कहीं आप भी तो नहीं उठा रहे नकली लीची का लुत्फ, घर लाने से पहले इन तरीकों से करें पहचान
गर्मियों कई लोग लीची खाना पसंद करते हैं। खट्टे-मीठे स्वाद वाला यह फल आपको कई तरह के फायदे पहुंचाता है। इसमें पानी भरपूर पाया जाता है जो शरीर को हाइड्रेट रखता है। साथ ही इसे खाने के अन्य कई फायदे भी होते हैं। ऐसे में लीची (Fake litchi ) खरीदते समय मिलावट की पहचान करना जरूरी है वरना नुकसान हो सकता है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। गर्मियों में मौसम में कई सारे ऐसे फल मिलते हैं, जो इस मौसम में आपको रिफ्रेश करने के साथ ही डाइड्रेटेड भी रखते हैं। लीची इन्हीं फलों में से एक है, जो गर्मियों में कई लोग बड़े चाव से खाते हैं। इसका खट्टा-मीठा स्वाद कई लोगों को काफी पसंद आता है। साथ ही इसे खाने के कई सारे फायदे भी होते हैं।
लीची में भरपूर मात्रा में पानी पाया जाता है, जिसकी वजह से यह गर्मी के दिनों में शरीर को डाइड्रेटेड रखने में मदद करती है। साथ ही शरीर को और भी कई फायदे पहुंचाती है। हालांकि, मिलावट के इस दौर में अक्सर बाजार में फलों और सब्जियों में भी मिलावट देखने को मिलती है, जो सेहत को नुकसान पहुंचाती है। ऐसे में जरूरी है कि असली और नकली की पहचान कर इससे बचा जाए। आज इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसी ट्रिक्स के बारे में, जिनकी मदद से आप आसानी से असली और नकली लीची की पहचान कर सकते हैं।
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सूंघकर देखें
लीची को खरीदते समय हमेशा सूंघकर देखें। ताजी और बिना मिलावट वाली लीची में हल्की, फल जैसी, मीठी सुगंध आती है। वहीं, अगर लीची में तीखी, केमिकल जैसी या कोई अबीज-सी गंध आती है, तो समझ जाएं कि इसमें केमिकल मिला हुआ है। यह आर्टिफिशियल तरीके से लीची में इस्तेमाल किया गया पेंट, केरोसिन या सिंथेटिक प्रीजर्वेटिव्स की गंध हो सकती है, जिसे खाना हानिकारक हो सकता है।
काटकर देखें
लीची खरीदते समय इसे काटकर इसके पल्प को ध्यान से देखें। अगर लीची नेचुरल होगी, तो इसके अंदर का हिस्सा सफेद, पारदर्शी, रसदार और सुगंधित होगा। वहीं, अगर पल्प में लाल रंग है या वह सूखा और रंगहीन है, तो हो सकता है कि फल किसी आर्टिफिशियल पदार्थों के संपर्क में आया हो।
पानी से करें पहचान
एक साफ पानी के एक कटोरे में कुछ लीची डालें। असली और नेचुरली पकी हुई लीची पानी का रंग बदले बिना या तो डूब जाएगी या तैर जाएगी। अगर पानी लाल या गुलाबी होने लगे या अगर फल अजीब तरह से तैरने लगे, तो यह आर्टिफिशियल रंगों या केमिकल के इस्तेमाल का संकेत हो सकता है।
कॉटन या टिश्यू से रगड़कर टेस्ट करें
असली लीची की पहचान करने के लिए सबसे आसान तरीका है, इसे गीले टिश्यू या कॉटन बॉल से रगड़कर देखें। अगर फल के टिश्यू पर रंग उतर आता है, तो संभावना है कि उस पर सिंथेटिक रंग चढ़ा हुआ है। यह आसान तरीका आपको खाने से पहले नकली लीची की पहचान करने में मदद कर सकता है, खासकर अगर आपने उन्हें थोक में खरीदा हो।
छूकर देखें
आप असली और नकली लीची की पहचान छूकर भी कर सकते हैं। इसके लिए आपको बस लीची का छिलका छूना होगा। असली लीची का छिलका खुरदरा होता है, जिस पर उभार होते हैं और यह कुछ हद तक चमड़े जैसा लगता है। वहीं, अगर फल को छूने पर यह चिकना, मोम जैसा या फिसलन भरा लगता है, तो हो सकता है कि इसे ताजा लुक देने के लिए मोम या तेल में लपेटा गया हो, जो फलों में मिलावट का एक आम तरीका है।
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