Vitamin-D की कमी दूर करने में सप्लीमेंट्स भी नहीं आएंगे काम! अगर आप भी दबाकर खा रहे हैं 5 फूड्स
विटामिन डी ( Vitamin D deficiency causes) हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है जो हड्डियों को मजबूत बनाता है और इम्युनिटी को बढ़ाता है। इसलिए शरीर में इसकी कमी को पूरा करने के लिए कई लोग सप्लीमेंट्स भी लेते हैं। हालांकि कुछ फूड्स ऐसे हैं जो इसकी कमी को पूरा करने में रोकते हैं। आइए जानते हैं उन फूड्स के बारे में।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। विटामिन्स और मिनरल्स हमारे शरीर को स्वस्थ और सही विकास में मदद करते हैं। विटामिन-डी इन्हीं जरूरी विटामिन्स में से एक है, जो सेहत को दुरुस्त रखने में मदद करते हैं। यह एक ऐसा विटामिन है, जो शरीर के सभी फंक्शन को सही तरीके से करने के लिए जरूरी होता है।
यह हमारी हड्डियों को मजबूत रखने, इम्युनिटी को बढ़ावा देने और पूरे स्वास्थ्य को बेहतर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एक्सपर्ट की मानें, यह मांसपेशियों की ताकत बनाए रखने और कमजोरी को रोकने में भी मदद करता है। इसलिए शरीर में इस विटामिन को होना बहुत ज्यादा जरूरी माना जाता है, क्योंकि इसकी कमी (Vitamin D deficiency causes) होने पर न सिर्फ हड्डियां कमजोर होती हैं, बल्कि इम्युनिटी भी वीक होती है।
शारदा हॉस्पिटल में इंटरनल मेडिसिन के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. श्रेय श्रीवास्तव ने बताया कि इन दिनों शरीर में इसकी कमी होना एक आम समस्या बन चुकी है और इसे दूर करने के लिए लोग कई सारे तरीके अपनाते हैं, लेकिन कुछ ऐसे फूड्स (foods that reduce Vitamin D absorption) है, जो चाहकर भी आपको इस कमी को दूर करने नहीं देंगे। अगर आप भी उन लोगों में से हैं, जो इन फूड्स को जमकर खाते हैं, तो आज ही इनके नाम जरूर जान लें।
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प्रोसेस्ड फूड्स
प्रोसेस्ड फूड्स हर तरीके से सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं। सोडा और पैकेज्ड फूड्स में फॉस्फेट का हाई लेवल होता है, जो कैल्शियम मेटाबॉलिज्म में बाधा पैदा कर सकता है। चूंकि कैल्शियम और विटामिन डी शरीर में एक साथ काम करते हैं, इसलिए यह असंतुलन होने पर विटामिन डी की प्रभावशीलता को कम कर सकता है। डाइट में बहुत ज्यादा फॉस्फेट होने से हड्डियों में कैल्शियम की कमी होने लगती है और अन्य सोर्सेस से पर्याप्त विटामिन डी लेने के बाद भी इसकी कमी पूरी नहीं होती है।
शराब
शराब के हानिकारक प्रभावों के बारे में कई डॉक्टर्स और हेल्थ एक्सपर्ट्स लगातार चेतावनी देते रहते हैं। इससे न सिर्फ कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ता है, बल्कि यह विटामिन डी का अवशोषण यानी अब्जॉर्प्शन को भी कई तरह बाधित करता है। दरअसल, विटामिन-डी को सही रूप से इस्तेमाल करने में लिवर अहम भूमिका निभाता है और शराब पीने से लिवर की फंक्शनिंग प्रभावित होती है, जिससे विटामिन डी सहित अन्य पोषक तत्वों का अवशोषण कम हो जाता है।
कैफीन
कैफीन भी शरीर को विटामिन-डी सोखने से रोकता है। आमतौर पर चाय और कॉफी में पाया जाने वाला फैफीन यूं तो सुरक्षित होता है, लेकिन ज्यादा मात्रा में कॉफी या चाय पीने से विटामिन डी के अवशोषण में बाधा आ सकती है। इसलिए अगर आप नियमित रूप से कई कप कॉफी या मजबूत चाय पीते हैं, तो विटामिन डी सप्लीमेंट्स लेते समय थोड़ा गैप रखें, ताकि शरीर में बेहतर तरीके से विटामिन डी अवशोषण में मदद मिले।
हाई ऑक्सालेट फूड्स
हाई ऑक्सालेट फूड्स जैसे पालक और चुकंदर के पत्ते से कैल्शियम की कम हो जाती है। चूंकि विटामिन डी हड्डियों को मजबूत करने के लिए कैल्शियम के साथ मिलकर काम करता है, इसलिए कम कैल्शियम होने से अप्रत्यक्ष रूप से विटामिन डी के लेवल को प्रभावित करता है। इसका मतलब ये नहीं कि आप इन्हें खाना ही छोड़ दें। बस ऐसे फूड्स के साथ इन्हें न खाएं, जो विटामिन डी या कैल्शियम से भरपूर हों।
लो फैट डाइट
विटामिन-डी फैट में घुलनशील विटामिन है, जिसका मतलब है कि आपके शरीर को इसे ठीक से अवशोषित करने के लिए कुछ फैट की जरूरत होती है। इसलिए, बहुत लो फैट वाली डाइट या बिना फैट वाले फूड्स को खाने से शरीर के लिए विटामिन डी को सोखना और इसका इस्तेमाल करना कठिन हो सकता है।
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