों महिलाएं अपनी जान गंवाती हैं। लेकिन अगर इसके लक्षणों (Breast Cancer Symptoms) की पहचान शुरुआती स्टेज में ही कर ली जाए, तो इलाज सफल होने की संभावना बढ़ जाती है।
इस बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल अक्टूबर के महीने में ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ मनाया जाता है। दरअसल, ब्रेस्ट कैंसर की शुरुआती स्टेज में पहचान करने के लिए उसके लक्षणों के बारे में पता होना जरूरी है। आइए जानें ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण (Symptoms of Breast Cancer) कैसे होते हैं और बचाव के लिए किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण कैसे होते हैं?
- ब्रेस्ट या बगल में गांठ- यह ब्रेस्ट कैंसर का सबसे आम लक्षण है। यह गांठ कठोर और दर्द रहित हो सकती है, लेकिन दर्द के साथ भी हो सकती है।
- ब्रेस्ट के आकार या रूप में बदलाव- स्तन के आकार में अचानक बढ़ोतरी या कमी आना, या उनका असामान्य दिखना।
- ब्रेस्ट की त्वचा में बदलाव- स्तन की त्वचा का नारंगी के छिलके जैसा दिखना, लाल होना, पपड़ी जमना, खुजली या जलन होना।
- निप्पल में बदलाव- निप्पल का अंदर की ओर धंस जाना, निप्पल के आसपास की त्वचा में खुजली या पपड़ी जमना।
- निप्पल से डिस्चार्ज- निप्पल से खून या कोई अन्य डिस्चार्ज निकलना।
- ब्रेस्ट या निप्पल में दर्द- लगातार दर्द होना, जो पीरियड्स से संबंधित न हो।
ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के लिए क्या करें?
इस बारे में डॉ. मनोज महाजन (डायरेक्टर ऑफ ऑन्कोलॉजी सर्विसेज, सीनियर कनसल्टेंट मेडिकल ऑन्कोलॉजी एंड हीमैटोलॉजी, पैसिफिक मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल/पारस हेल्थ, उदयपुर) ने बताया कि ब्रेस्ट कैंसर को पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता है, लेकिन जीवनशैली में बदलाव और नियमित जांच के माध्यम से इसके जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
नियमित स्क्रीनिंग
- सेल्फ-ब्रेस्ट एग्जामिनेशन- हर महिला को पीरियड्स के बाद महीने में एक बार अपने ब्रेस्ट की जांच स्वयं करनी चाहिए।
- क्लिनिकल ब्रेस्ट एग्जामिनेशन- 20 से 30 वर्ष की आयु के बीच हर 3 साल में और 40 वर्ष की आयु के बाद हर साल डॉक्टर से जांच करानी चाहिए।
- मैमोग्राफी- 40 वर्ष या उससे ज्यादा उम्र की महिलाओं के लिए यह सबसे जरूरी जांच है। डॉक्टर की सलाह पर नियमित रूप से मैमोग्राफी कराएं।
इसके अलावा, हेल्दी डाइट लेना, वजन नियंत्रण, रोजाना एक्सरसाइज करना और स्मोकिंग व शराब से परहेज करना भी ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के लिए जरूरी है। इसके अलावा, ब्रेस्ट कैंसर से जुड़ी गलत जानकारियों से भी बचना जरूरी है। इसके बारे में आप अपने डॉक्टर से बात कर सकते हैं।
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