क्या आप भी ताजे फलों के जूस को मानते हैं हेल्दी? अगर हां, तो एक बार जरूर जान लें इसकी सच्चाई
गर्मी में ताजे फलों और सब्जियों का जूस पीना लोकप्रिय है पर क्या यह हेल्दी है? जूस निकालने पर फाइबर जैसे जरूरी पोषक तत्व निकल जाते हैं जो पाचन कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर के लिए जरूरी हैं। फलों के जूस में मौजूद शुगर ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ा सकता है जो डायबिटीज के मरीजों के लिए हानिकारक है।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। गर्मी के मौसम में गले को तर करने के लिए कोई फ्रूट जूस मिल जाए, तो क्या कहने। कई लोग ताजे फलों और सब्जियों से जूस निकालकर पीना पसंद करते हैं, तो कई बोतलबंद जूस का आनंद लेते हैं। बोतलबंद जूस तो आर्टिफिशियल की श्रेणी में आते हैं और एक्सपर्ट इसके कई नुकसान भी गिनाते हैं, लेकिन ताजे फलों के जूस का क्या?
हम जिसे हेल्दी समझकर पी रहे हैं, क्या फ्रूट व वेजिटेबल से पोषण लेने का यह सचमुच हेल्दी तरीका है? जब हम फलों-सब्जियों का जूस निकालते हैं, तो ऐसा क्या खो देते हैं, जो हमारी सेहत के लिए बहुत ही जरूरी है। आइए इस बारे में विस्तार से-
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जूस किसकी तुलना में हैं हेल्दी
जब हम ठंडक पाने के लिए सोडा या सॉफ्ट ड्रिंक का सहारा लेते हैं तो उस स्थिति में घर पर बने फलों-सब्जियों के जूस ज्यादा हेल्दी ऑप्शन हैं। इससे भी आपको काफी हद तक विटामिन्स, मिनरल्स, एंटीऑक्सीडेंट्स मिल जाते हैं। ऐसे भी लोग हैं जिनका मानना है कुछ फल और सब्जियों को खाने से बेहतर उनका जूस निकालना या उन्हें पकाकर खाना अच्छा रहता है। पर इस दौरान हम कुछ जरूरी तत्व भी खो देते हैं।
क्या होता है जब निकालते हैं जूस
- जब हम जूसर में फलों को डालते हैं, तो उसका पल्प वेस्ट के रूप में बाहर निकल जाता है, लेकिन वो पल्प फाइबर से भरपूर होते हैं। ये आपके खाने-पीने की चीजों को हेल्दी बनाने का काम करते हैं।
- आपके फूड में काफी सारे एंटीऑक्सीडेंट्स फाइबर के साथ जुड़े होते हैं और जैसे ही आप इस फाइबर को हटाते हैं, आप कुछ न्यूट्रिएंट्स भी खो देते हैं।
- फाइबर लंबे समय तक पेट के भरे होने का एहसास भी कराता है, जिससे आपके पाचन में मदद मिलती है। आपके कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है और ब्लड शुगर स्थिर बना रहता है।
ब्लड शुगर पर क्या असर डालते हैं ये फ्रूट जूस
- फलों में भरपूर मात्रा में नेचुरल शुगर होती है। इस शुगर के साथ फाइबर भी होता है। आपका शरीर फाइबर पचा नहीं पाता, इसलिए फलों में मौजूद शुगर पूरी तरह खून में नहीं मिलती। जैसे ही हम फलों से जूस बना देते हैं, उसमें मौजूद शुगर रिफाइंड शुगर की तरह काम करने लगती है। इससे खून में अचानक ही शुगर का लोड बढ़ जाता है और डायबिटीज के मरीजों के लिए शुगर का ये ओवरलोड खतरनाक हो सकता है।
अगर जूस निकालना ही है, तो ऐसा कर लें
- जूस निकालने के लिए सिर्फ फ्रूट ही नहीं, थोड़ी ताजी सब्जियां भी शामिल करें। इससे शुगर की मात्रा कम हो जाएगी। ऊपर से शुगर न मिलाएं।
- फलों और सब्जियों की मात्रा पर भी नजर रखें, क्योंकि एक चौथाई कप जूस ही पूरे एक फल के बराबर होता है और आधा कप वेजिटेबल जूस किसी एक सब्जी की सर्विंग के बराबर।
ऐसे स्टोर करें
- जूस बनाने के बाद उसे बाहर न छोड़ें। अगर आप बने हुए जूस को फ्रिज में स्टोर कर रहे हैं, तो 24-48 घंटों के अंदर ही उसे पी लें। जितनी देर तक जूस बाहर रहेगा उसके पोषक तत्व उतने ही ऑक्सीडाइज और डैमेज होंगे। इसलिए जूस को बनाने के साथ ही कंज्यूम कर लेना सबसे बेहतर होता है।
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