स्वाद में लाजवाब, इतिहास में राजसी; Baklava मिठाई की दिलचस्प कहानी के बारे में जानते हैं आप?
बकलावा एक लोकप्रिय मिठाई है जिसे भारत में भी पसंद किया जाता है। यह मूल रूप से मध्य एशिया या तुर्किए से आई है। बकलावा अपनी परतों ड्राई फ्रूट्स और मीठे सिरप के कारण अनोखा स्वाद देती है। इसे खास मौकों पर बनाया जाता था। यह मैदा पानी बटर और ड्राई फ्रूट्स से बनती है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में आपको एक से एक खाने की चीजें मिल जाएंगी। जब भी बात किसी खास और लजीज मिठाई की होती है तो बकलावा का नाम जरूर लिया जाता है। लेयर्स में सजी हुई ये मिठाई न सिर्फ स्वाद में बेहद खास होती है, बल्कि इसका इतिहास भी उतना ही दिलचस्प है। बकलावा दिखने में जितनी सुंदर होती है, उतनी ही मेहनत से बनाई भी जाती है।
आपको बता दें कि इसमें बारीक पतली परतें, ड्राईफ्रूट्स और मीठा सिरप मिलकर ऐसा स्वाद देते हैं जिसे एक बार चखने के बाद भुलाना मुश्किल हो जाता है। हर काेई इसका दीवाना हो जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बकलावा भारत की नहीं, बल्कि एक विदेशी मिठाई है? माना जाता है कि इसकी शुरुआत मध्य एशिया या तुर्किए से हुई थी।
स्वाद है अनोखा
आपको बता दें कि बकलावा की जड़ें उस दौर से जुड़ी हैं जब राजा-महाराजा के दरबार में खास पकवान परोसे जाते थे। धीरे-धीरे ये मिठाई तुर्किए, ग्रीस और अरब देशों में फेमस हाे गई। अब दुनियाभर में से फेमस हो गई है। आजकल भारत में भी बकलावा को बड़े चाव से खाया जाता है। त्योहारों या खास मौकों पर तो जरूर इसे लोग खाते हैं। इसका अनोखा स्वाद और दिलचस्प इतिहास इसे बाकी मिठाइयों से अलग बनाता है। आज हम आपको अपने इस लेख में बकलावा मिठाई की दिलचस्प कहानी बताने जा रहे हैं।
बकलावा का इतिहास
आपको जानकर हैरानी होगी कि जिसे भारत में इतने चाव से खाया जाता है वो यहां की नहीं, बल्कि विदेशों से आई है। हम बकलावा की बात कर रहे हैं। ये तुर्किए की सबसे पुरानी स्वीट डिश है। इसे सबसे पहले 1650 में तुर्किए, ग्रीस, मध्य एशिया और अरब देश में बनाया गया था। हालांकि इसे ऑटोमन साम्राज्य में पॉपुलैरिटी मिली। इसे पहले शाही दरबारों में परोसा जाता था।
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खास माैकों पर बनती थी बकलावा
उस दौरान बकलावा मिठाई को ईद या किसी खास मौकों पर बनाया जाता था। कहा जाता हे कि अगर बकलावा खानपान में शामिल नहीं होता था तो जश्न फीका सा मालूम पड़ता था। ये सिर्फ तुर्किए नहीं, बल्कि ग्रीस और लेबनान भी इसे अपनी ट्रेडिशनल मिठाई मानते हैं। इसे बनाने में बड़ी मेहनत लगती है। बाजारों में मिलने वाली बाकी मिठाइयों की तुलना में ये काफी महंगी होती है।
सिर्फ चार चीजों से बनती है ये मिठाई
इसे सिर्फ मैदा, पानी, बटर और ड्राई फ्रूट्स की मदद से बनाया जाता है। इसकी कुरकुरी लेयर्स, मलाईदार मेवे और मीठी चाश्नी इस मिठाई का स्वाद बढ़ा देती हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि भारत में ये कैसे आ पहुंची? भारत में इसे पसंद किए जाने के पीछे कई कारण हैं। इसे जिस तरीके से सर्व किया जाता है, लोगों को वो बेहद पसंद आता है। इसे देखते ही शाही खानपान का ख्याल आता है।
काजू कतली से भी ज्यादा है कीमत
आमतौर पर लोग काजू कतली को ही सबसे ज्यादा महंगी मिठाई मानते हैं, लेकिन बकलावा की कीमत उससे भी कहीं ज्यादा है। बीते कुछ सालों में इसे भारत में खूब पहचान मिल गई है। लोग इसे मेहमानों को भी सर्व करते हैं। ईद, दीपावली के मौके पर तो ये खूब खाई जाती है।
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