मच्छर से ज्यादा खतरनाक है अधूरा ज्ञान! यहां पढ़ें डेंगू और मलेरिया से जुड़े 5 मिथकों की सच्चाई
मच्छरों से जुड़ी गलतफहमियां उतनी ही तेजी से फैलती हैं, जितनी तेजी से खुद मच्छर। मानसून और उसके बाद के मौसम में अक्सर सुनने को मिलता है कि "डेंगू का मच् ...और पढ़ें

डेंगू-मलेरिया के बारे में सुनी-सुनाई बातों न करें भरोसा (Image Source: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। भारत जैसे देश में, जहां डेंगू और मलेरिया न केवल मानसून बल्कि अब सर्दियों में भी जानलेवा साबित हो रहे हैं, सही जानकारी होना बेहद जरूरी है। जी हां, हमें इसके लिए हमें दो सबसे खतरनाक मच्छरों- एडीज और एनोफिलीज के व्यवहार को सही तरीके से समझना होगा, क्योंकि यही डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया जैसी बीमारियो की वजह बनते हैं। आइए जानते हैं उन 6 मिथकों (Dengue Malaria Myths Facts) का सच जो आपकी सेहत के लिए खतरा बन सकते हैं।

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मिथक 1: "डेंगू के मच्छर केवल गंदे पानी में पैदा होते हैं"
सच: यह एक बहुत बड़ी गलतफहमी है। एडीज मच्छर अक्सर साफ और ठहरे हुए पानी में अंडे देते हैं। आपके घर में रखे फूलदान, पानी की टंकियां, पुराने बर्तन और यहां तक कि बोतल के ढक्कन में जमा साफ पानी भी इनका घर बन सकता है। केवल पानी का साफ होना सुरक्षा की गारंटी नहीं है; पानी का जमा न होना ज्यादा जरूरी है।
मिथक 2: "कुछ लोग मच्छरों से सुरक्षित हैं, यह सिर्फ ब्लड ग्रुप की बात है"
सच: मच्छरों का किसी व्यक्ति की ओर आकर्षित होना कई कारणों पर निर्भर करता है, जैसे- शरीर की गंध, पसीना, त्वचा के रोगाणु, शरीर का तापमान और छोड़ी गई कार्बन डाइऑक्साइड। ब्लड ग्रुप को लेकर सबूत पूरी तरह स्पष्ट नहीं हैं। इसलिए, यह न सोचें कि आपका ब्लड ग्रुप आपको बचाता है; बचाव के उपाय सभी के लिए जरूरी हैं।
मिथक 3: "डेंगू के मच्छर सिर्फ सुबह के समय काटते हैं"
सच: यह पूरी तरह सही नहीं है। डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छर मुख्य रूप से दिन के समय एक्टिव रहते हैं। हालांकि, वे सुबह जल्दी और दोपहर के बाद (शाम के समय) सबसे ज्यादा हमला करते हैं, लेकिन वे दिन के उजाले में किसी भी समय काट सकते हैं। यहां तक कि वे घर के अंदर या हल्की रोशनी में भी सक्रिय हो सकते हैं। इसलिए, सिर्फ सुबह के वक्त सावधानी बरतना काफी नहीं है।

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मिथक 4: "मलेरिया के मच्छर सिर्फ आधी रात को काटते हैं"
सच: मलेरिया फैलाने वाले एनोफिलीज मच्छर ज्यादातर रात में काटते हैं, लेकिन इनका खतरा शाम ढलते ही शुरू हो जाता है और सुबह होने तक रहता है। कुछ प्रजातियां तो शाम को जल्दी या घर के बाहर भी काट सकती हैं। इसलिए, अगर आप शाम को बाहर बैठते हैं, तो खतरा बना रहता है, भले ही आप रात को मच्छरदानी में सोते हों।
मिथक 5: "मच्छर केवल पैरों या टखनों पर काटते हैं"
सच: मच्छर आपके शरीर के किसी भी खुले हिस्से पर काट सकते हैं। यह सच है कि कई बार वे पैरों पर ज्यादा काटते हैं, खासकर जब आप खड़े हों, लेकिन वे हाथ, गर्दन या चेहरे को भी निशाना बना सकते हैं। यह आपके कपड़ों और शरीर की स्थिति पर निर्भर करता है। यह मान लेना कि सिर्फ पैर ढकने से आप सुरक्षित हैं, गलत है। शरीर के खुले हिस्सों पर मच्छर भगाने वाली क्रीम/स्प्रे लगाना जरूरी है।

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