सिर्फ धूप की कमी नहीं है विटामिन-डी कम होने की इकलौती वजह, ये 5 कारण भी हो सकते हैं जिम्मेदार
क्या आपके पैरों में दर्द रहता है या बार-बार बीमार पड़ने लगे हैं या फिर मूड स्विंग्स होते हैं? अगर हां तो आप में विटामिन-डी की कमी हो सकती है। हालांकि इसके पीछे जरूरी नहीं कि धूप की कमी ही इकलौती वजह (Vitamin-D Deficiency Reasons) हो। विटामिन-डी की कमी और भी कई वजहों से हो सकती है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। विटामिन-डी की कमी (Vitamin-D Deficiency) की सबसे बड़ी वजह धूप की कमी होती है। धूप में न जाने की वजह से स्किन विटामिन-डी नहीं बनाती पाती है, जिसके कारण शरीर में इसकी मात्रा कम होने लगती है। लेकिन क्या आप जानते हैं इसके अलावा भी कुछ कारणों से शरीर में विटामिन-डी कम हो सकता है।
जी हां, धूप में न जाना विटामिन-डी की कमी का एकमात्र कारण (Vitamin-D Deficiency Causes) नहीं है। इसके पीछे और भी कई वजहें हो सकती हैं, जिनपर ध्यान देना जरूरी है, ताकि इस समस्या से बचा जा सके। आइए जानें की कमी के अलावा और क्यों विटामिन-डी कम हो सकता है।
उम्र और त्वचा का रंग
- उम्र- उम्र बढ़ने के साथ, त्वचा की विटामिन-डी बनाने की क्षमता कम होने लगती है। साथ ही, बुजुर्ग लोग अक्सर घर के अंदर समय बिताते हैं और बाहर धूप में कम निकलते हैं, जिससे कमी का खतरा और बढ़ जाता है।
- त्वचा का गहरा रंग- मेलेनिन एक पिगमेंट है, जो त्वचा को उसका रंग देता है। जिन लोगों की त्वचा का रंग गहरा होता है, उनकी त्वचा में मेलेनिन की मात्रा ज्यादा होती है। मेलेनिन सूरज की यूवीबी किरणों के खिलाफ नेचुरल सनब्लॉक की तरह काम करता है। इसलिए, गहरे रंग की त्वचा वाले लोगों को हल्की त्वचा वाले लोगों की तुलना में विटामिन-डी बनाने के लिए काफी ज्यादा समय तक धूप में रहने की जरूरत होती है।
मोटापा
विटामिन-डी एक फैट-सॉल्युबल विटामिन है, यानी यह शरीर की चर्बी में जमा हो जाता है। मोटापे से पीड़ित व्यक्तियों में विटामिन-डी शरीर के फैट सेल्स में जमा हो जाता है। इससे ब्लड में विटामिन-डी का लेवल कम हो जाता है, फिर भले ही व्यक्ति भरपूर मात्रा में धूप या सप्लीमेंट्स ले रहा हो।
अब्जॉर्प्शन से जुड़ी दिक्कतें
कुछ लोग भरपूर मात्रा में धूप लेते हैं और विटामिन-डी से भरपूर खाना भी खाते हैं, फिर भी उनके शरीर में इसकी कमी बनी रहती है। इसका कारण होता है आंतों में पोषक तत्वों को ठीक से अब्जॉर्ब न कर पाना। इसके पीछे ये कारण हो सकते हैं-
- सीलिएक डिजीज और क्रॉन डिजीज- ये ऑटोइम्यून बीमारियां आंतों को नुकसान पहुंचाती हैं, जिससे फैल सॉल्युबल विटामिन्स का अब्जॉर्प्शन ठीक से नहीं होता।
- किडनी और लिवर की बीमारियां- लिवर विटामिन-डी को एक्टिव रूप में बदलने का काम करता है और किडनी इस प्रक्रिया में मदद करती है। इन अंगों के खराब होने पर विटामिन-डी का मेटाबॉलिज्म प्रभावित होता है।
डाइट में विटामिन-डी की कमी
विटामिन-डी के सबसे अच्छे फूड सोर्स फैटी फिश (सालमन, मैकेरल, टूना), अंडे की जर्दी, लिवर, और कॉड लिवर ऑयल होते हैं। डाइट में इन्हें शामिल न करने से विटामिन-डी की कमी हो सकती है।
कुछ दवाओं का साइड इफेक्ट
कुछ खास तरह की दवाएं शरीर में विटामिन-डी के मेटाबॉलिज्म में बाधा डालते हैं। ये दवाएं विटामिन-डी के अब्जॉर्प्शन में बाधा डालते हैं।
यह भी पढ़ें- विटामिन-डी की कमी के ये 5 लक्षण अक्सर हो जाते हैं इग्नोर, वक्त पर पहचान लें; नहीं तो हो जाएंगे बीमार
यह भी पढ़ें- सिर्फ रात में नजर आता है विटामिन-डी की कमी का यह एक संकेत, बचाव के लिए आज से शुरू कर दें ये 3 काम
Source:
- Cleveland Clinic: https://my.clevelandclinic.org/health/diseases/15050-vitamin-d-vitamin-d-deficiency#symptoms-and-causes
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।