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    Navratri 2025: क्या वाकई सफेद नमक से ज्यादा फायदेमंद है सेंधा नमक? सच्चाई जानकर उड़ जाएंगे होश

    Updated: Sun, 21 Sep 2025 09:54 AM (IST)

    इस साल शारदीय नवरात्र (Shardiya Navratri 2025) का पावन पर्व 22 सितंबर से शुरू होकर 01 अक्टूबर तक चलेगा। इस दौरान व्रत रखने वाले लोग अक्सर सेंधा नमक का ही इस्तेमाल करते हैं लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों? आखिर क्या है सेंधा नमक में खास और क्या यह सचमुच हमारे रेगुलर व्हाइट सॉल्ट से बेहतर है? आइए जानते हैं इस सवाल का जवाब।

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    Navratri 2025: सफेद नमक या सेंधा नमक, सेहत के लिहाज से क्या है बेहतर? (Image Source: AI-Generated)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आपने लोगों को अक्सर कहते सुना होगा कि व्रत में सिर्फ सेंधा नमक ही इस्तेमाल करना चाहिए, मगर क्या आपने कभी सोचा है कि सालों से चली आ रही इस परंपरा के पीछे क्या वाकई कोई वैज्ञानिक वजह है?

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    हर बार उपवास के दौरान हम बिना सोचे-समझे सेंधा नमक खरीद लेते हैं, लेकिन क्या हम जानते हैं कि यह हमारे रोजाना के सफेद नमक से कितना अलग है (Rock Salt vs White Salt)? आइए, इस बहस को हमेशा के लिए खत्म करते हैं और जानते हैं सेंधा नमक के पीछे छिपे कुछ ऐसे सच, जो आपको हैरान कर देंगे।

    सेंधा नमक और सफेद नमक में क्या है असली फर्क?

    सेंधा नमक (Rock Salt)

    यह एक नेचुरल मिनरल है जो पहाड़ों से खदानों के जरिए निकाला जाता है। इसे प्रोसेस नहीं किया जाता, जिसकी वजह से इसमें प्राकृतिक खनिज (जैसे कि मैग्नीशियम, पोटेशियम, आयरन और जिंक) बरकरार रहते हैं। यही वजह है कि इसका रंग हल्का गुलाबी होता है, जिसे "पिंक सॉल्ट" भी कहते हैं। आयुर्वेद में इसे बहुत शुद्ध माना गया है, इसलिए व्रत-उपवास में इसका इस्तेमाल होता है। सेंधा नमक में सोडियम की मात्रा सफेद नमक से कम होती है, जो इसे हार्ट के मरीजों के लिए एक बेहतर ऑप्शन बनाता है।

    सफेद नमक (Table Salt)

    यह समुद्री पानी से निकाला जाता है और इसे कई प्रक्रियाओं से गुजारकर शुद्ध किया जाता है। इस प्रक्रिया में इसके कई प्राकृतिक मिनरल्स खत्म हो जाते हैं। इसके बाद इसमें आयोडीन मिलाया जाता है, जो थायराइड जैसी बीमारियों से बचाने के लिए बहुत जरूरी है। सफेद नमक में सोडियम की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, जिसका अधिक सेवन हाई ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ा सकता है।

    सेहत के मामले में कौन है असली विजेता?

    सेंधा नमक को बेहतर माना जाता है क्योंकि:

    • कम सोडियम: इसमें सफेद नमक की तुलना में सोडियम कम होता है, जो हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
    • ढेर सारे मिनरल्स: यह आयरन, जिंक और मैग्नीशियम जैसे 84 ट्रेस मिनरल्स से भरपूर होता है, जो शरीर के लिए बहुत फायदेमंद हैं।
    • पाचन में सहायक: आयुर्वेद के अनुसार, सेंधा नमक पाचन में सुधार करता है और गैस, अपच जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है।

    सेंधा नमक का एक बड़ा नुकसान भी है

    सेंधा नमक में आयोडीन की मात्रा बहुत कम या न के बराबर होती है। आयोडीन एक ऐसा पोषक तत्व है जो थायराइड ग्रंथि के सही काम करने और दिमाग के विकास के लिए बेहद जरूरी है। अगर आप सिर्फ सेंधा नमक का ही इस्तेमाल करते हैं, तो आपको आयोडीन की कमी हो सकती है।

    यह सच है कि सेंधा नमक सफेद नमक की तुलना में ज्यादा प्राकृतिक और खनिज से भरपूर है। लेकिन, इसका यह मतलब नहीं कि आप सफेद नमक को पूरी तरह से छोड़ दें।

    सबसे सही तरीका है दोनों का संतुलन

    • नवरात्र या उपवास के दिनों में आप सेंधा नमक का इस्तेमाल करें।
    • रोजाना के खाने में सफेद नमक का यूज करें ताकि आपके शरीर को पर्याप्त आयोडीन मिल सके।

    याद रखें, कोई भी नमक, चाहे वह सेंधा हो या सफेद, अगर ज्यादा मात्रा में खाया जाए तो नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए, हमेशा सीमित मात्रा में ही इसका सेवन करें और स्वस्थ रहें।

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