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    नॉर्थ ईस्ट का खास जायका है बांस की कोपल करी, असम से नगालैंड तक हर राज्य में मिलता है अलग स्वाद

    Updated: Tue, 23 Dec 2025 03:12 PM (IST)

    पूर्वोत्तर भारत के आदिवासी समुदायों में बांस की कोपल करी (Bamboo Shoot Curry) एक पारंपरिक और पौष्टिक व्यंजन है। यह उनकी जीवनशैली और संस्कृति का अटूट ह ...और पढ़ें

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    नॉर्थ ईस्ट की खास बांस की कोपल करी (Picture Courtesy: Instagram)

    स्मार्ट व्यू- पूरी खबर, कम शब्दों में

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। भारत की विविधतापूर्ण खानपान संस्कृति में आदिवासी समुदायों का खान-पान अपनी सादगी, पोषण और परंपरा के लिए जाना जाता है। इन्हीं पारंपरिक व्यंजनों में बांस की कोपल करी का एक खास स्थान है। खासकर भारत के नॉर्थ-ईस्ट राज्यों, असम, नगालैंड, मिजोरम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय में। 

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    यह करी न केवल एक लोकप्रिय डिश है, बल्कि आदिवासी जीवनशैली और सांस्कृतिक पहचान का अहम हिस्सा भी रही है। पीढ़ियों से यह व्यंजन इन समुदायों के रोज के खान-पान, त्योहारों और सामूहिक भोज में हिस्सा बनाया जाता रहा है। आइए जानें इस खास डिश के बारे में। 

    क्या होती है बांस की कोपल करी?

    बांस के पौधे से निकलने वाली नई, कोमल और मुलायम शाखा को बांस की कोपल कहा जाता है। यही कोपल इस करी की मुख्य सामग्री होती है। हालांकि, बांस की कोपल को कच्चा नहीं खाया जाता, क्योंकि इसमें हल्की कड़वाहट के साथ कुछ नेचुरल टॉक्सिन्स मौजूद होते हैं।

    इसलिए आदिवासी समुदायों ने पारंपरिक ज्ञान के आधार पर इसे शुद्ध करने की विधि विकसित की है। कोपलों को पहले अच्छी तरह उबालकर या भिगोकर उनके टॉक्सिन्स निकाले जाते हैं, जिसके बाद इन्हें सुरक्षित रूप से खाने में इस्तेमाल किया जाता है। यही प्रक्रिया इस व्यंजन को खास और सुरक्षित बनाती है।

    Bamboo Shoot Curry

    (Picture Courtesy: Instagram)

    करी बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री

    बांस की कोपल करी आमतौर पर मांसाहारी व्यंजन होती है। इसमें उबली हुई बांस की कोपल, सरसों का तेल, अदरक, लहसुन, हरी या सूखी मिर्च और नमक का इस्तेमाल किया जाता है। स्वाद और स्थानीय परंपरा के अनुसार इसमें मछली, चिकन या अन्य मांस भी मिलाया जाता है। मसालों का इस्तेमाल सीमित होता है, जिससे बांस की कोपल का प्राकृतिक स्वाद प्रमुख बना रहता है।

    अलग-अलग राज्यों में अलग स्वाद

    • नॉर्थ-ईस्ट के हर राज्य में बांस की कोपल करी बनाने का तरीका अलग है।
    • असम में यह करी मछली या मांस के साथ बनाई जाती है और इसका स्वाद हल्का खट्टा और तीखा होता है।
    • नगालैंड में बहुत कम मसालों का इस्तेमाल किया जाता है। यहां मिर्च और स्थानीय जड़ी-बूटियां करी को खास स्वाद देती हैं।
    • मिजोरम में यह करी स्मोक्ड फ्लेवर के साथ बनाई जाती है, जिसमें मांस का इस्तेमाल प्रमुख रूप से होता है।
    • मणिपुर में उबली कोपल, हरी सब्जियां और मछली मिलाकर हल्की और पौष्टिक करी तैयार की जाती है।

    शहरी क्षेत्रों में बढ़ती लोकप्रियता

    पहले यह व्यंजन मुख्य रूप से आदिवासी समुदायों तक सीमित था, लेकिन अब शहरी क्षेत्रों में भी इसकी लोकप्रियता बढ़ रही है। लोग पारंपरिक और स्थानीय खान-पान की ओर लौट रहे हैं और बांस की कोपल करी जैसे व्यंजन स्वास्थ्य और स्वाद, दोनों के लिए पसंद किए जा रहे हैं।

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