शरीर में सोडियम की मात्रा को खतरनाक स्तर तक गिरा सकती हैं ये 3 दवाइयां, न्यूरोलॉजिस्ट का खुलासा
क्या आप जानते हैं कि कुछ सामान्य रूप से इस्तेमाल की जाने वाली दवाइयां आपके शरीर में सोडियम के स्तर को खतरनाक हद तक कम कर सकती हैं? Low Blood Sodium या हाइपोनेट्रिमिया की यह स्थिति शुरुआत में थकावट या कन्फ्यूजन जैसे हल्के लक्षण पैदा करती है, लेकिन अगर इस पर ध्यान न दिया जाए तो यह मिर्गी के दौरे और कोमा जैसी जानलेवा समस्याओं का कारण बन सकती है।

न्यूरोलॉजिस्ट ने खोली 3 दवाओं की पोल, जो ब्लड सोडियम को खतरनाक स्तर तक गिराती हैं (Image Source: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हैदराबाद के अपोलो हॉस्पिटल्स में सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. सुधीर कुमार ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए इस गंभीर खतरे के बारे में चेतावनी दी है। खास तौर पर बुजुर्ग और लंबे समय से दवाइयां ले रहे मरीजों के लिए यह जानकारी बेहद जरूरी है।
उनका कहना है कि 3 तरह की दवाएं शरीर में लो सोडियम (हाइपोनेट्रेमिया) की स्थिति पैदा कर सकती हैं, जो समय रहते पहचानी न जाए तो जानलेवा भी साबित हो सकती है (Medications That Lower Sodium Levels)। आइए जानते हैं।
Three Commonly used Medications that can cause Hyponatremia (low blood sodium level) https://t.co/EwRh1mcfxA
— Dr Sudhir Kumar MD DM (@hyderabaddoctor) October 25, 2025
हाइपोनेट्रेमिया क्या है और क्यों है खतरनाक?
सोडियम हमारे शरीर का एक बेहद जरूरी इलेक्ट्रोलाइट है। यह कोशिकाओं के अंदर और बाहर पानी का संतुलन बनाए रखता है और नसों व मांसपेशियों के सामान्य कामकाज के लिए जरूरी है। बता दें, जब खून में सोडियम का स्तर बहुत कम हो जाता है, तो पानी कोशिकाओं के भीतर चला जाता है, जिससे वे सूजने लगती हैं।
शुरुआती लक्षण हल्के हो सकते हैं- जैसे थकान, सिरदर्द या उलझन, लेकिन अगर स्थिति बिगड़ती चली जाए तो यह दिमाग की कोशिकाओं को प्रभावित कर सकती है, जिससे दौरे पड़ना, बेहोशी या कोमा जैसी गंभीर परिस्थितियां बन सकती हैं।
3 दवाएं जो गिरा सकती हैं सोडियम का लेवल
डॉ. कुमार ने बताया कि तीन प्रकार की दवाएं, जो लाखों लोग रोज लेते हैं, सोडियम के स्तर को खतरनाक रूप से घटा सकती हैं- खासकर बुज़ुर्गों या पहले से बीमार लोगों में।

थायजाइड डायूरेटिक्स (Thiazide Diuretics)
ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए दी जाने वाली दवाओं में हाइड्रोक्लोरोथायज़ाइड और इंडापामाइड जैसी दवाएं शामिल हैं। ये दवाएं शरीर से पानी और सोडियम को मूत्र के जरिए बाहर निकालती हैं।
अगर सोडियम का लॉस ज्यादा हो जाए, तो शरीर का संतुलन बिगड़ जाता है और सोडियम स्तर खतरनाक रूप से गिर सकता है। यह समस्या खासकर उन लोगों में देखी जाती है जो पहले से डिहाइड्रेशन या किडनी संबंधी परेशानी से जूझ रहे हों।
एसएसआरआई (SSRIs - Selective Serotonin Reuptake Inhibitors)
ये दवाएं डिप्रेशन और एंग्जायटी के इलाज में दी जाती हैं, जैसे सर्ट्रालिन या एस्किटालोप्राम। डॉ. कुमार बताते हैं कि ये दवाएं शरीर में एंटी-डायूरेटिक हार्मोन (ADH) को प्रभावित कर सकती हैं। जब ADH अधिक बनने लगता है, तो शरीर में पानी रुक जाता है और हाइपोनेट्रेमिया की स्थिति पैदा हो जाती है। अगर कोई व्यक्ति साथ में ब्लड प्रेशर की दवा या मूत्रवर्धक दवा भी ले रहा हो, तो खतरा और बढ़ जाता है।
कार्बामैजेपीन और ऑक्सकार्बामैजेपीन (Carbamazepine, Oxcarbazepine)
ये दवाएं आमतौर पर मिर्गी के दौरे कंट्रोल करने और मूड स्टेबलाइजर के रूप में दी जाती हैं। इन दवाओं से SIADH (Syndrome of Inappropriate Antidiuretic Hormone secretion) नामक स्थिति पैदा हो सकती है, जिसमें शरीर में ADH का स्तर असामान्य रूप से बढ़ जाता है। इसके चलते पानी जमा होता है और सोडियम स्तर खतरनाक रूप से घट जाता है। यह जोखिम उन लोगों में ज्यादा होता है जो पहले से कई दवाएं ले रहे हों या जिनकी उम्र अधिक हो।
किन लोगों में ज्यादा होता है खतरा?
कुछ परिस्थितियां हाइपोनेट्रेमिया के खतरे को और बढ़ा देती हैं:
- एक साथ कई दवाएं लेना, जो पानी या सोडियम संतुलन को प्रभावित करती हैं।
- उम्र बढ़ने के साथ शरीर की किडनी फंक्शन और सोडियम नियंत्रण क्षमता घटती है।
- हार्ट, लिवर या किडनी की पुरानी बीमारियां।
- उल्टी, दस्त या बुखार से डिहाइड्रेशन होना।
- बहुत ज्यादा मात्रा में पानी पीना, जिससे सोडियम और पतला हो जाता है।
- जब ये सभी फैक्टर्स एक साथ हों, तो स्थिति तेजी से गंभीर हो सकती है।
समय पर लक्षण पहचानना है जरूरी
हाइपोनेट्रेमिया की शुरुआती पहचान ही जीवन बचा सकती है। डॉक्टर सलाह देते हैं कि अगर आप कोई लंबी अवधि की दवा ले रहे हैं, तो नीचे दिए लक्षणों पर ध्यान जरूर दें:
- असामान्य थकान या सुस्ती
- चक्कर आना या ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई
- उलझन, चीजें भूलना या असंतुलन
- मांसपेशियों में कमजोरी या ऐंठन
- सिरदर्द, जी घबराना या उल्टी
- और गंभीर मामलों में दौरे पड़ना या बेहोशी
अगर इनमें से कोई भी लक्षण दिखे और आप ऊपर बताई गई दवाएं ले रहे हों, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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