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    तरबूज के नाम पर जहर तो नहीं खरीद रहे आप? घर पर 5 तरीकों से करें असली-नकली की पहचान

    Updated: Wed, 14 May 2025 08:00 PM (IST)

    गर्मी के मौसम में तरबूज खाना किसे पसंद नहीं होता? यह फल न सिर्फ स्वादिष्ट होता है बल्कि हमारे शरीर को ठंडक और ताजगी भी पहुंचाता है लेकिन आजकल बाजार में मिलावटी तरबूज भी खूब बिक रहे हैं जो आपकी सेहत के लिए बेहद हानिकारक हो सकते हैं। आइए यहां आपको इसकी पहचान के 5 आसान तरीके (Real vs Fake Watermelon) बताते हैं।

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    क्या आपका तरबूज भी है मिलावटी? इन 5 तरीकों से मिनटों में लगाएं पता (Image Source: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Real vs Fake Watermelon: गर्मी के मौसम में हर गली-नुक्कड़ पर लाल-लाल तरबूज जमकर बिकते हैं। यह फल न सिर्फ स्वाद में मीठा है, बल्कि शरीर को ठंडक भी पहुंचाता है! मगर क्या आप जानते हैं कि जो तरबूज आप सेहत के लिए खा रहे हैं, वो कहीं आपके शरीर में जहर तो नहीं भर रहा?

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    जी हां, आजकल बाजार में बड़े पैमाने पर इंजेक्शन लगाकर पकाए गए तरबूज भी बिक रहे हैं, जो न केवल आपके स्वाद बल्कि सेहत से भी खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसे तरबूज खाने से पेट दर्द, उल्टी, दस्त और फूड पॉयजनिंग से लेकर कई गंभीर बीमारियों का भी खतरा रहता है। आइए जानते हैं घर पर ही 5 आसान तरीकों से कैसे पहचानें असली और नकली तरबूज (Real Or Fake Watermelon Difference)।

    रंग में कुछ ज्यादा ही लालपन तो नहीं?

    अगर तरबूज के अंदर का गूदा बहुत ही चमकदार लाल या गहरा गुलाबी रंग का है और वह सामान्य से कुछ ज्यादा ही 'परफेक्ट' लगता है, तो सावधान हो जाइए। कई बार फलों को जल्दी पकाने या ज्यादा आकर्षक बनाने के लिए रंग मिलाने वाले केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में, कटे हुए हिस्से को सूती कपड़े से हल्का पोंछें। अगर रंग कपड़े पर आ जाए, तो समझिए तरबूज में मिलावट है।

    बीजों के रंग और बनावट पर ध्यान दें

    असली तरबूज के बीज आमतौर पर काले या गहरे भूरे रंग के होते हैं। नकली या केमिकल वाले तरबूजों में बीज सफेद या पीले हो सकते हैं, क्योंकि रासायनिक प्रक्रिया से बीज भी पूरी तरह पक नहीं पाते हैं। ऐसे में, बीज को उंगलियों से मसलकर देखें। अगर वह जल्दी टूट जाए और अंदर से भी असमान रंग का लगे, तो मिलावट की संभावना है।

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    तरबूज की सतह पर करें गौर

    आजकल कुछ विक्रेता तरबूज में मीठा इंजेक्ट कर देते हैं ताकि वो ज्यादा रसदार और स्वादिष्ट लगे। इसके लिए छोटे इंजेक्शन का इस्तेमाल होता है, जिससे तरबूज की सतह पर हल्का-सा निशान बन जाता है। तरबूज की सतह को गौर से देखें। अगर कहीं से त्वचा थोड़ी सख्त, चिपचिपी या गाढ़ी परत वाली लगे, तो वहां इंजेक्शन लगने का शक हो सकता है।

    आवाज से पहचानें पका है या पकाया गया है

    तरबूज को थपथपाने पर उसकी आवाज से आप उसके असली या नकली होने का अंदाजा लगा सकते हैं। अगर आप तरबूज को थपथपाते हैं और वह गूंजती हुई गहरी 'थप-थप' जैसी आवाज करता है, तो वह पका हुआ होता है। अगर आवाज धीमी, मरी-मरी या बेसुरी लगे, तो वह या तो अधपका है या केमिकल से पकाया गया है।

    पानी में डालकर करें टेस्ट

    यह एक आसान और भरोसेमंद घरेलू तरीका है। तरबूज के एक टुकड़े को लेकर साफ पानी में डाल दें। अगर पानी का रंग बदलने लगे या उसमें गुलाबी-लाल रंग फैलने लगे, तो समझ लीजिए कि उसमें आर्टिफिशियल रंग मिलाया गया है। असली तरबूज पानी में डालने पर कोई रंग नहीं छोड़ता।

    इन बातों का भी रखें ध्यान

    • हमेशा भरोसेमंद दुकानदार या ठेले वाले से ही तरबूज खरीदें।
    • अगर मुमकिन हो तो कटे हुए तरबूज न खरीदें। पूरा तरबूज लेकर घर पर ही टेस्ट करें।
    • मौसमी फल ही लें- बहुत जल्दी आए या बहुत देर से बिक रहे फल अक्सर स्टोर किए गए या केमिकल से पकाए होते हैं।

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